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चंडीगढ़ : 400-500 रुपये प्रति क्विंटल के घाटे पर खरीदी जा रही है किसानों से मक्का- हुड्डा

गठबंधन सरकार की नीयत और नीतियों से परेशान है किसान - हुड्डा 

400-500 रुपये प्रति क्विंटल के घाटे पर खरीदी जा रही है किसानों से मक्का- हुड्डा 

गेहूं व गन्ने के बकाया का जल्द भुगतान करे सरकार, अब भी किसानों का करोड़ों रुपये बकाया- हुड्डा 

कागजों तक सीमित है पशु बीमा योजना, पशुपालकों को नहीं दिया जाता कोई क्लेम- हुड्डा 


CITY LIFE HARYANA  | चंडीगढ़ : पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा का कहना है कि बीजेपी-जेजेपी सरकार की नीयत और नीतियों से किसान, मजदूर और आढ़ती का नुकसान हो रहा है। मौजूदा सरकार की नीतियां फसल उत्पादक से लेकर पशुपालक तक हर किसान के लिए हानिकारक साबित हो रही है। क्योंकि सरकार द्वारा आय दुगुनी करने व एमएसपी पर खरीद का वादा भी जुमला साबित हो रहा है। किसानों को मजबूरी में अपनी मक्का 1300 से 1400 रुपये प्रति क्विंटल के रेट पर बेचनी पड़ रही है। जबकि मक्का का एमएसपी 1850 रुपये है। किसानों ने बाकायदा फसल खरीद की पर्ची दिखाकर बताया है कि उन्हें प्रति क्विंटल 400 से 500 रुपये कम रेट पर फसल बेचनी पड़ रही है।



भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सरकार से किसानों को हो रहे इस नुकसान की भरपाई करने की मांग की है। साथ ही उन्होंने गेहूं उत्पादक किसानों के बकाया का भुगतान करने की भी मांग उठाई है। क्योंकि अभी तक किसानों का करोड़ों रुपया सरकार की तरफ बकाया है। हुड्डा ने गेहूं के साथ गन्ने के भुगतान की भी मांग की है। उन्होंने कहा कि सरकार को जल्द से जल्द किसानों को भुगतान करना चाहिए ताकि उन्हें आने वाली फसलों की तैयारी में आर्थिक दिक्कतों का सामना ना करना पड़े। सरकार ने किसानों के साथ आढ़तियों से भी वादाखिलाफी की है। उन्हें उनकी पूरी आढ़त का भुगतान नहीं किया जा रहा। किसान,मजदूर और आढ़ती अपने जायज पारिश्रमिक के हकदार हैं। इसमें किसी भी तरह की कटौती उनके साथ अन्याय है।



नेता प्रतिपक्ष ने पशुपालक किसानों से आयी शिकायतों पर कहा कि मौजूदा सरकार में पशु बीमा योजना सिर्फ कागजों तक सिमट कर रह गई है। कांग्रेस सरकार के दौरान बीमा की एवज में पशुपालकों के नुकसान की भरपाई की जाती थी। लेकिन इस सरकार में ना पशुओं का बीमा हो रहा है और ना ही पशुपालकों को कई महीनों से किसी तरह का कोई क्लेम दिया जा रहा है। सरकार द्वारा वक्त-वक्त पर लगाए जाने वाले निवाश और उसमें पशुपालकों को मिलने वाले प्रोत्साहन राशि की परंपरा भी लगभग खत्म हो गई है। इतना ही नहीं पशु मेलों में लगने वाली 50-100 की एंट्री फीस को मौजूदा सरकार ने बढ़ाकर सीधे हजारों रुपए कर दिया है। स्पष्ट है कि गठबंधन सरकार की नीतियों के चलते तमाम किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है।

The Leader of the Opposition said on the complaints received from the cattle rearing farmers that in the present government, the animal insurance scheme has been reduced to paper only. “Cattle farmers was compensated for their loss by insurance during the Congress government but neither the animals are being insured nor any claim is being given to the cattle owners for several months, during this government,” 

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