अनिल विज। 𝐁𝐑𝐄𝐀𝐊𝐈𝐍𝐆
इस संबंध में जानकारी देते हुए एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि गत 𝟕 दिसंबर,𝟐𝟎𝟐𝟏 को नारकोटिक कन्ट्रोल ब्यूरो की टीम द्वारा नशीली दवाइयों के कारोबार से संबंधित फर्म जेनेट फार्मास्युटिकल द्वारा निर्मित 𝟏𝟎𝟎 करोड़ की नशीली दवाइयों को अवैध रूप से बेचने का गिरोह पकड़ा था, जिनसे सूचना प्राप्त होने पर एफडीए करनाल ने आयुक्त खाद्य एंव औषधि प्रशासन विभाग के निर्देश पर करनाल के कर्ण विहार में स्थित दुकान नंबर 𝟒, वंदना मेडिकल स्टोर पर रेड की। जांच में सामने आया कि वंदना मेडिकल स्टोर ने जीरकपुर की बादल कॉलोनी में स्थित बंसल फार्मा से अल्प्राजोलम 𝟎.𝟓𝟎 की 𝟐,𝟑𝟗,𝟒𝟎𝟎 गोलियां खरीदी तथा फर्म वंदना मेडिकल स्टोर द्वारा बिना रिकार्ड के अवैध रूप से बेची पाई गई। जिस बारे वह कोई सेल रिकार्ड प्रस्तुत न कर पाया।
उन्होंने बताया कि जांच में पाया गया कि फर्म रूपये कमाने के लालच मे दवाईयों को बिना बिल जारी किये ट्रांसपोर्ट से बाहर अवैध रूप से सप्लाई करने के धंधे में संलिप्त है। उन्होंने बताया कि अल्प्राजोलम की दवाई डॉक्टर की पर्ची पर एक रिटेल केमिस्ट द्वारा बेची जा सकती है , परन्तु फर्म ने कोई भी सेल रिकार्ड पेश नहीं किया। चूंकि यह दवाइयां नशे के तौर पर भी प्रयोग होती है। जिस पर कार्यवाही करते हुए श्रीमति रितु मेहला औषधि नियत्रंण अधिकारी करनाल द्वारा वंदन मेडिकल स्टोर के परिसर को सील कर दिया गया तथा अल्प्राजोलम गोलियों को अवैध रूप से बेचने पर फर्म की मालिक सविता, उसके पति नितिन छाबड़ा, सतीश कुमार, राजीव वर्मा व अन्य दोषियों के खिलाफ एनडीपीएस के तहत थाना सेक्टर 𝟑𝟐-𝟑𝟑 , करनाल मे एफआईआर दर्ज करवा दी है।
इससे पूर्व, स्वास्थ्य मंत्री अनिल
विज ने उच्च अधिकारियों की भी बैठक ली थी जिसमें नशे के कारोबार करने वालों के
खिलाफ सख्त कार्रवाई करने बारे निर्देश दिये थे। स्वास्थ्य मंत्री के निर्देशों पर
जल्द ही एक एप्लीकेशन भी लॉन्च होगा,
जिसके तहत नशे में प्रयोग होने वाली नोट
से दवाइयों पर अंकुश लगाया जायेगा।
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