HARYANA DESK : प्रदेश के करीब 18 हजार निजी स्कूलों से जुड़े 7.5 लाख से अधिक शिक्षकों की महामारी ने कमर तोड़ दी है। कोरोना महामारी ने प्रदेश के करीब 18 हजार निजी स्कूलों से जुड़े 7.5 लाख से अधिक शिक्षकों की कमर तोड़ दी तो दूसरी ओर कोचिंग-ट्यूशन पढ़ाने वाले हजारों शिक्षक बेरोजगार हो गए। राज्य के करीब 80 प्रतिशत निजी स्कूलों के शिक्षक रोजगार की जंग लड़ रहे हैं।
इधर, स्कूल संचालकों का तर्क है कि कोरोनाकाल में पिछले सवा साल से बच्चों की फीस ही पूरी नहीं मिल रही है तो कैसे शिक्षकों का पूरा वेतन चुकाएं। ऐसे में कई निजी स्कूलों के मजबूर शिक्षकों ने रोजगार की राह बदल ली है। कई शिक्षकों ने गांव में परचून की दुकान खोल ली, कई अध्यापक खेतों में सब्जी उगा रहे हैं, तो किसी ने ठेके पर जमीन लेकर कपास की खेती कर रहे हैं तो किसी ने अपने हुनर के दम पर दूसरा रोजगार हासिल कर लिया।