जिस क्षेत्र का वे स्वयं प्रतिनिधित्व कर रहे हैं उसके लिए मन में यह इच्छा रहती है कि मिल बैठकर ही बातचीत करूं
लेकिन कोरोना की गम्भीरता को ध्यान में रखते हुए ऐसा करना पड़ रहा है
संस्थाओं के साथ नागरिकों ने भी आगे आकर सहयोग किया है
इसके लिए वे बधाई के पात्र हैं
मुख्यमंत्री
आज करनाल की 30 से अधिक स्वयंसेवी संस्थाओं, सामाजिक संगठनों, आईएमए, व्यापार मण्डलों
से जुड़े हुए प्रतिनिधियों से वर्चुअली बातचीत कर रहे थे। करनाल के सांसद संजय
भाटिया, विधायक हरविन्द्र कल्याण, रामकुमार कश्यप, धर्मपाल गोंदर एवं
उपायुक्त निशांत यादव सहित जिला प्रशासन के कई अधिकारी भी इससे जुड़े।
मुख्यमंत्री ने कल्पना चावला मेडिकल
कॉलेज में गम्भीर कोविड मरीजों के ईलाज के लिए इकमो (एक्सटरा कारपोरीयल मेम्बरेन
ऑक्सीजनेशन) मशीन, 10 एमटी अतिरिक्त मेडिकल ऑक्सीजन भण्डारण टैंक एवं शहर में
सफाई के लिए जेटिंग कम सक्शन मशीन का भी लोकार्पण भी किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि करनाल के लोगों से
वर्चुअल बात करनी पड़ेगी, ऐसा उन्होंने कभी नहीं सोचा था। जिस क्षेत्र का वे स्वयं
प्रतिनिधित्व कर रहे हैं उसके लिए मन में यह इच्छा रहती है कि मिल बैठकर ही बातचीत
करूं। लेकिन कोरोना की गम्भीरता को ध्यान में रखते हुए ऐसा करना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि वर्चुअल संवाद में सेवामूर्ति बढचढ कर भाग ले रही हैं। कर्ण भूमि
सेवा का सागर है। जब भी आवश्यकता पड़ती है संस्थाओं के साथ नागरिकों ने भी आगे आकर
सहयोग किया है। इसके लिए वे बधाई के पात्र हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि संकटकाल में सेवा
करने से दोनों तरफ का लाभ मिलता है। ऑक्सीजन, भोजन की पूर्ति करने के साथ साथ परामर्श एवं ढांढस दिलाने
जैसे सेवा कार्य करने से आत्मयिक संतोष और सुकून मिलता है और जरूरतमंदों को लाभ।
उन्होंने कहा कि जीवन में अनजाने में हुई गलती या कमी के लिए बाबा नानक देव जी की
कहावत है-भूल चूक मुआफ-इसलिए ऐसे पुण्य के कार्य को सदैव करते रहना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इकमो (एक्सटरा
कारपोरीयल मेम्बरेन ऑक्सीजनेशन) मशीन आईसीयू, वेन्टिलेटर के उपयोग के बाद गम्भीर कोविड रोगियों के लिए
प्रयोग में लाई जा सकेगी। इस मशीन से रोगियों की कृत्रिम फेफड़ों के रूप में श्वसन
प्रक्रिया चलती रहेगी और ओरिजनल फेफड़ों को दो तीन दिन आराम मिल जाएगा। इस प्रकार
फेफड़े पूर्ण रूप से ठीक हो जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अतिरिक्त ऑक्सीजन
टैंक से जिला में 20 एमटी भण्डारण की क्षमता हो गई है। रोहतक पीजीआई में 30 एमटी भण्डारण का
प्रबंध है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा गुरूग्राम, फरीदाबाद जैसे तीन चार स्थानों पर
ऑक्सीजन भण्डारण की व्यवस्था करने पर ध्यान दिया जा रहा है ताकि आपातकाल में आसानी
से प्रयोग में लाई जा सके। उन्होंने कहा कि पानीपत व हिसार के बड़े प्लांटों में ही
उत्पादन एवं भण्डारण क्षमता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि संस्थाओं के कुछ
सुझाव आए हैं। उन पर सरकार की ओर से अमल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन
कंसंट्रेटर के बैंक बनाए जाएं और 5-7 दिन बाद पहले वाले मरीजों से लेकर दूसरों को दिए जाएं। कोई
ऑक्सीजन सिलेण्डर व ऑक्सीजन कंसंट्रेटर दोनों न ले, इस तरह की भावना लोगों में जागृत की जाए
ताकि आवश्यकता अनुसार ये जीवन रक्षक उपकरण सभी के लिए प्रयोग में लाए जा सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में एक्टिव
कोरोना मरीजों का आंकड़ा एक लाख 16 हजार तक पहुंच गया था, वह अब 31 हजार पर आ गया है। इसमें सुधार हो रहा है। उन्होंने कहा कि
स्टेण्ड एलोन (जिनके आसपास कोई दुकान न हो) दुकाने ही सायं तक खोली जा सकती हैं।
सभी दुकानों का समय बढाने बारे सरकार द्वारा शीघ्र ही निर्णय लिया जाएगा। भीड़
वाले बाजारों में ऑड - इवन से खोलने का निर्णय लिया है ताकि कोरोना संक्रमण को
फैलने से रोका जा सके।