Lathi charge on farmers stopping BJP leaders in Karnal: Police lathi-charged
niece at Bastara toll, many heads were broken; Ramayana toll jam in Hisar on
the call of Chadhuni
पहले
मोदी-खट्टर सरकारों ने तीन काले कानूनों से खेती का खून किया, अब भाजपा-जजपा सरकार किसानों का खून
बहा रही है.
चंडीगढ़ NEWS। हरियाणा में भाजपा नेताओं को मीटिंग
में जाने से रोकने की कोशिश कर रहे किसानों पर शनिवार को लाठीचार्ज किया गया है।
करनाल में घरौंडा के पास बसताड़ा टोल प्लाजा पर पुलिस ने किसानों पर लाठियां भांजी।
क्योंकि किसानों ने भाजपा नेताओं को रोकने की योजना बनाते हुए टोल की दो-दो
क्रॉसिंग छोड़कर बाकी को बंद कर दिया था। पुलिस ने उन्हें समझाने की कोशिश की लेकिन
वे नहीं माने, इसके बाद ये हालात बने। लाठीचार्ज में
कई किसानों के सिर फूटे और खून बहा। वहीं पुलिस की कार्रवाई से बचने के लिए किसान
खेतों में भाग गए।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के महासचिव
और मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि आज भाजपा-जजपा की ‘कायर सरकार’ ने करनाल में अन्नदाता किसान पर बेरहमी
और बर्बरतापूर्ण लाठी चार्ज कर एक बार फिर ‘‘जनरल डायर’’ की याद दिला दी। शांतिप्रिय तरीके से
विरोध कर रहे किसानों को जानवरों की तरह दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गया। दर्जनों
लहुलुहान हो गए और सैकड़ों को चोटें आईं। एक बार फिर यह साबित हो गया कि अन्नदाता
किसान के असली ‘दुश-मन’ हैं, दुष्यंत चौटाला और मनोहर लाल खट्टर।
भाजपा-जजपा सरकार ने मिलकर पिछले नौ महीनों से किसानों के हिस्से में लाठीचार्ज, पानी की बौछारें, आंसू गैस के गोले तथा कीलें व नश्तरों
की प्रताड़ना लिख दी है।
25
नवंबर, 2020 से
आज तक किसान-मजदूर के सीने पर मोदी व खट्टर सरकारों ने लगातार वार किया है और खून
बहाया है। 25
नवंबर को जब किसानों ने गांधीवादी तरीके से दिल्ली की ओर कूच किया, तो अंबाला, सिरसा, पलवल और राजस्थान बॉर्डर से जगह-जगह
सड़कें खोद, ठंडे
पानी की बौछारें मार, अश्रुगैस के गोले चला तथा किसानों के सर पर लाठियां मार उनका रास्ता
रोका गया। पिछले नौ महीने में अंबाला, कालका, पीपली, करनाल, जींद, पलवल, रेवाड़ी, रोहतक, हिसार, सिरसा, यमुनानगर और प्रदेश के हर कोने में भाजपा-जजपा
सरकार ने किसानों की आवाज को कुचलने के लिए पुलिस से लाठियां बरसवाईं, पर न आवाज़ दबी, न सिर झुके और न संकल्प टूटा।
एक
बात साफ है - ‘धरती
के भगवान’ किसान
पर ऐसी बर्बरता एक दानव रूपी सरकार ही कर सकती है। देश और हरियाणा की सत्ता अब
दानवों के हाथ में आ गई है, जो भाग्यविधाता अन्नदाता किसान की आत्मा और शरीर को लहुलुहान कर रहे
हैं। करनाल में ड्यूटी मजिस्ट्रेट के सार्वजनिक वीडियो से यह साफ है कि
मुख्यमंत्री-उपमुख्यमंत्री ने ड्यूटी मजिस्ट्रेट के माध्यम से किसानों के सिरों पर
लाठियां बरसाकर कातिलाना हमला करने का आदेश दिया था।
वो
किसान, जो
खेत को खून पसीने से सींचकर देश की भूख मिटाता है, उसे बेरहमी और बर्बरता से पीट-पीट कर
खून से नहला दिया गया है। कारण - तीन काले कानूनों के माध्यम से भाजपा-जजपा खेती
को चंद पूंजीपतियों की दासी बनाना चाहती है और किसान की अगली फसल और अगली नस्ल को
उन पूंजीपतियों का गुलाम। पर किसान को न कभी सत्ता और जुल्म झुका पाए हैं, और न कभी किसानों के भविष्य को रौंदकर
भाजपा-जजपा यह कर पाएगी।
याद
रहे कि मोदी-खट्टर सरकारों पर ‘‘क्रूरताओं और बर्बरताओं’’ का मुकदमा चलेगा। किसानों की राह में
बिछाए गए ‘‘कील
और कांटे’’ - उनकी
‘‘शहादतें’’ व नौ महीने से सड़कों पर पड़े किसान की
‘‘वेदनाएं’’ इसकी गवाह बनेंगी और प्रजातंत्र के
देवता का फैसला एक नज़ीर बनेगा ताकि भविष्य के भारत में फिर कभी कोई तानाशाह
अन्नदाता के खिलाफ ऐसा दुस्साहस न कर पाए।
मनोहर लाल खट्टर - दुष्यंत चौटाला ने आज किसान नहीं, हमारे ‘भगवान’ को पीटा है.सज़ा मिलेगी। सड़कों पर बहते और किसानों के शरीर से रिसते खून को
आने वाली तमाम नस्लें याद रखेंगी। अब भी समय है - या किसान के साथ खड़े हो जाईये
या गद्दी छोड़ दीजिए।