प्रदेश के किसानों को पुरानी दरों पर ही खाद-उर्वरक मिलना सुनिश्चित करें
कृषि अधिकारियों को अपने मोबाईल नम्बर समाचार पत्रों के माध्यम से भी किसानों के साथ
सांझा करने के भी निर्देश दिए गए हैं ताकि जरूरत पडऩे पर किसान उनसे संपर्क कर सकें
सरकारी प्रवक्ता
ने बताया कि कृषि अधिकारियों को यह निर्देश अंतरराष्ट्रीय मार्केट में फॉस्फेटिक
उर्वरकों के कच्चे माल की कीमतों में बढ़ोतरी के बाद भारत सरकार द्वारा खाद-उर्वरक
बनाने वाली कम्पनियों के साथ आयोजित बैठक में लिए गए निर्णय के तहत दिए गए हैं। इस
बैठक में कृषि मंत्रालय ने खाद उत्पादकों को मौजूदा स्टॉक को पुरानी दरों पर ही
बेचने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने बताया कि
किसानों को उर्वरको के मूल्य के बारे में यदि कोई शिकायतें आती हैं तो कृषि
अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि उन्हें प्राथमिकता के आधार पर त्वरित
कार्रवाई करते हुए सुलझाएं।
उन्होंने बताया कि
जिलों में कार्यरत कृषि उपनिदेशक को किसानों के लिए तुरंत प्रभाव से कई आवश्यक कदम
उठाने के भी निर्देश दिए हैं। इनमें फॉस्फेटिक उर्वरक डीलरों का जिला स्तर पर
स्टॉक रजिस्टर का ऑडिट करेंगे और सभी उर्वरक डीलरों की फॉसफेटिक उर्वरक और स्टॉक
की तिथि अनुसार स्टेटमेंट तैयार करेंगे। इसके साथ ही डीलरों को यह भी निर्देश दिए
गए हैं कि फासफेटिक उर्वरकों की पुराने रेट पर बिक्री करके किसानों को बिल अवश्यक
जारी करेंगें।
उन्होंने बताया कि
जिला स्तर पर अधिकारी राज्य में कपास उगाने वाले जिलों में बीटी कॉटन के बीज की
बिक्री के साथ साथ डीएपी कीमतों पर भी कड़ी निगरानी रखेंगे। इसके अलावा कि उन्हें
राज्य में उर्वरकों की बिक्री पीओएस मशीन के माध्यम से ही सुनिश्चित करने के भी
निर्देश दिए गए है।
प्रवक्ता ने बताया
कि कृषि अधिकारी-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) की बिक्री के लिए भी माहवार विवरण एकत्र
करेंगे, जिसमें किसान का नाम, गांव का नाम व मोबाईल नम्बर भी दर्ज होना
अनिवार्य है ताकि किसानों को कॉल करके वास्तविक कीमतों के बारे में जांच की जा
सके। जिला के कृषि अधिकारियों को किसानों की शिकायतों का समाधान सुनिश्चित करके
जिला स्तर पर की गई कार्रवाई की प्रतिलिपि मुख्यालय को भेजने के भी निर्देश दिए गए
हैं ।
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