सरकारी संस्थानों में अध्यापकों व कर्मचारियों की भारी कमी
Report By : Rahul Sahajwani
CITY LIFE HARYANA | यमुनानगर : हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ संबंधित सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा एवं स्कूल टीचर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया का 23वां तीन दिवसीय वार्षिक सम्मेलन राज्य प्रधान सीएन भारती की अध्यक्षता में शशि महल नजदीक सिविल हॉस्पिटल यमुनानगर में हुआ। राज्य प्रधान सीएन भारती ने ध्वजारोहण कर सम्मेलन का शुभारंभ किया एवं पूर्व राज्य प्रधान व 22 जिलों के प्रतिनिधियों ने शहीद वेदी स्मारक पर व शहीद अध्यापक प्रतिनिधियों को श्रद्धा सुमन अर्पित करके उद्घाटन सम्मेलन का शुभारंभ किया। राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ सुभाष लाम्बा, हरियाणा ज्ञान विज्ञान समिति के महासचिव प्रोफेसर प्रमोद गौरी, पूर्व राज्य प्रधान एवं जन शिक्षा अधिकार मंच के संयोजक श्री जरनैल सिंह सांगवान, पूर्व राज्य प्रधान सत्यपाल सिवाच एवं अखिल भारतीय किसान सभा के प्रांतीय महासचिव सुमित दलाल ने बतौर विशिष्ट अतिथि व मुख्य वक्ता के रूप में शिरकत की।
पूर्व राज्य प्रधान सत्यपाल सिवाच ने प्राचीन व आधुनिक राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर विचार रखते हुए कहा की वर्तमान में नई शिक्षा नीति पूंजीवादियों सौपने व आम जनता से शिक्षा को दूर करने की नीति है , अखिल भारतीय राज्य सर्व कर्मचारी महासंघ राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के राज्य प्रधान सुभाष लाम्बा ने वर्त्तमान में कर्मचारियों व कर्मचारी आंदोलन के समक्ष आने वाली चुनौतियों की विस्तार से विवेचना करते हुए कहा कि सरकार कोरोना काल को अवसर में बदलते हुए सार्वजनिक संस्थानों को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी कर चुकी, जिससे किसानों मजदूरों कर्मचारियों व अन्य आमजन को पूंजीपतियों के हवाले करने की कोशिश कर रही है। देश में महँगाई, नौजवानों में बेरोजगारी,धार्मिक भेदभाव चरम पर है। सरकार की लाहपरवाही व संवेदनहीनता के कारण अनेक कर्मचारियों को कोर्ट का बहाना बनाकर छंटनी कर रही है। विभाग में कच्चे एडहॉक कर्मचारियों सरकारी विभागों में पक्का करके उनको नियमत सरकारी सुविधाएं देने का काम करें। राष्ट्रीय अध्य्क्ष ने कहा कि अध्यापको व कर्मचारियों को विभिन्न अनावश्यक निजीकरण की योजनाएं चलाकर शोषण कर रही है।