“गल पंजाब दी” । 𝐁𝐑𝐄𝐀𝐊𝐈𝐍𝐆
शिरोमणि अकाली दल और बहुजन समाज पार्टी के कार्यकर्ता तीनों
कृषि कानूनों को रद्द करवाने की मांग के साथ दिल्ली के रकाबगंज गुरुद्वारा से संसद
तक विरोध प्रदर्शन करने वाले हैं। इसी को देखते हुए देर शाम दिल्ली पुलिस ने
झाडोदा बॉर्डर पर सख्ती बढ़ा दी। दिन के समय शिरोमणि अकाली दल के सैकड़ों
कार्यकर्ता दिल्ली में प्रवेश कर चुके हैं। लेकिन प्रोटेस्ट के चलते दिल्ली में
होने वाले कानून संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए देर शाम दिल्ली पुलिस एक्टिव
हुई और झाडोदा बॉर्डर पर सख्ती बढ़ा दी गई। दरअसल बहादुरगढ़ से दिल्ली में जाने के
लिए झाडोदा बॉर्डर ही एकमात्र विकल्प बचा हुआ है। क्योंकि नेशनल हाईवे नंबरों पर
स्थित टिकरी बॉर्डर पर दिल्ली पुलिस ने बैरिकेडिंग की हुई है और एक तरफ आंदोलनकारी
किसानों की स्टेज लगी हुई है। जिसके कारण टिकरी बॉर्डर पूरी तरह से बंद है और
दिल्ली में आवागमन झाडोदा बॉर्डर से ही हो रहा है।
पंजाब से आए शिरोमणि अकाली दल के कार्यकर्ताओं को बहादुरगढ़ से दिल्ली में नहीं करने दिया इंटर.
दिल्ली पुलिस ने वाहनों को रोक कर वापस मुडवाया.
करीब 20 बसों और करीब 40 गाड़ियों को वापस भेजा गया.
सुखबीर सिंह बादल के आह्वाहन पर पंजब से दिल्ली जा रहे थे कार्यकर्ता.
कल दिल्ली के रकाबगंज गुरुद्वारा से संसद तक निकलना था पैदल मार्च.
कृषि कानूनों के खिलाफ एसएडी के कार्यकर्ता कल मना रहे हैं काला दिवस
कार्यकर्ता अलग अलग रास्तों से दिल्ली में इंटर करने के लिए ढूंढ रहे हैं रास्ता.
राजधानी दिल्ली जाने वाले एक मात्र बहादुरगढ़- नजफगढ़ रोड़ पर भारी संख्या में पुलिस और आरएएफ के जवान तैनात.
दिल्ली- रोहतक नेशनल हाइवे पर पहले ही किसान कर रहे हैं प्रदर्शन.
सिर्फ प्रदर्शन करने जा रहे एसएडी कार्यकर्ताओं को नहीं दी जा रही दिल्ली में जाने की परमिशन.
दिल्ली पुलिस के साथ पंजाब से आए शिरोमणि अकाली दल के कार्यकर्ताओं की बहस भी हुई है। दिल्ली में जाने के लिए कार्यकर्ता जो गाड़ियों में आए हैं, वे दूसरे रास्ते में ढूंढने में जुटे हुए हैं। करीब दो दर्जन बसों और 50 से ज्यादा गाड़ियों को बॉर्डर से वापस हरियाणा की तरफ भेज दिया गया है। दिल्ली पुलिस की जद्दोजहद में झाडोदा बॉर्डर पर काफी लंबा जाम भी लग गया है। जिसमें आम लोगों की दूसरी गाड़ियां भी घंटों फंसी रही। हालांकि दिल्ली पुलिस पंजाब के अलावा आम लोगों की गाड़ियों को दिल्ली में घुसने से नहीं रोक रही। दिल्ली पुलिस की सख्ती से किसान आंदोलन के समर्थक आंदोलनकारियों में गहरा रोष है। वापस लौट आए गए शिरोमणि अकाली दल के कार्यकर्ताओं का कहना है कि वह अपने लोकतांत्रिक का इस्तेमाल करते हुए प्रोटेस्ट करने के लिए दिल्ली जा रहे थे। लेकिन उन्हें जबरदस्ती रोका गया है, जो बिल्कुल गलत है। सरकार को किसानों की मांग माननी होगी और इसके लिए शिरोमणि अकाली दल का हर कार्यकर्ता किसानों के साथ है।
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इस समय आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी है। पार्टी जनसंपर्क अभियान चला रही है। पंजाब में हो रहे किसान आंदोलन का खामियाजा शिरोमणि अकाली दल को भी भुगतान पड़ा। उनके “गल पंजाब दी” अभियान को किसान विरोधों का सामना करना पड़ा है। जिसे लेकर शिअद के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने कांग्रेस और आप पर आरोप लगाया है।