मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत 10 वर्ष से कम आयु के अनाथ हुए बच्चों के लिए स्कूली शिक्षा का प्रबंध सरकार द्वारा किया जाएगा. जिसके तहत उन्हें नजदीक के केन्द्रीय विद्यालयों व निजी स्कूलों में डे-स्कोलर के रूप में प्रवेश दिलावाया जाएगा तथा 11 से 18 वर्ष की आयु के बच्चों का सैनिक स्कूल नवोदय विद्यालय जैसे आवासीय विद्यालयों में दाखिला करवाया जाएगा..
उन्होंने कहा कि
मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत 𝟏𝟎 वर्ष से कम आयु के अनाथ हुए बच्चों के लिए स्कूली शिक्षा का प्रबंध सरकार द्वारा किया जाएगा। जिसके तहत उन्हें नजदीक के केन्द्रीय विद्यालयों व निजी स्कूलों में डे-स्कोलर के रूप में प्रवेश दिलावाया जाएगा तथा 𝟏𝟏 से 𝟏𝟖 वर्ष की आयु के बच्चों का सैनिक स्कूल नवोदय विद्यालय जैसे
आवासीय विद्यालयों में दाखिला करवाया जाएगा। इसके साथ-साथ निजी स्कूल में दाखिले
के लिए पीएम केयर्स फड से शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत फीस, वर्दी व पुस्तकों की सुविधा दी जाएगी।
इसके अलावा दादा, दादी या विस्तारित परिवार की देखरेख में
रहने वाले बच्चे को भी निकटतम केन्द्रीय विद्यालय या निजी स्कूल में डे-स्कोलर के
रूप में दाखिला दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि
इस योजना के तहत उच्च शिक्षा व व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए भी पीएम केयर्स फंड
से सहायता उपलब्ध करवाई जाएगी। इसके अतिरिक्त ऐसे सभी बच्चों को आयुष्मान भारत
योजना के तहत 𝟓 लाख रुपए का स्वास्थ्य बीमा कवर भी दिया जाएगा तथा 𝟏𝟖 वर्ष की आयु तक के इन बच्चों के प्रीमियम की राशि का भुगतान पीएम केयर्स फंड से किया जाएगा। बच्चे की 𝟐𝟑 वर्ष की आयु पूरी होने पर उसे व्यावसाय
के लिए एकमुश्त राशि भी दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि 𝟏𝟖 वर्ष तक प्रत्येक बच्चे को 𝟐𝟓𝟎𝟎 रुपए प्रति महीना, बिना परिवार के बच्चों की देखभाल करने वाले बाल देखभाल संस्थान को 𝟏𝟓𝟎𝟎 रुपए प्रतिमास 𝟏𝟖 वर्ष तक की आयु तक दिया जाएगा। इसी प्रकार 𝟏𝟖 वर्ष तक पढ़ाई के दौरान अन्य खर्चों के लिए 𝟏𝟐 हजार रुपए प्रतिवर्ष भी दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि 𝟖वीं से 𝟏𝟐वीं या व्यावसायिक पाठ्यक्रम में पढऩे वाले बच्चों को टेबलेट की सुविधा भी प्रदान की जाएगी। कोरोना महामारी से अनाथ हुई लड़कियों को मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना के तहत 𝟓𝟏𝟎𝟎𝟎 रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी जो बालिका के नाम पर बैंक में जमा होगी और यह राशि विवाह के समय लडक़ी को मिलेगी।