शिक्षा मंत्री, कवँरपाल गुर्जर
यमुनानगर News। कृषि कानून वापिस
हो चुके है लेकिन किसान अब भी अपनी कई मांगो को लेकर डटे हुए है। वही किसान आंदोलन
में 700 किसानों की शहादत के मुद्दे पर भी विपक्ष सरकार पर लगातार हल्ला
बोल रहा है। वही विपक्ष का ये भी कहना है कि सरकार को जिद्द छोड़ किसानों की सभी
मांगे मान लेनी चाहिए। इन सभी मुद्दों पर हरियाणा के शिक्षा मंत्री
कवँरपाल गुर्जर ने मीडिया से बातचीत
करते हुए विपक्ष पर जमकर निशाना साधा और एक के
बाद एक बयान देते हुए विपक्ष के मुद्दों पर कई सवाल खड़े कर दिए।
सवाल- कृषि कानून वापिस हो चुके है किसान अपनी बाकी मांगो को लेकर डटे है।
इस पर शिक्षा मंत्री कवँरपाल गुर्जर ने कहा कि उनकी मुख्य
मांग मान ली गई है। कृषि कानून वापिस ले लिए गए। हालांकि ये कानून किसानों के हित के थे लेकिन राष्ट्रहित को देखते
हुए कानून वापिस लिए गए। एसएसपी पर भी कमेटी गठित की जाएगी, उसमे किसान भी
शामिल होंगे। ज्यादतर किसान संतुष्ट है, और घर वापसी कर रहे है। अब किसानों को वहाँ से उठ जाना चाहिए।
किसान नेताओ का कहना था कि कानून वापसी तो घर वापसी, तो अब वहाँ बैठना औचित्य नही बनता।
मुझे लगता है इसके पीछे कोई और कारण है। किसान हित के कारण नही है कुछ और ही कारण
है। अगर किसान के हित की बात है तो किसान पूरी तरह संतुष्ट है।
सवाल- विपक्ष का कहना है कि सरकार को जिद् छोड़ किसानों की मांगे मान लेनी चाहिये
इस पर शिक्षा मंत्री कवँरपाल गुर्जर ने कहा कि सरकार ने कोई जिद् नही की है, जिद् ये लोग कर रहे है। सरकार ने संसद में बना हुआ कानून वापिस ले लिया, संसद सारे देश की चुनी हुई है, जबकि आंदोलन करने वालो का 5 प्रतिशत हिस्सा है, जिद् तो उनको छोड़नी चाहिए।
सवाल- पूर्व शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल ने हुड्डा कार्यकाल को काला इतिहास बताने वाले डिप्टी सीएम दुष्यंत के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि आरोप लगाने से पहले जेजेपी और भाजपा अपने गिरेबान में झांके, 700 किसानों की शहादत कराने वाले लगा रहे हुड्डा पर आरोप। जनता ने देखा है जेजेपी बीजेपी का काला इतिहास।
इस पर शिक्षा मंत्री कवँरपाल गुर्जर ने कहा कि अगर पुराना इतिहास उठाकर देखा जाए तो… जो भी सरकारें रही उनके समय में… जो भी किसान मारे गए उनकी गोली से मारे गए, लाठीचार्ज से मरे। इस कार्यकाल में इतना सब कुछ होने के बाद भी एक भी किसान को चोट तक नहीं आई।
छोटा - मोटा कोई लाठीचार्ज जरूर हुआ होगा, कोई भी इतनी बड़ी कार्रवाई नहीं हुई। इतना बड़ा आंदोलन चलने के बाद भी सरकार ने संयम रखा। जहां तक यह बार - बार कह रहे हैं कि किसानों की शहादत हुई है वहां पर यह लोग इसको कैसे शहादत कह रहे हैं। मेरा मानना है इसकी जांच होनी चाहिए।
शिक्षा मंत्री कवँरपाल गुर्जर ने कहा कि यह मेरा व्यक्तिगत विचार है सरकार का नहीं। इसकी जांच होनी चाहिए। इतनी बड़ी संख्या में अगर लोगों की मौत हुई है… वह क्यों हुई है… और जो भी इसके लिए दोषी है… उसका नाम आना चाहिए… कौन इसके लिए दोषी है.??
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