घर वापसी पर केंद्र व प्रदेश सरकार का किया धन्यवाद
यमुनानगर | NEWS - यूक्रैन और रूस के बीच छिड़ी जंग और भयावह हालातों के बीच फंसा यमुनानगर का आदित्य सकुशल घर पहुंचा। आदित्य एमबीबीएस प्रथम वर्ष का स्टूडेंट है और ईवानो में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा था। वही आदित्य की सलामती की दुआएं कर रहे परिवार ने भी राहत की सांस ली । आदित्य के घर पहुंचते ही परिवार और दोस्तो ने जोरदार स्वागत किया। वही आदित्य ने केंद्र सरकार का आभार जताया और वहां के ख़ौफ़नाक मंजर के बारे में बताया कि कैसे बमबारी के बीच कार के पीछे छिपा और फिर बॉर्डर तक पहुंचे और मिल्ट्री ने उन्हें परेशान किया। आदित्य ने केंद्र सरकार से अपील की है कि यूक्रैन से रोमानिया और दूसरे बॉर्डर से आ रहे भारतीयों को बहुत परेशानी हो रही है। सरकार इस तरफ भी ध्यान दे।
यूक्रैन में बमबारी और गोलीबारी के ख़ौफ़नाक मंजर स्टूडेंट्स के दिमाग मे है। कैसे गोली बारी में छिप कर बचते हुए स्टूडेंट यूक्रैन से घर वापसी कर रहे है। यूक्रैन के ईवानो से यमुनानगर लौटे एमबीबीएस के प्रथम वर्ष के स्टूडेंट आदित्य बंसल ने बताया कि स्वदेश लौटने के लिए उन्हें बड़ी जद्दोजहद करनी पड़ी। यहां तक कि रोमानिया बार्डर पर फायरिंग भी हुई। जिसमें आदित्य बंसल ने कार के पीछे छिपकर जान बचाई। सबसे अधिक समस्या बार्डर पर आ रही है। बार्डर पर सेना बच्चों के साथ काफी अभद्रता कर रही है। बार्डर को पार करना भी काफी रिस्की है। कई-कई दिन से छात्र बोर्डरों पर खड़े हुए हैं। खाने व पीने की काफी दिक्कत है। हालांकि रोमानिया, पोलेंड व हंगरी काफी मदद कर रहे हैं। आदित्य ने बताया कि बाेर्डर पर भी सबसे अधिक खतरा है। यहां पर सेना 20-20 छात्रों को निकाल रही है। अभी तक आठ हजार छात्र ही आए हैं। जबकि करीब दस हजार छात्र वहां पर फंसे हुए हैं। जब बोर्डर पार कर रहे थे, तो अचानक से गोलियां चलने लगी। किसी तरह से कार के पीछे छिपकर जान बचाई। इसलिए सरकार को बोर्डर पर ध्यान देना चाहिए। जिससे भारतीय बच्चों को निकलने में कोई दिक्कत न आए। आदित्य इवानो यूनविर्सिटी से पढ़ाई कर रहे थे। यह वेस्टर्न में है। यहां से रोमानिया बार्डर करीब एक से डेढ़ घँटे की दूरी पर है। बोर्डर पर पहले ही उतार दिया गया था। जिससे करीब दस किलोमीटर सामान के साथ आदित्य व अन्य छात्रों को पैदल चलना पड़ा। आदित्य का कहना है कि भारतीय दूतावास ने पहले कोई ऐसा अपडेट नहीं दिया था। जबकि अन्य देशों ने अपने लोगों को वहां से निकाल लिया था। यूनिवर्सिटी ने भी आफलाइन का विकल्प नहीं दिया। जिस वजह से यूक्रेन में ही रूकना पड़ा।
अब आगे स्टडी की चिंता है - अभी भी वहाँ फंसे हुए है बहुत से स्टूडेंट्स
आदित्य ने बताया कि रोमानिया, हंगरी व पोलेंड के बार्डरों से सटे यूक्रेन के एरिया से छात्र वापस लौट रहे हैं।यमुनानगर की कृष्णा कालोनी के रहने वाले आदित्य ने बताया कि अब वह अपने घर लौट आया हैं। काफी सुखद महसूस कर रहा है। भगवान से दुआ करता हूं कि जो बच्चे वहां पर फंसे हुए हैं, वह भी जल्दी लौट आये। क्योंकि इस समय हालात काफी खराब हैं। वहीं आदित्य की माँ नीतू बंसल ने कहा कि जो वहाँ के हालात है उससे हमे पल पल आदित्य की चिंता सता रही थी।अब हमें खुशी है कि हमारा बच्चा घर वापस आ गया है। अभी उसकी स्टडी के बारे में आगे नहीं सोच रहे हैं। बस वह घर आ गया है। यही सबसे बड़ी खुशी है।
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