सरहद पर मुस्तैद सैनिक देश की रक्षा के लिए अपना जीवन लगा देते हैं. त्योहार पर अपनों से दूर रहकर देशवासियों की रक्षा करते हैं. ऐसे में हमारा दायित्व है कि हम भी उनके लिए कुछ करें. मन में यह धारणा और लोगों को यह संदेश देता है डी.ए.वी. पब्लिक स्कूल. छात्राओं ने सीमा पर देश की सुरक्षा कर रहे सैनिकों की सलामती व प्रेम का संदेश भेजते हुए 1001 राखियां सैनिकों के लिए भेजी है.
इस अवसर पर प्रिंसिपल रमन
शर्मा ने कहा कि लेह लद्दाख (कारगिल) की बर्फीली हवाओं के बीच में रात-दिन पहरा
देने वाले भारत के सच्चे सपूत हमारे सैनिक है। हिमालय की वह चोटी जिसका तापमान
माइनस डिग्री से भी नीचे चला जाता है और यहां पर खड़े रहना भी मुश्किल होता है।
लेकिन देश के सैनिक अपने सभी दु:ख दर्द भूलाकर चट्टान की तरह अडिग रहकर देश की
रक्षा करते हैं। सरहद की रक्षा करने वाले सैनिकों पर हमें नाज है। ये ही हमारे
रखवाले और वतन की आन-बान हैं। देश की रक्षा करते हुए यह सैनिक त्यौहारों पर भी
अपने घर नहीं आ पाते। ऐसे में इन सैनिकों का हौंसला बढ़ाने व उन्हें त्यौहार की
खुशी हा अहसास करवाने के लिए स्कूल की छात्राओं की ओर से यह निर्णय लिया गया। ताकि
सीमा पर देश की रक्षा कर रहे सैनिकों की कलाई रक्षाबंधन के अवसर पर सूनी न रहे।