ऋषियों की भूमि
भारत का उदघोष सर्वे भवंतु सुखनि, वसुदेव कटुंबकंभ है
रादौर 𝐍𝐄𝐖𝐒। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी की मौत का मामला बेहद दुखद है। यह संपूर्ण समाज के लिए अपूर्णयीय क्षति है। जिसकी भरपाई युगो युगों तक नहीं की जा सकेगी। यह मानवता की हत्या है। जिसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिएं और सच्चाई से पर्दा उठाना चाहिएं। यह शब्द मानव निर्माण अभियान के केंद्रीय प्रचारक स्वामी सुशील गिरी सच्चिदानंद ने कहे। वह गुरूवार को रादौर में भाजपा महामंत्री धनपत सैनी के कार्यालय पर पत्रकारों से बाचतीत कर रहे थे।
स्वामी सच्चिदानंद ने कहा कि यह ऋषियों की भूमि है और यहां एक संत की इस प्रकार संदिग्ध परिस्थितियों में मौत होना एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। भारत का उदघोष सर्वे भवंतु सुखनि, वसुदेव कटुंबकंभ है। जिसने संपूर्ण विश्व को मानवता का रास्ता दिखाया है। यहां संत समाज व समाज की सर्वोच्च संस्था के अध्यक्ष की ऐसी परिस्थितियों में मृत्यु हो जाना संपूर्ण समाज के लिए एक ऐसा प्रश्र है जिसका उत्तर हमें अपने अंदर ही खोजना होगा। उन्होंने कहा कि अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी एक सरल स्वभाव के व्यक्तित्व के स्वामी थे। उन्होंनें संपूर्ण समाज के कल्याण के लिए कार्य किया और किसी से कोई भेदभाव नहीं रखा। अगर उनकी मृत्यु को लेकर कोई बड़ी साजिश रची गई है तो यह काफी निंदनीय विषय है। जिस पर सरकार को भी ध्यान देने की जरूरत है। अगर आएं दिन इसी प्रकार संतो की हत्याएं होती रही तो यह समाज के लिए एक बड़ी क्षति होगी जिसका भरपाई कभी नहीं की जा सकेगी। इसलिए इस पूरे प्रकरण की गहनता से जांच होनी चाहिएं। इस अवसर पर भागवताचार्य देवेश कृष्ण सच्चिदानंद, जितेंद्र चौहान, धनपत सैनी, जयभगवान, मुकेश सैनी इत्यादि उपस्थित थे।