इस अपराध ने समाज की आत्मा को छलनी किया- यमुनानगर कोर्ट ने कलयुगी पिता को अपनी सौतेली बेटी का बलात्कार करने के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई..
कोर्ट ने कहा कि सौतेले पिता ने ऐसा घिनौना काम किया है। जिससे बेटियां घर में भी सुरक्षित नहीं है। ऐसे दोषी को सख्त सजा देकर ही समाज में सही संदेश दिया जा सकता है। सुनवाई के दौरान 12 लोगों की गवाही हुई नाबालिग की गवाही व फॉरेंसिक लैब की रिपोर्ट सजा का मुख्य आधार बनी।
फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा
सौतेले
हैवान पिता कमल शर्मा को फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा। इस कलयुगी पिता कमल शर्मा की हैवानियत की करतूत सुन कर आपके
पैरों के नीचे से ज़मीन खिसक जाएगी। जिस पिता के साये में बेटी सबसे
सुरक्षित महसूस करती है लेकिन वही पिता हैवानियत पर उतर आए तो ऐसे में इस पवित्र
रिश्ते के मायने ही खत्म हो जाते है। रिश्तों को तार-तार करने वाला ही मामला था, जिसने एक बार फिर ये साबित किया कि
बेटियां घर मे भी सुरक्षित नही है। न्याय के मंदिर ने ऐसे कलयुगी पिता
उसके कुकर्मो के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
यह था मामला
यमुनानगर
के महिला थाने में
13 मार्च 2019 को जिला बाल संरक्षण की कार्यकारी
अधिकारी की शिकायत पर फर्कपुर थाना क्षेत्र की एक कालोनी निवासी कमल शर्मा के खिलाफ सौतेली बेटी से दुष्कर्म करने
का केस दर्ज किया था। बाल कल्याण समिति को दी शिकायत में किशोरी ने बताया था कि
पिछले दो साल से उसका सौतेला पिता उसके साथ गलत काम कर रहा है। इस बारे में किसी
को बताने पर उसे व उसके भाई को जान से मारने की धमकी दी जाती है। इस बारे में उसने
पड़ोस में रहने वाली एक आंटी को बताया था। जिसने बाल कल्याण समिति को सूचना दी।
जिसके बाद समिति की टीम ने किशोरी की काउंसलिंग की।
पड़ोसन को वारदात के बारे में बताने पर उसने मदद का आश्वासन दिया
पीड़िता ने बताया था कि उसकी मां ने कमल शर्मा से दूसरी शादी की थी। शादी के बाद मां की कैंसर से मौत हो गई थी। जिसके बाद वह अपने बड़े भाई के साथ सौतेले पिता कमल शर्मा के घर में रह रही थी। पीडि़ता के मुताबिक घर के नजदीक ही सौतेले पिता ने दुकान कर रखी थी। स्कूल से आने के बाद जब वह घर में अकेली होती, तो सौतेला पिता घर पहुंच जाता और उसके साथ गलत काम करता था। पड़ोसन को वारदात के बारे में बताने पर उसने मदद का आश्वासन दिया था।
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