स्टेट विजिलेंस के ताबड़तोड़ छापे
भिवानी | NEWS - नगर परिषद का चेक घोटाला की जांच अब स्टेट विजिलेंस को साैंप दी गई है। इससे पहले इकनोमिक सेल जांच कर रही थी लेकिन इकनोमिक सेल की जांच धीमी होने व मुख्य आरोपितों तक ना पहुंच पाने पर जांच स्टेट विजिलेंस को सौंपी गई है। भिवानी नगर परिषद के चेक घोटाले में सीआइए-1 पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी हैं। स्टेट विजिलेंस टीम व सीआइए-1 टीम ने संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए नप के निवर्तमान नप चेयरमैन रणसिंह यादव व तत्कालीन कार्यकारी अधिकारी संजय यादव को गिरफ्तार किया हैं। स्टेट विजिलेंस ने मंगलवार अल सुबह भी ताबड़तोड़ छापेमारी कर पूछताछ के लिए चार अन्य पार्षदों को भी हिरासत में लिया हैं।
पुलिस इन पार्षदों के अभी नाम उजागर करने को तैयार नहीं है। पुलिस को इनके खिलाफ ठोस सबूत हाथ लगे थे। पुलिस द्वारा दोनों न्यायालय में पेश किया जाना है। इस मामले में पुलिस ने सखी साड़ी पैलेस संचालक नितिन व दादरी निवासी अरूण को तीन दिन के और रिमांड पर लिया हैं। पुलिस ने जेल में बंद एक्सेस बैंक के तत्कालीन मैनेजर मुख्य आरोपित नितेश अग्रवाल को अदालत से दो दिन के प्रोडक्शन वारंट पर लिया हैं।
इकनोमिक सेल की जांच धीमी -
नगर परिषद का चेक घोटाला की जांच अब स्टेट विजिलेंस को साैंप दी गई है। इससे पहले इकनोमिक सेल जांच कर रही थी, लेकिन इकनोमिक सेल की जांच धीमी होने व मुख्य आरोपितों तक ना पहुंच पाने पर जांच स्टेट विजिलेंस को सौंपी गई है। स्टेट विजिलेंस व सीआइए-1 के इंस्पेक्टर कुलवंत सिंह ने सोमवार देर रात को त्वरित कार्रवाई करते हुए कहा कि नप के निर्वतमान चेयरमैन रणसिंह यादव व महेंद्रगढ़ जिले के रहने वाले भिवानी नप के तत्कालीन कार्यकारी अधिकारी संजय यादव को गिरफ्तार किया हैं।
बैंक मैनेजर नितेश ने रिमांड के पहले ही दिन उजागर किए थे दोनों के नाम -
पुलिस द्वारा इस मामले में सबसे पहले एक्सेस बैंक के तत्कालीन मैनेजर चिडिपाल गली निवासी नितेश अग्रवाल को काबू किया था। रिमांड अवधि के पहले ही दिन उसने सबूत सहित चेयरमैन रणसिंह यादव व तत्कालीन ईओ संजय यादव के नाम उजागर किए थे, लेकिन इसके बावजूद इकनोमिक सेल इंचार्ज सतपाल सिंह उन्हें गिरफ्तार करने में देरी करते रहे। अब स्टेट विजिलेंस ने इन दोनों को गिरफ्तार कर पुख्ता सबूत जुटाए है।
चार पार्षद भी लिये हिरासत में -
विजिलेंस टीम ने शहर में मंगलवार अल-सुबह कई पार्षदों के घरों पर छापे मारी की। चार पार्षदों को पूछताछ के लिए थाने लाया गया। अभी उनसे पूछताछ की जा रही हैं। हालांकि अभी तक पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार नहीं दिखाया है और ना ही नाम उजागर किए हैं।
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