कोरोना काल में अपने घरों में रहकर कलाकारों ने प्रकृति की रक्षा हेतु जो अभिव्यक्ति प्रस्तुत की है. यह समस्त मानव जाति की सृजनधर्मिता का जीवंत उदाहरण है. इन 20 कलाकृतियों के माध्यम से कलाकारों ने 20 तरह की कल्पनाओं का संसार प्रस्तुत किया है.
उन्होंने कहा कि कोरोना काल में अपने घरों
में रहकर कलाकारों ने प्रकृति की रक्षा हेतु जो अभिव्यक्ति प्रस्तुत की है यह
समस्त मानव जाति की सृजनधर्मिता का जीवंत उदाहरण है । इन 20 कलाकृतियों के माध्यम से कलाकारों ने 20 तरह की कल्पनाओं का संसार प्रस्तुत किया है।
उन्होंने कहा की देश भर से अलग-अलग
विश्वविद्यालयों के ललित कला विभाग के शोधार्थियों एवं शिक्षकों द्वारा निर्मित यह
कलाकृतियां समाज को समर्पित करते हुए अति प्रसन्नता हो रही है। गौरतलब है की
भविष्य में यह कलाकृतियां जन जागरण यात्राओं के माध्यम से हरियाणा के सभी जिलों
में प्रदर्शित की जाएंगी।
इस पूरे अभियान की प्रेरणास्रोत श्रीमती धीरा
खंडेलवाल ने कहा कि इन निर्मित कलाकृतियों और पर्यावरण विचारों को समाहित करके
हरियाणा के सभी महाविद्यालयों में संचालित किए जा रहे प्रकृति ज्ञान केंद्रों के
लिए पुस्तक प्रकाशित की जायेगी।
निदेशक सतर्कता शक्ति विभाग एवं अतिरिक्त
पुलिस महानिदेशक कुलदीप सिहाग ने जहां इन कलाकृतियों को युवाओं और विद्यार्थियों
को बिजली संरक्षण हेतु सहयात्री बनने के लिए आमंत्रित करती हुई बताया तो दूसरी ओर प्रबन्ध
निदेशक एचपीजीसीएल मोहम्मद साईन ने कहा कि ये कलाएं हमें एहसास दिलाती हैं कि जो
विचार हजार शब्दों में नहीं कहा जा सकता वह चित्रकार कैनवास के माध्यम से
अभिव्यक्त कर देता है।
इस अवसर पर प्रबन्ध निदेशक उत्तर हरियाणा
बिजली वितरण निगम शशांक आनंद, निदेशक वित्त डी
पी तिवारी,
निदेशक तकनीकी आर के जैन, निदेशक परियोजना संजीव बंसल, मुख्य अभियंता प्रशासन अंजुम चुघ, ओ एस डी योगेश गुप्ता, एस ई विजीलेंस इकबाल, संस्कृतिकर्मी राजीव रंजन उपस्थित रहे ।