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Yamunanagar- मौत भी ना मार पाई उसे, 'जिंदा लौट आया मुर्दा'

अंत्येष्टि: 28 साल पहले लापता हुए यूपी पुलिस के होमगार्ड रोहित को जिंदा देखकर घर में पसरा मातम खुशी में बदल गया


    By/ Rahul Sahajwani, 25 जून 2021


यमुनानगर। क्या कोई मुर्दा भी कभी जिंदा हो सकता है.?  हरियाणा के यमुनानगर से सामने आया.. जहां एक परिवार ने अपने परिजन का अंतिम संस्कार कर दिया लेकिन वह शख्स जिंदा होकर लौट आया है। जिसे देख पुलिस और परिवारवालों के होश उड़ गए। जब पूरा मामला खुला तो हर कोई हैरान रह गया। अंत्येष्टि के बाद. 28 साल पहले लापता हुए यूपी पुलिस के होमगार्ड रोहित को जिंदा देखकर घर में पसरा मातम खुशी में बदल गया। 

  • क्राइम ब्रांच की टीम के प्रयासों से जिंदा रोहित 28 साल बाद अपने बेटे और परिवार से मिला। जिसके बाद से परिवार की खुशी का ठिकाना नही है और परिवार के लिए ये किसी चमत्कार से कम नही है।

 28 साल बाद बाप बेटे का हुआ मिलन


जिसे बेटे ने मरा हुआ सोच लिया था। अक्सर ऐसे किस्से फिल्मी कहानियों या डेली सोप में देखने को मिलते है। लेकिन यहाँ क्राइम स्टेट क्राइम ब्रांच एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल पंचकूला में तैनात एसआई के प्रयासों से एक सच्ची कहानी सामने आई, और 28 सालों से गुमशुदा व्यक्ति अपने बेटे से मिल पाया है।

गुमशुदा 60 वर्षीय  रोहित के बेटे ने बताया कि जब उसके पिता लापता हुए और कई सालों बाद भी कोई सुराग नही लगा तो हमने सोचा कि वो इस दुनिया मे नही है। और यही सोच हमने इनका क्रिया कर्म भी कर दिया। लेकिन जब टीम की तरफ से वीडियो कॉल आई तब मैंने अपने पिता को पहचान लिया। और मेरी खुशी का कोई ठिकाना था। और मुझे विश्वास नही हो रहा था, लेकिन हमारे लिए ये किसी चमत्कार से कम नही है।

हरियाणा पुलिस स्टेट क्राइम ब्रांच(AHTU) पंचकूला टीम मे  तैनात एएसआई राजेश कुमार ने मिर्जापुर उत्तर प्रदेश से 28 साल से गुमशुदा मनबुद्धि व्यक्ति को परिवार से मिलवाया। जो कभी यूपी पुलिस में होमगार्ड के पद पर तैनात था। और 30 वर्ष की उम्र में लापता हो गया था। अब क्राइम ब्रांच के प्रयासों से वो परिवार से मिल पाया है। 


दरअसल स्टेट क्राइम ब्रांच एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल पंचकूला मैं तैनात ASI  राजेश कुमार को मगरपुर में नी आसरे दा आसरा के संचालक जसकीरत सिंह ने बताया कि एक रोहित नाम का व्यक्ति आयु 60 पिता का नाम विश्वनाथ लावारिस मिला है। जिसके बाद एएसआई राजेश ने लावारिस व्यक्ति से 1 घंटा लगातार कॉन्सलिंग की अपना रोहित पिता का नाम विश्वनाथ गांव का नाम झीलवर बताया और कहा कि मैं उत्तर प्रदेश होमगार्ड में नौकरी करता था। इससे ज्यादा मुझे कुछ नहीं याद नही।

जिसके बाद एसएसआई ने राजेश कुमार ने गुमशुदा व्यक्ति की तलाश स्टार्ट की इस नाम को नेट की सहायता से सर्च किया ऐसी ऐसी बहुत सारे गांव भाई सभी गांव में संपर्क किया गया पर कोई सफलता नहीं मिली फिर दो कदम आगे बढ़ा एक गांव मिर्जापुर उत्तर प्रदेश में मेला गांव के सरपंच से संपर्क किया। फोटो डिटेल भेजी उन्होंने बताया कि यह व्यक्ति हमारे गांव से 25 साल पहले जाकर अपनी ससुराल में रहने लग गया था। गांव का नाम मांडा खास तहसील मेजा खास थाना मांडा जिला प्रयागराज उत्तर प्रदेश संपर्क किया। 


उन्होंने फोटो को पहचाना और वीडियो कॉलिंग कराई गई, फिर उन्होंने पहचान लिया और बताया कि इस का लड़का अमरनाथ हाउस नंबर 12 मानेसर गुरुग्राम हरियाणा में रह रहा है। उनसे संपर्क किया वीडियो कॉलिंग अमरनाथ ने बताया कि मेरा पिताजी रोहित उस टाइम लगभग आयु 30 वर्ष थी और यह मिर्जापुर होमगार्ड में कॉन्स्टेबल की नौकरी करते थे। वही से गुम हो गए, हमने बहुत तलाश की पर कहीं नहीं मिले।

 

  • गौरतलब है कि इससे पहले भी एएसआई राजेश अपने परिवार से बिछड़े कई लोगो को मिलवा चुके है। 



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