राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम
यमुनानगर | NEWS - मुकंद लाल जिला नागरिक अस्पताल में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत बाल स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। जिसका शुभारंभ सिविल सर्जन यमुनानगर डा. विजय दहिया द्वारा किया गया। शिविर का उददेश्य जन्म से विकृत बच्चों व जन्म से हदय रोग से ग्रसित बच्चों की जाँच व उपचार आरम्भ करना था।
इस अवसर पर डा. विजय दहिया ने कहा कि आर.बी.एस.के. कार्यक्रम के तहत बच्चों के रोगों को चार भागों में बाँट कर उपचार किया जाता है। इनमें पहले स्थान पर जन्म से विकृत जैसे न्यूरल ट्यूब विकृत, डाउन सिन्ड्रोम, होंठ व तालू के कटे होने पर, पैरो-टांगो में विकृती, कूल्हे का ठीक से विकास न होने पर, जन्म जात मोतियाबिंद, जन्म से बहरापन, दृष्टिपटल विकृती वाले बच्चों व दिल में छेंद वाले बच्चे आते है। उन्होने बताया कि दूसरे स्थान पर पौष्टिकता के आभाव के अंर्तगत रक्त अल्पता, विटामिन -ए व विटामिन-डी की कमी, गंभीर कुपोषण तथा घेंघा से ग्रस्त बच्चे आते है। तीसरे स्थान पर बाल्यावस्था के रोग के अंतर्गत त्वचा के रोग दमा की शिकायत, दंत क्षय, मिर्गी अथवा ऐठन विकार भी शामिल है, जबकि चौथे स्थान पर विकास संबंधी देरी एवं विकलागता के अंतर्गत दृष्टि रोग, श्रवण रोग, हाथ - पैर चलाने में देरी बोध ज्ञान में विलंब, देरी से बोलना, विधालय के छात्रों में नई चीजें सीखने की अक्षमता तथा व्यवहार को नियंत्रित करने में कठिनाई होने वाले बच्चे शामिल किये गए है। आर.बी.एस.के. बच्चों के लिए वरदान है, कार्यक्रम के तहत आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों के लिए सरकार द्वारा निःशुल्क उपचार प्रदान किया जाता है।आर.बी.एस.के. कार्यक्रम के नोंडल ऑफिसर डा. बुलबुल कटारिया ने बताया कि निजी अस्पतालों में भी बच्चों का निःशुल्क उपचार कराया जाता है। उन्होने बताया कि योजना के तहत ऐसे जरूरत मंद बच्चों के इलाज में कुल 2,99,29,999 रूपये खर्च किये जा चुके है। इस वर्ष 20,0000 तक की आर्थिक सहायता बच्चों के इलाज के लिए खर्च किये जा चुके है। कार्यक्रम में वो अभिभावक भी पहुँचे जिनके बच्चों का ऑपरेशन फर्टिस हॉस्पिटल, मोहाली व पीजीआइ चंडीगढ़ में कराया जा चुका है। उन्होने बताया कि उनके बच्चों के इलाज का खर्च सरकार द्वारा उठाया गया तथा आर.बी. एस. के. की पूरी टीम का पूरा सहयोग रहा।