𝐇𝐞 𝐟𝐮𝐫𝐭𝐡𝐞𝐫 𝐬𝐡𝐚𝐫𝐞𝐝 𝐭𝐡𝐚𝐭 𝐢𝐧 𝐭𝐡𝐞 𝐥𝐚𝐬𝐭 𝐲𝐞𝐚𝐫, 𝐇𝐚𝐫𝐲𝐚𝐧𝐚 𝐒𝐭𝐚𝐭𝐞 𝐍𝐚𝐫𝐜𝐨𝐭𝐢𝐜𝐬 𝐂𝐨𝐧𝐭𝐫𝐨𝐥 𝐁𝐮𝐫𝐞𝐚𝐮 (𝐇𝐒𝐍𝐂𝐁) 𝐚𝐧𝐝 𝐇𝐚𝐫𝐲𝐚𝐧𝐚 𝐏𝐨𝐥𝐢𝐜𝐞 𝐡𝐚𝐯𝐞 𝐫𝐞𝐠𝐢𝐬𝐭𝐞𝐫𝐞𝐝 𝟐,𝟕𝟒𝟔 𝐜𝐚𝐬𝐞𝐬 𝐚𝐧𝐝 𝐚𝐫𝐫𝐞𝐬𝐭𝐞𝐝 𝟑,𝟗𝟕𝟓 𝐚𝐜𝐜𝐮𝐬𝐞𝐝. 𝐃𝐮𝐫𝐢𝐧𝐠 𝐭𝐡𝐢𝐬, 𝟐𝟗.𝟏𝟑 𝐤𝐠 𝐡𝐞𝐫𝐨𝐢𝐧, 𝟏𝟓𝟕.𝟐𝟓 𝐤𝐠 𝐜𝐡𝐚𝐫𝐚𝐬, 𝟏𝟏,𝟑𝟔𝟖 𝐤𝐠 𝐠𝐚𝐧𝐣𝐚, 𝟑𝟓𝟔.𝟏𝟗 𝐤𝐠 𝐨𝐩𝐢𝐮𝐦, 𝟖𝟓𝟓𝟎 𝐤𝐠 𝐂𝐡𝐮𝐫𝐚 𝐏𝐨𝐬𝐭 𝐚𝐧𝐝 𝟏𝟑, 𝟔𝟒,𝟏𝟐𝟏 𝐢𝐧𝐭𝐨𝐱𝐢𝐜𝐚𝐭𝐢𝐧𝐠 𝐩𝐢𝐥𝐥𝐬, 𝐬𝐲𝐫𝐮𝐩, 𝐞𝐭𝐜. 𝐡𝐚𝐯𝐞 𝐛𝐞𝐞𝐧 𝐬𝐞𝐢𝐳𝐞𝐝. “𝐀𝐧𝐭𝐢 𝐍𝐚𝐫𝐜𝐨𝐭𝐢𝐜𝐬 𝐂𝐞𝐥𝐥𝐬 𝐡𝐚𝐯𝐞 𝐛𝐞𝐞𝐧 𝐞𝐬𝐭𝐚𝐛𝐥𝐢𝐬𝐡𝐞𝐝 𝐚𝐭 𝐃𝐢𝐬𝐭𝐫𝐢𝐜𝐭, 𝐑𝐚𝐧𝐠𝐞 𝐚𝐧𝐝 𝐒𝐭𝐚𝐭𝐞 𝐥𝐞𝐯𝐞𝐥. 𝐓𝐡𝐞𝐬𝐞 𝐜𝐞𝐥𝐥𝐬 𝐜𝐨𝐨𝐫𝐝𝐢𝐧𝐚𝐭𝐞 𝐰𝐢𝐭𝐡 𝐝𝐫𝐮𝐠 𝐜𝐨𝐧𝐭𝐫𝐨𝐥 𝐚𝐠𝐞𝐧𝐜𝐢𝐞𝐬 𝐢𝐧 𝐈𝐧𝐝𝐢𝐚 𝐚𝐧𝐝 𝐚𝐛𝐫𝐨𝐚𝐝 𝐬𝐮𝐜𝐡 𝐚𝐬 𝐍𝐚𝐫𝐜𝐨𝐭𝐢𝐜𝐬 𝐂𝐨𝐧𝐭𝐫𝐨𝐥 𝐁𝐮𝐫𝐞𝐚𝐮, 𝐧𝐞𝐢𝐠𝐡𝐛𝐨𝐮𝐫𝐢𝐧𝐠 𝐒𝐭𝐚𝐭𝐞𝐬, 𝐈𝐧𝐭𝐞𝐫-𝐒𝐭𝐚𝐭𝐞 𝐃𝐫𝐮𝐠 𝐒𝐞𝐜𝐫𝐞𝐭𝐚𝐫𝐢𝐚𝐭, 𝐚𝐧𝐝 𝐭𝐡𝐞 𝐎𝐩𝐢𝐮𝐦 𝐏𝐫𝐨𝐝𝐮𝐜𝐢𝐧𝐠 𝐒𝐭𝐚𝐭𝐞𝐬 𝐞𝐭𝐜. 𝐭𝐨 𝐢𝐝𝐞𝐧𝐭𝐢𝐟𝐲 𝐭𝐡𝐞 𝐬𝐮𝐩𝐩𝐥𝐲 𝐜𝐡𝐚𝐢𝐧 𝐨𝐟 𝐧𝐚𝐫𝐜𝐨𝐭𝐢𝐜𝐬,” 𝐢𝐧𝐟𝐨𝐫𝐦𝐞𝐝 𝐌𝐚𝐧𝐨𝐡𝐚𝐫 𝐋𝐚𝐥.
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि वर्तमान समय में नशा
समाज के लिए गंभीर चिंता का विषय बन गया है और राज्य सरकार द्वारा नशे को रोकने के
लिए कड़े कदम उठाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री आज यहाँ प्रेसवार्ता को
संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज भी उपस्थित रहे।
मादक पदार्थों को रोकने के लिए उठाए गए कदम
मुख्यमंत्री ने मादक पदार्थों को रोकने के लिए राज्य सरकार द्वारा
उठाए गए कदमों की जानकारी देते हुए कहा कि गत वर्ष नशे से सम्बन्धित सभी पहलुओं पर
गहन अध्ययन के बाद हरियाणा राज्य नारकोटिक्स नियंत्रण ब्यूरो द्वारा एक विस्तृत
स्टेट एक्शन प्लान बनाया गया है। समाज के हर आयु वर्ग के नागरिकों को नशा मुक्त
हरियाणा के यज्ञ में सम्मिलित करने के लिए ग्राम, वार्ड, कलस्टर, सब-डिवीजन, जिला व राज्य मिशन
टीमों का गठन किया है। शिक्षण संस्थानों को भी इस बुराई से बचाने के लिए एक विशेष
कार्यक्त्रम प्रारम्भ किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि इन 10 सदस्यीय टीमों का गठन मार्च के अंत तक
किया जाएगा और इसमें 5 स्थानीय प्रतिनिधि और 5 अधिकारी शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि
जल्द ही पूरे राज्य में नशीले पदार्थों के खिलाफ व्यापक अभियान चलाया जाएगा और इस
समस्या की जड़ तक पहुंचने के लिए फॉरवर्ड, बैकवर्ड लिंकेज मैकेनिज्म स्थापित
किया गया है।
उन्होंने कहा कि नशे के आदी लोगों की मदद के लिए नशा मुक्ति केंद्र
स्थापित किए जाएंगे और ऐसे लोगों के लिए विशेष परामर्श सत्र सुनिश्चित किए जाएंगे
ताकि उन्हें इस सामाजिक बुराई को छोड़कर मुख्यधारा में लाने में मदद मिल सके।
उन्होंने कहा कि मादक पदार्थों के दुरुपयोग की बढ़ती प्रवृत्ति को
रोकने के लिए समर्पित प्रयास किए जा रहे हैं। मादक पदार्थों की तस्करी और बिक्त्री
पर प्रभावी ढंग से अंकुश लगाने के लिए हरियाणा राज्य नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो का
गठन किया गया है।
एचएसएनसीबी और पुलिस ने 2,746 मामले दर्ज किए और 3,975 आरोपियों को गिरफ्तार किया
मनोहर लाल ने कहा कि पिछले एक साल में हरियाणा राज्य नारकोटिक्स
कंट्रोल ब्यूरो और हरियाणा पुलिस ने 2,746 अभियोग दर्ज किये हैं और 3,975 आरोपियों को
गिरफ्तार किया है। इस दौरान 29.13
किलो हेरोइन, 157.25 किलो चरस, 11,368 किलो गांजा, 356.19 किलो अफीम, 8550 किलो चूरापोस्त और 13 लाख 64 हजार 121 नशीली गोलियां, सिरप इत्यादि जब्त
किया है।
उन्होंने कहा कि जिला, रेंज और राज्य स्तर पर एंटी
नारकोटिक्स सैल्स स्थापित किये गये हैं। ये सैल्स मादक पदार्थों की सप्लाई चेन की
पहचान करने के लिए देश-विदेश की मादक पदार्थ नियंत्रण एजेंसियों जैसेकि नारकोटिक्स
कंट्रोल ब्यूरो, पड़ौसी राज्यों,
अंतर्राज्यीय ड्रग सचिवालय, अफीम उत्पादक
राज्यों आदि के साथ समन्वय करते हैं। ये सेल्स नशा तस्करों, उनके प्रमुख वित्त
पोशकों और मादक पदार्थों के मामलों में गिरफ्तार अपराधियों का डाटाबेस बनाने की
दिशा में काम कर रहे हैं। ये उन प्रमुख दवा निर्माताओं का रिकॉर्ड रखते हैं, जिनकी दवाओं का
उपयोग नशे के लिए किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस दिशा में एक बड़ी पहल करते हुए पंचकूला
में एक अन्तरराज्यीय ड्रग सचिवालय की स्थापना की गई है। यह सचिवालय सहभागी राज्यों
से मादक पदार्थों सम्बंधी अपराधियों की प्रासंगिक सूचना एकत्रित करता है ताकि एक
डाटा बेस तैयार किया जा सके,
जिससे उत्तरी राज्यों को मादक
पदार्थों पर नकेल कसने में सहायता मिल सके। इसके अलावा, प्रदेश स्तर पर
स्पेशल टास्क फोर्स (एस.टी.एफ.) का गठन किया गया है।
उन्होंने कहा कि आम नागरिकों को नशे के दुष्प्रभावों बारे शिक्षित
करने व समाज के युवा वर्ग की ऊर्जा को नशे व अन्य नकारात्मक गतिविधियों से हटाकर
सकारात्मक तथा सृजनात्मक कार्यों में लगाने हेतु प्रेरित करने के लिए राहगिरी व
मैराथन दौड़ आयोजित की जाती हैं।
नशीली दवाओं के खतरे को रोकने के लिए तैयार की गई 3ई रणनीति
मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा पुलिस ने न केवल मादक पदार्थों की
अवैध तस्करी व बिक्त्री में शामिल व्यक्तियों को पकड़ने के लिए कड़े कदम उठाए हैं, बल्कि इस नेटवर्क
से जुडे़ अन्य लोगों की तह तक पहुंचने के लिए भी कई प्रकार के प्रयास किए गए हैं।
हम इसके लिए 3 ई पर काम कर रहे हैं, जिसमें एनफोर्समेंट, एजुकेशन, एंगेजमेंट ऑफ सिविल
सोसाइटी शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि हरियाणा राज्य नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो द्वारा ‘हॉक’ सॉफ्टवेयर और
मोबाइल ऐप ‘प्रयास’ के माध्यम से नशे के तस्करों, तस्करी में संलिप्त लोगों का डाटा
बैंक तैयार किया जा रहा है, जिससे किसी सम्बंधित तस्कर के बारे में कोई भी सूचना तुरन्त
प्राप्त कर बिना किसी देरी के कार्रवाई की जा सकेगी। उन्होंने कहा कि नारकोटिक्स
ब्यूरो द्वारा राज्य में नशे की स्थिति एवं कारणों पर विश्ववविद्यालयों के सहयोग
से विस्तृत वैज्ञानिक, सामाजिक एवं मनोवैज्ञानिक अध्ययन करवाया जा रहा है।
या तो ड्रग की तस्करी बंद करो, या हरियाणा छोड़ो दो
गृह मंत्री अनिल विज ने नशा तस्करों को चेतावनी देते हुए कहा कि या
तो उन्हें नशा तस्करी बंद करनी होगी नहीं तो उन्हें हरियाणा छोड़ना होगा।
उन्होंने कहा कि ब्यूरो द्वारा नशा पीडि़तों की सहायता और नशे के
अवैध कारोबार में संलिप्त अपराधियों की सूचना देने के लिए टोल फ्री नंबर 90508-91508 जारी किया गया है,
जो 24 घण्टे खुला रहता है। इस नम्बर पर कोई
भी व्यक्ति नशे से संबंधित सूचना दे सकता है और समाज से बुराई के उन्मूलन में
योगदान देकर अपनी सामाजिक जिम्मेदारी का निर्वहन कर सकता है। सूचना देने वाले का
नाम गुप्त रखा जाएगा।
उन्होंने कहा कि नशे के दुष्परिणामों के बारे में जागरूक करने और
समाज से नशीले पदार्थों के खात्मे को सुनिश्चित करने के लिए शिक्षण संस्थानों और
गांवों व शहरों में कई जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हरियाणा को नशा मुक्त बनाया जाएगा और इसके लिए
नारकोटिक्स विभाग के अलावा अन्य पूरे पुलिस विभाग को ड्रग्स के अलावा जुआ, शराब, तस्करी, अवैध हथियारों में
शामिल लोगों पर नकेल कसने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा कि इन मामलों पर
पुलिस अधीक्षकों द्वारा एक साप्ताहिक रिपोर्ट प्रस्तुत की जाती है।
18,937 छापेमारी की गई और॒4879 मामले दर्ज किए गए
अनिल विज ने कहा कि अब तक 18,937 छापेमारी की गई है और 4879 मामले दर्ज किए गए
हैं, 5379 आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं। इसके अलावा, 65,35,643 रुपये की राशि रिकवर की गई है। साथ ही, 172 अवैध पिस्तौल, 202 कारतूस और 76,154 शराब की बोतलें
बरामद की गई हैं।
उन्होंने कहा कि केस डिस्पोजल के लिए एक योजना बनाई गई है जिसमें
हर स्तर पर संबंधित अधिकारी की जवाबदेही तय की गई है। गृह मंत्री ने कहा कि किसी
भी मामले में देरी के लिए इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी से लेकर पुलिस अधीक्षक तक के
अधिकारी जिम्मेदार होंगे। इसके लिए एक पोर्टल विकसित किया गया है और अगले 15 दिनों में इसे
परीक्षण के आधार पर चलाया जाएगा। इस पोर्टल में दर्ज किए गए प्रत्येक मामले का पूरा
विवरण मेरे डैशबोर्ड पर उपलब्ध कराया जाएगा।
कहा कि नशीले पदार्थों की तस्करी में शामिल लोगों की संपत्ति कुर्क
करने की प्रक्त्रिया करनाल, कुरुक्षेत्र और सिरसा में शुरू कर दी गई है.
हमारे विचार अलग हो सकते हैं पर संकल्प एक ही है
पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए खुशनुमा अंदाज़ में उन्होंने
कहा कि मुख्यमंत्री और मेरी कुछ मुद्दों पर अलग-अलग राय हो सकती है, लेकिन राज्य के
विकास के लिए हमारा संकल्प एक ही है।
इस मौके पर गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ. अमित अग्रवाल, पुलिस महानिदेशक पी के अग्रवाल, एडीजीपी, सीआईडी, आलोक मित्तल सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।