किसान आंदोलन। 𝐁𝐑𝐄𝐀𝐊𝐈𝐍𝐆
𝐏𝐫𝐨𝐭𝐞𝐬𝐭𝐢𝐧𝐠 𝐟𝐚𝐫𝐦𝐞𝐫𝐬 𝐫𝐞𝐜𝐞𝐢𝐯𝐞 𝐚 𝐥𝐞𝐭𝐭𝐞𝐫 𝐟𝐫𝐨𝐦 𝐆𝐨𝐯𝐭 𝐨𝐟 𝐈𝐧𝐝𝐢𝐚, 𝐰𝐢𝐭𝐡 𝐩𝐫𝐨𝐦𝐢𝐬𝐞𝐬 𝐨𝐟 𝐟𝐨𝐫𝐦𝐢𝐧𝐠 𝐚 𝐜𝐨𝐦𝐦𝐢𝐭𝐭𝐞𝐞 𝐨𝐧 𝐌𝐒𝐏 𝐚𝐧𝐝 𝐰𝐢𝐭𝐡𝐝𝐫𝐚𝐰𝐢𝐧𝐠 𝐜𝐚𝐬𝐞𝐬 𝐚𝐠𝐚𝐢𝐧𝐬𝐭 𝐭𝐡𝐞𝐦 𝐢𝐦𝐦𝐞𝐝𝐢𝐚𝐭𝐞𝐥𝐲, 𝐀𝐬 𝐟𝐚𝐫 𝐚𝐬 𝐭𝐡𝐞 𝐦𝐚𝐭𝐭𝐞𝐫 𝐨𝐟 𝐜𝐨𝐦𝐩𝐞𝐧𝐬𝐚𝐭𝐢𝐨𝐧 𝐢𝐬 𝐜𝐨𝐧𝐜𝐞𝐫𝐧𝐞𝐝, 𝐔𝐏 𝐚𝐧𝐝 𝐇𝐚𝐫𝐲𝐚𝐧𝐚 𝐡𝐚𝐯𝐞 𝐠𝐢𝐯𝐞𝐧 𝐢𝐧-𝐩𝐫𝐢𝐧𝐜𝐢𝐩𝐥𝐞 𝐜𝐨𝐧𝐬𝐞𝐧𝐭," 𝐢𝐭 𝐫𝐞𝐚𝐝𝐬
सोनीपत News। केन्द्र सरकार की तरफ से मिले प्रस्ताव पर बनी सहमति के बाद किसान
संगठनों की तरफ से गुरुवार को आंदोलन स्थगित कर दिया गया। यानी, 378 दिनों के बाद किसान आंदोलन को स्थगित
किया गया है। संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में चर्चा के बाद
इस फैसले का ऐलान किया गया है। इसके साथ ही 11 दिसंबर को किसान अपने घर लौट जाएंगे। किसान नेता बलवीर सिंह राजेवाल ने कहा कि अहंकारी सरकार को झुका कर
जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आंदोलन खत्म नहीं हुआ
स्थगित हुआ है। राजेवाल ने कहा कि संयुक्त किसान
मोर्चा बरकरार रहेगा। हर महीने 15 तारीख को बैठक होगी। किसानों के मुद्दे पर आंदोलन जारी रहेगा। चुनाव में उतरने सवाल पर कहा कि मोर्चा चुनाव नहीं लड़ेगा।
- कुंडली बॉर्डर से किसानों ने सामान समेटना किया शुरू
- सामान समेटने से पहले बाटी जा रही है मिठाइयां
- पंजाब में मनाई जाएगी दीपावली
- लगाए जाएंगे हर घर पर दिए
- कच्ची पक्की झोपड़ियों को उखाड़ कर सामान को किया गया है ट्रकों और ट्रैक्टरों में लोड
- SKM के अंतिम आदेश पर शुरू होगा सोनीपत कुंडली बॉर्डर से पलायन
- 600 से ज्यादा किसानों को खोया तो देश के किसानों के सामने आया पॉजिटिव नतीजा
भारत सरकार कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय कृषि एवं किसान कल्याण विभाग
Government of India Ministry of Agriculture & Farmers
Welfare Department of Agriculture & Farmers Welfare सचिव
(एएफडब्ल्यू)/2021/मिस/1
दिनांक:
१ दिसम्बर, 2021
प्रिय
महोदय,
वर्तमान
गतिशील किसान आंदोलन के लंबित विषयों के संबंध में समाधान की दृष्टि से भारत सरकार
की ओर से निम्नानुसार प्रस्ताव प्रेषित है:1)
MSP पर मा. प्रधान मंत्री जी ने स्वयं और बाद में मा.
कृषि मंत्री जी ने एक कमेटी बनाने की घोषणा की है,
जिस कमेटी में केन्द्र सरकार, राज्य सरकार और किसान संगठनों के प्रतिनिधि और कृषि
वैज्ञानिक सम्मिलत होंगे। यह स्पष्ट किया जाता है कि किसान प्रतिनिधि में SKM के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। कमेटी का एक मैनडेट यह
होगा कि देश के किसानों को एम.एस.पी. मिलना किस तरह सुनिश्चित किया जाए। सरकार
वार्ता के दौरान पहले ही आश्वासन दे चुकी है कि देश में MSP पर खरीदी की अभी की स्थिति को जारी रखा जाएगा। 2) जहां तक किसानों को आंदोलन के वक्त के केसों का सवाल
है, यू.पी., उत्तराखंड, हिमाचल
प्रदेश, मध्य
प्रदेश और हरियाणा सरकार ने इसके लिए पूर्णतया सहमति दी है कि तत्काल प्रभाव से
आंदोलन संबंधित सभी केसों को वापस लिया जाएगा। 2A)
किसान आंदोलन के दौरान भारत सरकार के संबंधित विभाग
और एजेंसियों तथा दिल्ली सहित सभी संघ शासित क्षेत्र में आंदोलनकारियों और
समर्थकों पर बनाए गए आंदोलन संबंधित सभी केस भी तत्काल प्रभाव से वापस लेने की
सहमति है । भारत सरकार अन्य राज्यों से अपील करेगी कि इस किसान आंदोलन से संबंधित
केसों को अन्य राज्य भी वापस लेने की कार्रवाई करें। 3) मुआवजे का जहां तक सवाल है, इसके लिए भी हरियाणा और यू.पी. सरकार ने सैद्धांतिक
सहमति दे दी है। उपर्युक्त दोनों विषयों (क्रमांक 2
एवं 3) के
संबंध में पंजाब सरकार ने भी सार्वजनिक घोषणा की है। 4) बिजली बिल में किसान पर असर डालने वाले प्रावधानों
पर पहले सभी स्टेकहोल्डर्स/ संयुक्त किसान मोर्चा से चर्चा होगी । मोर्चा से चर्चा
होने के बाद ही बिल संसद में पेश किया जाएगा। 5) जहां
तक पराली के मुद्दे का सवाल है, भारत
सरकार ने जो कानून पारित किया है उसकी धारा 14 एवं
15 में
क्रिमिलन लाइबिलिटी से किसान को मुक्ति दी है। उपरोक्त प्रस्ताव से लंबित पांचों
मांगों का समाधान हो जाता है। अब किसान आंदोलन को जारी रखने का कोई औचित्य नहीं
रहता है। अत: अनुरोध है कि उक्त के आलोक में किसान आंदोलन समाप्त करें।
भवदीय,
(संजय अग्रवाल)
संयुक्त
किसान मोर्चा का नेतृत्व
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