हथनी कुंड बैराज
शनिवार
को- 1348 क्यूसिक
रविवार
को- 1502 क्यूसिक
सोमवार को- 1502 क्यूसिक मापा गया
ऊंचे पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी के कारण यमुना नदी का जल बहाव सिमटकर मात्र 𝟏𝟓𝟎𝟎 क्यूसिक बिंदु पर पहुंच गया है। नदी में पानी की उपलब्धता कम हो जाने के कारण जल संकट खड़ा हो गया है। हथनी कुंड कंट्रोल रूम से मिली जानकारी के मुताबिक पानी की उक्त स्थिति गत शनिवार से बनी हुई है। हथिनी कुंड बैराज पर दिसंबर माह में जलस्तर कम होने से नदी जल पर आधारित हाइडल प्रोजेक्ट की नहर की सप्लाई पर भी विपरीत असर पड़ रहा है। हथिनीकुंड कंट्रोल रूम से मिली जानकारी के मुताबिक शनिवार को यमुना नदी का जल बहाव सिमटकर मात्र 𝟏𝟑𝟒𝟖 क्यूसिक ही रह गया। पानी कम हो जाने पर नदी जल के साझेदार राज्य उत्तर प्रदेश की आपूर्ति सुबह के समय कई घंटे बाधित रही। रविवार सुबह 𝟕 बजे यमुना नदी का जल बहाव 𝟏𝟓𝟎𝟐 क्यूसिक मापा गया। सोमवार को सुबह 𝟕 बजे 𝟏𝟓𝟎𝟐 क्यूसिक मापा गया। पानी की यह विकट स्थिति सुबह 𝟏𝟎 बजे तक बनी रही। दिन चढ़ने के साथ पानी के बहाव में मामूली सुधार आया और जल बहाव बढ़कर 𝟐𝟎𝟏𝟑 क्यूसिक पर पहुंच गया। कंट्रोल रूम के मुताबिक 𝟑 दिनों से नहरी पानी की विकट स्थिति बनी हुई है। जिस कारण 𝟔𝟐 .𝟒 मेगावाट बिजली उत्पादन क्षमता की हाइडिल इकाई को 𝟓𝟒𝟎𝟎 क्यूसिक पानी की आपूर्ति के स्थान पर केवल 𝟏𝟎𝟎𝟎 क्यूसेक पानी की आपूर्ति ही मिल पा रही है।
हाईडल लिंक चैनल में पानी की सप्लाई कम होने के साथ ही बिजली उत्पादन घट गया है। यमुना का जल बहाव कम होने पर केवल दिल्ली राज्य को ही मांग के मुताबिक जलापूर्ति की जा रही है। अन्य राज्यों की नहरी पानी की मांग पूरी नहीं हो पा रही है। दिल्ली को पेयजल के लिए 𝟕𝟔𝟏 क्यूसिक पानी की आपूर्ति की जा रही है। हरियाणा को 𝟓𝟎𝟎𝟎 क्यूसिक पानी की डिमांड के स्थान पर केवल 𝟔𝟗𝟎 क्यूसिक पानी ही मिल पा रहा है। सिंचाई विभाग के अधिकारियों का कहना है कि नहरी पानी की विकट स्थिति पहाड़ी क्षेत्रों में भारी बर्फबारी के कारण उत्पन्न हुई है।
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