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चंडीगढ़- बेरोजगारी पर विपक्ष ऐसी संस्था के आंकड़ों ‌का करता है जिक्र, जिसकी कोई साख नहीं : CM

Haryana Chief Minister : Manohar Lal has hit back at the statement of Congress leader Bhupendra Singh Hooda on the increasing unemployment rate in Haryana, saying that each time the Leader of the Opposition refers to  a report of an institution which doesn't have any credibility.   


चंडीगढ़ NEWS हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कांग्रेसी नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा द्वारा हरियाणा में बढ़ रही बेरोजगारी दर के बयान पर पलटवार करते हुए कहा है कि विपक्ष के नेता हर बार एक ऐसी संस्था की रिपोर्ट का उल्लेख करते हैं जिसकी अपनी कोई साख नहीं है।

The Chief Minister said that according to the March 2020 report of the National Statistical Organization, the unemployment rate in Haryana was 7 percent between January and March, 2020, while the Centre for Monitoring Indian Economy (CMIE) report showed it to be 23.7 percent.  Therefore, the rhetoric being made by Hooda on the increase in unemployment rate in Haryana is false and baseless.

मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय सांख्यिकीय संगठन की मार्च, 𝟐𝟎𝟐𝟎 की रिपोर्ट के अनुसार जनवरी से मार्च, 𝟐𝟎𝟐𝟎 के बीच हरियाणा में बेरोजगारी दर 𝟕 प्रतिशत थी जबकि सी.एम.आई की रिपोर्ट में यह 𝟐𝟑.𝟕 प्रतिशत दिखाई गई। इसलिए भूपेंद्र सिंह हुड्डा द्वारा हरियाणा में बेरोजगारी दर में वृद्धि पर की जा रही बयानबाजी झूठी और बेबुनियाद है।

मनोहर लाल ने कहा कि कांग्रेस के नेता एक ऐसी संस्था की रिपोर्ट पर अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने की कोशिश कर रहे हैं, जिसकी अपनी कोई साख नहीं है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) लाभ कमाने के लिए बनाई गई निजी स्वामित्व वाली कंपनी है, जिसके निर्णय को निष्पक्ष एवं पारदर्शी नहीं कहा जा सकता। सी.एम.आई.ई. की सर्वे रिपोर्ट रोजगार क्षमता, कार्यबल और श्रम शक्ति पर आधारित नहीं है।

Manohar Lal said that there are many mistakes in the design, size, data, questionnaire etc. in the survey of CMIE.  Firstly, the CMIE survey report is not based on employability, workforce and labor force.  Secondly, its survey report covers only 0.028 per cent of the total households, which is not enough to present a complete picture. 70 percent urban and 30 percent rural households have been included in this survey report, which is in contrast to the geographical and demographic environment of Haryana, as we have 65 percent of the population living in rural areas and 35 percent in urban areas. This survey report does not include questions to calculate unemployment rate. Apart from this, students and retirees have also been included in this survey report, which is another big mistake.

मनोहर लाल ने कहा कि सीएमआईई के सर्वेक्षण में डिजाइन,आकार,डेटा,प्रश्नावली इत्यादि की अनेक गलतियां हैं। एक तो सी.एम.आई.ई. की सर्वे रिपोर्ट रोजगार क्षमता,कार्यबल और श्रम शक्ति पर आधारित नहीं है। दूसरे इसकी सर्वे रिपोर्ट में कुल घरों का केवल 𝟎.𝟎𝟐𝟖 प्रतिशत शामिल किया गया है, जो पूरी तस्वीर पेश करने के लिए पर्याप्त नहीं है। इस सर्वे रिपोर्ट में 𝟕𝟎 प्रतिशत शहरी और 𝟑𝟎 प्रतिशत ग्रामीण परिवारों को शामिल किया गया है, जोकि हरियाणा के भौगोलिक और जनसांख्यिकी परिवेश के विपरीत है, क्योंकि हमारे यहां 𝟔𝟓 प्रतिशत आबादी ग्रामीण क्षेत्र में और 𝟑𝟓 प्रतिशत शहरी इलाकों में रहती है। इस सर्वे रिपोर्ट में बेरोजगारी दर की गणना करने वाले प्रश्नों को शामिल ही नहीं किया गया है। इसके अलावा, इस सर्वे रिपोर्ट में छात्रों और सेवानिवृत्त लोगों को भी शामिल किया गया है, जो कि एक अन्य बड़ी गलती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नागरिक संसाधन सूचना विभाग द्वारा चलाई जा रही महत्वकांक्षी योजना परिवार पहचान पत्र के तहत प्रदेश के लगभग प्रत्येक परिवार का पंजीकरण हो चुका है जिसमें लोगों ने स्वयं बेरोजगारी को घोषित किया है जो केवल 𝟔 प्रतिशत है। जब प्रदेश के लोग स्वयं बेरोजगारी दर को घोषित कर रहे हैं तो विपक्ष के नेता किस आधार पर बोल रहे हैं कि हरियाणा में बेरोजगारी दर बढ़ रही है। यह दर्शाता है कि वह केवल झूठी राजनीति कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि हमने प्रदेश में बेरोजगारों को रोजगार में मदद के लिए एच.आर.एक्स पोर्टल शुरू किया है। इस पर युवाओं ने अपना पंजीकरण कराया है। इनमें से भी अनेक ऐसे युवा हैं, जो पहले ही कहीं काम कर रहे हैं और पोर्टल पर उन्होंने बेहतर रोजगार पाने के लिए पंजीकरण किया है। इन 𝟖 लाख 𝟖𝟎 हजार युवाओं में से केवल 𝟐 लाख 𝟑𝟎 हजार उम्मीदवारों को सक्षम युवा योजना के लिए अनुमोदित किया गया है जोकि नौकरी की तलाश करने वाले युवाओं की संख्या का बेहतर अनुमान है।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा द्वारा दिए गए बयान कि महम में बनने वाला एयरपोर्ट प्रोजेक्ट हरियाणा से बाहर चला गया है पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने उन पर निशाना साधते हुए कहा है कि कांग्रेस सरकार ने अपने शासनकाल के दौरान महम में एयरपोर्ट बनाने के लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा था, जिसके लिए महम में जमीन चिन्हित की गई थी। परंतु नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने इस प्रस्ताव को कभी मंजूरी ही नहीं दी क्योंकि महम का प्रस्तावित एयरपोर्ट दिल्ली एयरपोर्ट के बहुत नजदीक था और यह प्लेन के डिसेंट पाथ यानी प्लेन के लैंडिंग रूट के बीच आ रहा था। इन्हीं तकनीकी कारणों की वजह से मंत्रालय ने कभी इस परियोजना को मंजूर ही नहीं किया।

मनोहर लाल ने कहा कि जब कोई प्रोजेक्ट मंजूर ही नहीं हुआ उसके लिए कोई भूमि अधिग्रहण ही नहीं किया गया तो किस आधार पर विपक्ष के नेता झूठी बयानबाजी कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार हिसार को इंटीग्रेटिड एविएशन हब के रूप में विकसित कर रही है, जिसमें एविएशन संबंधित अनेक गतिविधियों को बढ़ाया जाएगा। इनमें विमानन प्रशिक्षण, सिम्युलेटर प्रशिक्षण, मरम्मत सुविधा, रक्षा एयरोस्पेस विनिर्माण तथा एयर कारगो पोर्ट इत्यादि की सुविधाएं शामिल होंगी।

Responding to the statement made by the Leader of the Opposition regarding the construction of Rail Coach Factory in Haryana, Manohar Lal said that Rail Coach Factory is being constructed by Railway Vikas Nigam Limited at Barhi (Ganaur), District Sonipat.  And its work is in progress which will be completed in December 2021.  He said that the foundation stone of this project was laid in October 2019 and despite the crisis period of global Covid-19 pandemic, this project will be completed within a stipulated period of 2 years.

हरियाणा में रेल कोच फैक्ट्री के निर्माण के संबंध में भूपेंद्र सिंह हुड्डा द्वारा दिए गए बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए मनोहर लाल ने कहा कि रेल कोच फैक्ट्री का निर्माण रेलवे विकास निगम लिमिटेड द्वारा बरही (गन्नौर), जिला सोनीपत में किया जा रहा है और इसका कार्य प्रगति पर है जो दिसंबर 𝟐𝟎𝟐𝟏 में पूरा हो जाएगा। उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट की आधारशिला अक्टूबर 𝟐𝟎𝟏𝟗 में रखी गई थी और वैश्विक कोरोना महामारी के संकट काल के बावजूद भी निश्चित 𝟐 साल की अवधि के दौरान यह परियोजना पूर्ण हो जाएगी।

The total budget allocated for this project is around Rs 484 crore, out of which about Rs 437 crore has been spent.  He said that the main objective of this factory is to upgrade and modernize railway coaches.  This Rail Coach Factory is being constructed on about 172 acres of land and every year about 700 rail coaches will be renovated and modernized in this factory.

इस परियोजना के लिए आवंटित कुल बजट लगभग 𝟒𝟖𝟒 करोड़ है, जिसमें से लगभग 𝟒𝟑𝟕 करोड रुपए खर्च किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि इस कारखाने का मुख्य उद्देश्य रेल डिब्बों का नवीनीकरण और आधुनिकीकरण करना है। इस रेल कोच फैक्ट्री का निर्माण लगभग 𝟏𝟕𝟐 एकड़ भूमि पर किया जा रहा है और इस फैक्ट्री में हर साल लगभग 𝟕𝟎𝟎 रेल के डिब्बों का नवीनीकरण और आधुनिकीकरण किया जाएगा। 

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