नियमित व्यायाम से नियंत्रित किया जा सकता है उच्चरक्तचाप: डॉ. खेतरपाल
कॉलेज की
कार्यवाहक प्रिंसिपल डॉ. आभा खेतरपाल व विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर पारूल सिंह ने
संयुक्त रूप से कार्यक्रम की अध्यक्षता की। डॉ. आभा खेतरपाल ने ऑडियो लेक्चर व
पीपीटी के जरिए छात्राओं को उच्चरक्तचाप से बचाव के बारे में जागरूक किया। वहीं
विभाग की प्राध्यापिका शीनम सौंधी ने छात्राओं को रक्तचाप के कारण व निवारण की
जानकारी दी।
डॉ. खेतरपाल ने कहा कि एक रिपोर्ट के
मुताबिक शहरी क्षेत्र में करीब 33 व ग्रामीण क्षेत्र में 25 प्रतिशत भारतीय उच्चरक्तचाप का शिकार है।
जो कि चिंता का विषय है। उच्चरक्तचाप को दूर करने के लिए वजन कम करना, नियमित रूप से
व्यायाम, स्वस्थ आहार खाना, धूम्रपान बंद करना तथा नमक और कैफीन में कटौती करने की
जरूरत है।
जिसमें कम सोडियम, उच्च पोटेशियम की
चीजें शामिल हैं। इसके अलावा फल, सब्जियों पर जोर देना चाहिए और कम वसा वाले डेयरी उत्पाद का
प्रयोग किया जा सकता है। सौंधी ने बच्चों में उच्चरक्तचाप नापने के तरीके, इससे होने वाली
बीमारियां तथा रोकथाम के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस दौरान आयोजित पोस्टर
मेकिंग प्रतियोगिता में कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. आभा खेतरपाल, डॉ. सुनीता कौशिक, शालिनी छाबड़ा व
विकास वालिया ने निर्णायक मंडल की भूमिका अदा की।
- इस प्रकार रहा परिणाम
प्रतियोगिता में डीएवी गल्र्स कॉलेज की आरती
शर्मा ने पहला, जीएनजी कॉलेज की अंजलि चौधरी ने दूसरा तथा वीएकेएम
बहादुरगढ़ की मनीषा ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। सीआर कॉलेज हिसार की अनीता देवी, जीएनजी कॉलेज की
तन्नु तथा डीएवी कॉलेज फॉर एजुकेशन की श्वेता को सांत्वना पुरस्कार से नवाजा गया।
विभाग की प्राध्यापिका सुखलीन कौर ने शानदार रेसिपी बनाकर छात्राओं के साथ सांझा
की। कार्यक्रम को सफल बनाने में विभूति राणा, नेहा कश्यप, तविंद्र सिंह ने योगदान दिया।