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Radaur : गांव कांजनू में लगने वाली चिकन पैकिंग फैक्ट्री का सच

केंद्र सरकार से प्राप्त लाइसेंस के बाद लगाई जा रही है चिकन पैकिंग फैक्ट्री  

CITY LIFE HARYANA | रादौर : गांव कांजनू में चिकन पैकिंग फैक्ट्री को लेकर तरह - तरह की बाते बनाई जा रही है। फैक्ट्री का क्या सच है यह हम आपको इस खबर के माध्मय से बताने जा रहे है। फैक्ट्री कांजनू गावं से कुछ किलोमीटर दूरी पर है और आस पास कोई घर - स्कूल - कॉलेज - धार्मिक स्थल नही है। फैक्ट्री में सिर्फ पोल्ट्री बर्ड्स प्रोसेसिंग का काम किया जाएगा। जिसमे 600 टन का कोल्ड स्टोर बनाया जाएगा, जिससे सामान के खराब होने की संभावना भी नही होगी। इसके साथ साथ फैक्ट्री को चारों तरफ से कवर किया जाएगा ताकि किसी भी तरह की स्मेल फैक्ट्री से बाहर ना जाये। गावं कांजनू में लगाई जा रही चिकन पैकिंग फैक्ट्री को केंद्र सरकार ने लाइसेंस दिया है तो वही प्रदेश सरकार ने लेटर जारी कर आदेश दिए है कि व इस प्रोजेक्ट को लगा कर वहां आस पास में रहे रहे लोगो को रोजगार देने का काम करे। प्रदेश सरकार ने गावं कांजनू को इंडस्ट्रियल एरिया घोषित किया है। जिससे बड़े उद्योग यहां पर लगे और इस इलाके को विकास की दृष्टि से ओर विकसित किया जा सके।

फैक्ट्री में नही होगी किसी पशु की हत्या

जानकारी के अनुसार गावं के कुछ लोगो द्वारा यह आरोप लगाए जा रहे है कि इस फैक्ट्री में बड़े जानवरो की हत्या की जाएगी और उनका मीट पैक कर बेचा जाएगा लेकीन ऐसा बिल्कुल भी नही है। इस फैक्ट्री में सिर्फ पोलिट्री से संबंधित कार्य किया जाएगा और वो भी बिल्कुल साफ सफाई और व्यवस्थित तरीके के साथ। फैक्ट्री संचालक ने बताया की इस फैक्ट्री में लगने वाली मशीनरी ऑटोमाटिक व पर्यावरण के अनुकूल है । इसके साथ साथ प्रदूषण रहित भी है। उन्होंने दावा किया कि ग्रामीणों को किसी भी तरह की कोई दिक्कत नही आएगी

फैक्ट्री में बनेगा 600 टन का कोल्ड स्टोर

फैक्ट्री आटोमेटिक है और इसमें इस्तेमाल होने वाला सामान भी बाहर से आना है। यह प्रोजेक्ट विदेशी कंपनियों के तर्ज पर लगाया जा रहा है। फैक्ट्री संचालक अंकित ने बताया किस फैक्ट्री में 600 टन का कोल्ड स्टोर बनाया जाएगा जो भी प्रोडक्शन फैक्ट्री में होगी उसको कोल्ड स्टोर में स्टोर किया जाएगा, इसके साथ-साथ जब यह सामान तैयार होकर मार्केट में जाएगा तब भी बंद गाड़ियों में ही लेकर जाया जाएगा ताकि ग्रामीणों को किसी प्रकार की परेशानी का सामना ना करना पड़े। 

फ्रोजेन ITEMS की होगी पैकिंग 

इस फैक्ट्री में जो प्रोडक्शन होगी वह फ्रोजन आइटम्स की तरह होगी संचालक अंकित ने बताया कि इस फैक्ट्री में बॉयलर से नगेट, सीक कबाब, सास, सलामी, बर्गर, पेटीज सहित अन्य पैक्ड आइटम तैयार की जाएगी। इतना ही नहीं बॉयलर के पंख, पंजे व अन्य अवशेष का भी सदुपयोग होगा। विदेशी मशीनों की तर्ज पर यहां पर इन अवशेषों से मछली वह कुत्तों के लिए फीड बनाई जाएगी।

फैक्ट्री लगने से गांव के 600 लोगो को मिलेगा रोज़गार

क्षेत्र में फैक्ट्री लगने से 600 लोगों को रोजगार मिलने का अनुमान है संचालक अंकित ने बताया कि प्रदेश सरकार के निर्देशानुसार 75 परसेंट हरियाणा वासियों को नौकरी दी जानी है इससे कहीं ना कहीं आसपास के गांव वासियों को लाभ पहुंचेगा और गांव तरक्की करेगा। 

फैक्ट्री लगने से नही होगी धार्मिक आस्था को ठेस

धार्मिक आस्थाओं को किसी प्रकार की कोई ठेस नहीं पहुंचेगी यह दावा फैक्ट्री संचालक ने किया है उन्होंने सिटी लाइफ हरियाणा की टीम से खास बातचीत करते हुए कहा है कि वह भी धार्मिक आस्थाओं में विश्वास रखते हैं पूजा पाठ करते हैं भगवान को मानते हैं तो ऐसे में कोई गलत काम कैसे कर सकते हैं उन्होंने कहा कि कुछ लोगों द्वारा यह भ्रम फैलाया जा रहा है कि फैक्ट्री में पशुओं की हत्या की जाएगी लेकिन ऐसा कुछ नहीं होगा उन्होंने साफ किया कि इस तरह की अनुमति केंद्र व प्रदेश सरकार नहीं देती है और ना ही दी जा सकती है इसलिए ऐसा कोई कार्य फैक्ट्री में नहीं किया जाएगा जिससे धार्मिक आस्थाओं को ठेस पहुंचे उन्होंने ग्रामीणों से अपील करते हुए कहा कि अगर आपको अभी भी कोई दिक्कत है या कोई आपके मन में सवाल है वह सीधा हमारे से आकर बात कर सकते हैं उन्होंने कहा की फैक्ट्री के कागज व लाइसेंस जिला उपायुक्त व जिला पुलिस अधीक्षक वह संबंधित अधिकारियों को भी दिखा दिए गए हैं उनके द्वारा भी किसी प्रकार की कोई शंका जाहिर नहीं की गई है। अगर इस फैक्ट्री से कोई नुकसान या धार्मिक आस्थाओं के साथ खिलवाड़ होता तो केंद्र व प्रदेश सरकार इस तरह के प्रोजेक्ट लगाने की अनुमति नहीं देती।


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