अब भी नहीं बच पा रहीं बेटियां, हरियाणा में फिर बिगड़ गया लैंगिंक अनुपात, लेकिन रोहतक का श्रेष्ट प्रदर्शन
CITY LIFE HARYANA | चंडीगढ़ : हरियाणा में एक फिर से लैंगिक अनुपात बिगड़ गया है और ऐसा लगने लगा कि शायद फिर से बेटियां नहीं बच पा रही हैं। हरियाणा में इस साल के पहले नौ महीनों के दौरान यानी सितंबर तक जन्म के समय लिंगानुपात में पिछले साल की तुलना में 16 अंकों की गिरावट देखी गई। 2020 में यह 922 थी, जो इस साल 30 सितंबर तक घटकर 906 हो गई।
इस वर्ष कुल 22 जिलों में से 13 में लिंगानुपात राज्य के औसत (906) से नीचे दर्ज किया गया है। सबसे अच्छा प्रदर्शन करते हुए रोहतक ने 955 का लिंगानुपात दर्ज किया, जो पिछले साल के आंकड़े से 43 अंकों का सुधार है। इसके बाद लिंगानुपात में चरखी दादरी (937), पानीपत (930), नूंह (922), जींद (919) और सिरसा (919) का स्थान रहा।
880 के न्यूनतम लिंगानुपात के साथ सोनीपत और झज्जर सबसे खराब प्रदर्शन वाले जिले थे।
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