फसल मुआवजा राशि को 12 हजार रुपये से बढ़ाकर किया 15 हजार रुपये, 10 हजार रुपये की मुआवजा राशि को बढ़ाकर किया साढ़े 12 हजार रुपये.
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा सरकार
देशभर में फसल मुआवजा सबसे ज्यादा दे रही है। फिर भी कुछ वर्षों से बढ़ोतरी नहीं
हुई थी, इसके चलते इसमें बढ़ोतरी की गई है। मुख्यमंत्री ने किसानों से
आह्वान किया कि वे फसल बीमा जरूर करवाएं। उन्होंने कहा कि सरकार ने दो दिन पहले ही
घोषणा की है कि 2 एकड़ भूमि के किसान को फसल बीमा प्रीमियम नहीं भरना पड़ेगा, वहीं 2 से 5 एकड़े भूमि के किसान
का आधा प्रीमियम सरकार तो आधा प्रीमियम किसान को भरना होगा। 5 एकड़ से अधिक भूमि
वाले किसान को खुद फसल बीमा करवाना होगा।
अब उत्तरप्रदेश नहीं लेकर जाना पड़ेगा गन्ना
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि करनाल
जिले के किसानों को उत्तर प्रदेश में गन्ना लेकर जाना पड़ता था क्योंकि करनाल चीनी
मिल की क्षमता कम थी। सरकार ने इसकी क्षमता को 2200
टीसीडीसी से बढ़ाकर 3500 टीसीडीसी
कर दिया है। उन्होंने कहा कि अब करनाल व आसपास के किसानों को अब उत्तरप्रदेश में
गन्ना लेकर नहीं जाना पड़ेगा, यदि मिल को ज्यादा चलाने की जरुरत भी पड़ेगी तो उसे चलाया
जाएगा।
हरियाणा में पंजाब से ज्यादा ही रहेगा गन्ने का रेट
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा में
गन्ने का रेट देशभर में सबसे ज्यादा है हालांकि पंजाब ने कुछ दिनों पहले गन्ने के
रेट में बढ़ोतरी की है लेकिन इसके बाद भी हरियाणा में गन्ने का रेट ज्यादा हैं।
मुख्यमंत्री ने किसानों को आश्वासन दिया कि पंजाब चाहे जितने मर्जी रेट बढ़ा ले
लेकिन हरियाणा में गन्ने का रेट पंजाब से ज्यादा ही रहेगा।
शुगर मिल कर्मचारियों को भी दी सौगात
बिजली उत्पादन और एथनॉल से होगी गन्ना मिलों की आमदनी
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 11 सहकारी चीनी मिल है।
इन चीनी मिलों का घाटा कम करने के लिए लगातार सरकार प्रयास कर रही है। इन मिलों
में बिजली उत्पादन संयत्र और एथनॉल संयत्र लगाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि एथनॉल
के संयत्र लगने से देश को विदेशी मुद्रा का लाभ मिलेगा। सरकार चीनी मिलों को
विस्तारित करने में 660 करोड़ रुपये लगा रही है। धीरे-धीरे सभी सहकारी चीनी मिलों में
बिजली उत्पादन संयत्र और एथनॉल संयत्र लगाए जाएंगे। इससे चीनी मिलों की आमदनी
बढ़ेगी और घाटा कम होगा।
किसानों की आय डबल करना सरकार का मुख्य लक्ष्य
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि
किसानों की आय दोगुनी करना उनकी सरकार का मुख्य लक्ष्य है। सरकार लगातार
प्रोग्रेसिव किसानों को प्रोत्साहित कर रही है। इसके साथ-साथ अन्य किसानों को भी
परंपरागत खेती की बजाए फलों व सब्जियों से जुड़ी खेती करने के लिए प्रोत्साहन दिया
जा रहा है।
खाद की कमी नहीं आने दी जाएगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को गेहूं
व सरसों की बिजाई में खाद की कमी नहीं आने दी जाएगी। लगातार केंद्रीय मंत्री से
बातचीत कर खाद की आपूर्ति को सुनिश्चित किया जा रहा है। हर दिन की डिमांड के
मुताबिक पर्याप्त खाद हरियाणा पहुंच रही है। मुख्यमंत्री ने किसानों को आश्वस्त
किया कि उन्हें किसी तरह की परेशानी नहीं आने दी जाएगी।
नई सिंचाई तकनीक अपनाएं किसान
मुख्यमंत्री ने किसानों को नई सिंचाई
तकनीक अपनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि भूमिगत जल के लगातार इस्तेमाल से
कुछ इलाके डार्क जोन में जा रहे हैं। ऐसे में किसानों को ड्रिप, टपका आदि नई-नई तकनीक
के माध्यम से सिंचाई करनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने सिंचाई व्यवस्था को लेकर इजराइल
का उदाहरण भी दिया, जहां सीधे सिंचाई न करके अलग-अलग तकनीक के माध्यम से सिंचाई की
जाती है।
ये रहे उपस्थित
इस कार्यक्रम के दौरान सहकारिता मंत्री डॉ. बनवारी लाल, करनाल के सांसद संजय भाटिया, शुगर फेड के चेयरमैन रामकरण, नीलोखेड़ी के विधायक धर्मपाल गौंदर, इंद्री के विधायक रामकुमार कश्यप, घरौंडा के विधायक हरविंद्र कल्याण, एसीएस संजीव कौशल व अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
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