शिक्षा का बेड़ा गर्क करने के लिए ठेके पर कर्मचारी रखने की कोशिश
चंडीगढ़ / 𝐂𝐢𝐭𝐲 𝐋𝐢𝐟𝐞 𝐇𝐚𝐫𝐲𝐚𝐧𝐚. 𝐂𝐨𝐦
हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रदेश की भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार को शिक्षा का स्तर गिरने या बढ़ने से कोई लेना देना नहीं है। यह सरकार शिक्षा के ढांचे का बेड़ा गर्क करने पर तुली है। इसलिए अध्यापकों व लेक्चरर की नियमित भर्ती करने की बजाए उन्हें ठेके पर रखने की तैयारी में जुट गई है। ऐसा होने से प्रदेश की गिनती बदतर शिक्षा वाले राज्यों में होने से कोई नहीं रोक पाएगा।
कहा कि प्रदेश के सरकारी स्कूलों में इस समय 𝟒𝟔, 𝟒𝟓𝟗 पद खाली पड़े हैं। इनमें से पीजीटी के 𝟏𝟒 हजार, टीजीटी के 𝟐𝟎 हजार व प्राथमिक शिक्षकों के 𝟒𝟖𝟎𝟎 पद हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रदेश सरकार बच्चों को शिक्षा मुहैया कराने में विफल साबित हो रही है। सरकार की गलत नीतियों के कारण नियमित भर्तियां नहीं हो पा रही हैं।
हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि शिक्षा के बिना कुछ भी संभव नहीं है। बच्चे शिक्षित नहीं होंगे तो उनका भविष्य अंधकारमय हो जाएगा और वे आगे चलकर न किसी तरह की नौकरी पा सकेंगे और न ही अपने अधिकारों के लिए आवाज उठा पाएंगे। इनका भविष्य बर्बाद करने के लिए अभी तक शिक्षकों के खाली पड़े पदों को भरा नहीं गया है।
कहा कि ओवरऑल देखा जाए तो स्कूलों में स्वीकृत पदों के मुकाबले 𝟑𝟐 प्रतिशत पद खाली हैं। जबकि, सबसे ज्यादा टीजीटी, व पीजीटी के पद खाली हैं। टीजीटी के तो 𝟓𝟓 प्रतिशत तक पद रिक्त पड़े हैं। अब इन पदों को ठेके पर भरने की तैयारी है, जो सरासर गलत है और शिक्षा के निजीकरण का प्रयास है।
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इसी तरह से उच्च शिक्षा का जनाजा प्रदेश सरकार पहले ही निकाल चुकी है। प्रदेश के सभी 𝟏𝟕𝟐 सरकारी कॉलेजों में वर्कलोड के अनुसार 𝟕𝟓𝟓𝟗 प्रोफेसर/लेक्चरर होने चाहिए, लेकिन स्वीकृत पद सिर्फ 𝟓𝟎𝟔𝟖 ही हैं। जबकि, करीब 𝟑𝟔𝟎𝟎 लेक्चरर/प्रोफेसर ही सेवारत हैं।
कांग्रेस किसी भी सूरत में शिक्षा का निजीकरण के प्रयास में जुटी भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार को उसके मंसूबों में कामयाब नहीं होने देगी। हमारी मांग है कि ठेके पर कर्मचारियों को लगाने की बजाए सरकार सीधी नियमित भर्ती कर स्कूल-कॉलेजों में स्टाफ की कमी को दूर करे, ताकि प्रदेश के बच्चे उच्च शिक्षित होकर देश व दुनिया में हरियाणा का नाम रोशन कर सकें।
भाखड़ा
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