- पिछली गलतियों को भुलाकर समाज की मुख्यधारा में शामिल हों बच्चे
-पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के न्यायाधीश अरविंद सिंह सांगवान ने किया बाल सुधार गृह का निरीक्षण
बच्चों को समाज का अभिन्न अंग बताते हुए
माननीय न्यायाधीश ने कहा कि शिक्षा व संस्कार न मिलने की वजह से बच्चे गलतियां कर
देते हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के बच्चों को सरंक्षण प्रदान करने और उन्हें
मुख्य धारा में लाने के लिए प्रदेश में पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट व हरियाणा
सरकार दोनों मिलकर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि विशेष गृहों में बच्चे की
मानसिकता बदलने तथा उन्हें व्यवसायिक प्रशिक्षण देने आदि की सुविधा उपलब्ध कराई
जाती है ताकि वे बाहर आकर अपने भविष्य को उज्ज्वल बना सकें।
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट न्यायाधीश
ने बाल सुधार गृह का निरीक्षण करते हुए वहां रहने वाले बच्चों को मिलने वाली सभी
सुविधाओं की बारिकी से जांच की और उनकों खाने में किस समय क्या-क्या दिया जाता है
इसके बारे में भी वहां के अधिकारियों से बात की। इस दौरान उन्होंने वहां मिलने
वाले खाने को भी खुद चखा। उन्होंने बच्चों को बात करते हुए कहा कि अगर उन्हें किसी
भी प्रकार की परेशानी है तो उन्हें बताएं तुरंत उसे दूर किया जाएगा। जिसपर बच्चों
ने उत्तर देते हुए कहा कि हमें यहां सभी प्रकार की अच्छी सुविधाएं मिल रही है।
निरीक्षण के दौरान उन्होंने सभी व्यवस्थाओं को लेकर बाल सुधार गृह से संबंधित
अधिकारियों की भी प्रशांसा की।
इस दौरान जिला सत्र एवं न्यायाधीश सुभाष मेहला, सीजेएम सौरभ गुप्ता, किशोर न्याय बोर्ड सोनीपत की प्रधान मानविका यादव, महिला एवं बाल विकास विभाग से डीपीओ प्रवीण मलिक, जिला बाल संरक्षण अधिकारी डॉ० रितु गिल तथा संरक्षण अधिकारी(संस्थानिक) ममता शर्मा उपस्थित रही।