Type Here to Get Search Results !

ad

ADD


 

Chandigarh- जुमला साबित हुआ 48 घंटे में पेमेंट का वादा, अबतक 62% किसानों को नहीं हुई पेमेंट : हुड्डा

Former Chief Minister and Leader of Opposition Bhupinder Singh Hooda has that the state government’s promise of payment to farmers in 48 hours has proved to be another Jumla as and 62% of the farmers have not received their crop payment so far. He said offtake from mandis and payments to farmers continues to be severely hit.
 
The former Chief Minister said the government owes farmers about Rs 9,000 crore and there would an interest liability of crores of Rupees on the amount. He said the government should pay the farmers as soon as possible and also pay interest to them, as promised.

Leader of Opposition, Bhupinder Singh Hooda    


City Life Haryanaचंडीगढ़: किसानों को 48 घंटे में पेमेंट का वादा जुमला साबित हुआ है। सरकारी आंकड़ों अनुसार आज तक भी टोटल गेहूं खरीद में 62% किसानों को उनकी फसल की पेमेंट नहीं दी गई है। ये कहना है पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा का। 

उन्होंने कहा कि मंडियों में गेहूं का उठान और भुगतान दोनों ही समय पर नहीं हो रहे हैं। सरकार की तरफ किसानों का करीब 9 हजार करोड़ रुपया बकाया है, जिसपर करोड़ों रुपये ब्याज बनता है। हुड्डा ने कहा कि सरकार जल्द से जल्द किसानों को भुगतान करे और अपने वादे के मुताबिक उन्हें ब्याज की भी अदायगी करे।


पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले दिनों हुई बारिश से प्रदेश की कई अनाज मंडियों में रखा किसान का लाखों मीट्रिक टन गेहूं भीग गया। सरकार को गेहूं भीगने की वजह से किसानों को हुए नुकसान की भी भरपाई करनी चाहिए। साथ ही भविष्य में किसान के पीले सोने को बचाने के लिए मंडियों में तिरपाल और बारदाना की व्यवस्था तुरंत करानी चाहिए। उन्होंने किसानों को पेश आ रही परेशानियों के लिए बीजेपी-जेजेपी गठबंधन सरकार को जिम्मेदार ठहराया।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि किसान देश की रीढ़ हैं। देश का पेट भरने के साथ महामारी के इस दौर में अर्थव्यस्था का पूरा भार भी उसके कंधों पर आ गया है। साथ ही आज उसे एक साथ महामारी, मौसम, महंगाई, सरकारी बदइंतजामी का भी सामना करना पड़ रहा है। खेत, मंडी और दिल्ली बॉर्डर, हर जगह किसान सरकारी अनदेखी का शिकार हो रहा है। इसके चलते कड़कड़ाती ठंड के बाद अब आंदोलनकारी चिलचिलाती धूप और लू का सामना करने को मजबूर हैं। 150 दिनों से किसान अपना घर-परिवार छोड़कर दिल्ली बॉर्डर पर बैठे हैं। 300 से ज्यादा किसानों ने अपनी जान की कुर्बानी दे दी, बावजूद इसके सरकार का दिल नहीं पसीजा।

हुड्डा ने कहा कि सरकार को आंदोलनकारी किसानों के साथ बातचीत की प्रक्रिया फिर से बहाल करनी चाहिए और जल्द से जल्द उनकी मांगों मानकर आंदोलन खत्म कराना चाहिए। अन्नदाता की अनदेखी सरकार और देश, किसी के भी हित में नहीं है।

खबरें और भी हैं...  

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Below Post Ad


ADD


 

ads