सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र रादौर में कार्यशाला का किया गया आयोजन
CITY LIFE HARYANA | यमुनानगर : आज सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र रादौर में सभी आशा वर्कस की टी.बी., लैप्रोसी ,एन.आई.डी.डी सी.पी./एच.आई.वी./एडस की कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला की अध्यक्षता उप-सिविल सर्जन (एन0एच0एम0) डॉ विजय परमार और उप-सिविल सर्जन (टी0बी0) डॉ. चारु कालरा द्वारा की गई इस कार्यशाला में डॉ. चारू कालडा ने बताया की एक स्वस्थ समाज के लिए सभी व्यक्तियो का जागरूक होना जरूरी है। तथा स्वस्थ समाज की नीव आशा वर्कर से शरू होती है उन्होने सभी आशा वर्कर को सम्बोधित करते हुए बताया कि किसी व्यक्ति मे टी.बी के लक्षण जैसे (दो हफते से ज्यादा खांसी, षाम के समय बुखार आना ,भूख न लगना व वजन कम होना) दिखाई दे तो उस व्यक्ति को तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र मे जांच करवानी चाहिए व टी.बी की बीमारी निकलने पर उसका तुरंत ईलाज शरू करना चाहिए। उन्हाने बताया कि एक आशा द्वारा रैफर किया गया मरीज अगर टी.बी. रोग से ग्रस्त पाया जाता है तो उस आशा को 500रू प्रोत्साहन राशि दी जाती है ओर निक्ष्य पोषण के तहत मरीज को प्रति माह 500रू पोषण के लिए दिए जाते है उन्होने बताया कि एक टी.बी. से ग्रस्त व्यक्ति ईलाज के बिना प्रतिवर्ष 10 से 15 अन्य व्यक्तियों को टी.बी. से संक्रमित कर सकता है।
इस अवसर पर डॉ विजय परमार ने बताया कि अगर किसी भी व्यक्ति में कुष्ठ रोग के लक्षण जैसे तांबिया व लाल-पीले धब्बे,सुन्नपन ,चेहरे या कान के पीछे गांठे दिखाई दे तो उस व्यक्ति की जांच तुरंत करवानी चाहिए व कुष्ठ रोग निकलने पर उसका ईलाज मुफत किया जाता है उन्होने बताया कि कुष्ठ रोगी एम.डी.टी. द्वारा 6 से 12 माह मे पूरी तरह ठीक हो जाता है और कुष्ठ रोगी अपंगता से बच जाता है।
डॉ. चारू कालडा ने बताया कि आयोडीन की कमी से शिशु की प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है और बच्चो का मानसिक विकास रूक सकता है और आयोडीन की कमी से मुख्यतः घेंघा रोग हो जाता है उन्हाने बताया कि बच्चे के मानसिक विकास के लिए केवल आयोडीन युक्त नमक का प्रयोग करे। अंत में उन्होने एडस से बचाव एवं ईलाज के बारे मे उन्होने बताया कि एडस असुरक्षित यौन सम्बन्ध , संक्रमित खुन व संक्रमित सुई के कारण हो सकता है एडस से व्यक्ति की वायरस से लडने की शक्ति कम हो जाती है अतः एडस से ग्रस्त व्यक्ति कीे जल्द से जल्द दवाई शरू करनी चाहिए।
जिला टी.बी. अधिकारी डॉ. चारु कालरा ने बताया कि पी.एन.डी.टी. के तहत गर्भ की जांच करवाना एक कानुनन अपराध है। जिसके तहत सजा का प्रावधान है बेटी बचाओ,बेटी पढाओ के उदेश्य से लिंगानुपात मे सुधार लाना आवश्यक है अतः प्रत्येक व्यक्ति का जागरूक होना अति आवश्यक है। इस अवसर पर डा0 चित्रा कटरिया, लुकेश कुमार, अेानेश त्यागी, राकेश डोगरा, प्रिंस शर्मा, गुरमेल सिंह आदि मौजूद रहे।