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Chandigarh- वर्ष 1966 में पास पंजाब पुर्नगठन एक्ट से पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ अस्तित्व में आये थे

एक्ट में प्रावधान है कि चंडीगढ़ के 60 प्रतिशत कर्मचारी पंजाब और 40 प्रतिशत हरियाणा से होंगे, चंडीगढ़ पर हरियाणा का बराबर का हक है..


चंडीगढ़।। हरियाणा कांग्रेस प्रभारी विवेक बंसल और हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने कहा की चंडीगढ़ से प्रदेश के लोगों की भावनाएं जुड़ी हुई हैं, इसलिए इस मुद्दे पर जो भी हरियाणा के पक्ष की अनदेखी करेगा वो स्वीकार्य नहीं है। चंडीगढ़ पर हरियाणा का पूरा अधिकार है, कोई भी ताकत चंडीगढ़ को हरियाणा से नहीं छीन सकती है और एसवाईएल का पानी भी जल्द से जल्द हरियाणा को मिलना चाहिए।

पंजाब विधानसभा में चंडीगढ को पंजाब में शामिल करने का प्रस्ताव पारित करने से आम आदमी पार्टी सरकार का हरियाणा विरोधो चेहरा उजागर हुआ है... हालांकि इस प्रस्ताव का कोई औचित्य नहीं है, क्योंकि इससे पहले भी पंजाब विधानसभा में छह बार ऐसे प्रस्ताव लाए जा चुके हैं। इस प्रस्ताव से हरियाणा को न्याय दिलाने की बात करने वाली आम आदमी पार्टी का हरियाणा के खिलाफ षड्यंत्र रचने का पर्दाफाश हुआ है।

पंजाब सरकार का यह प्रस्ताव आप सुप्रीमो और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की बिना सहमति के नहीं लाया जा सकता है... इस प्रस्ताव को लाने के लिए अरविंद केजरीवाल और उनकी आप सरकार को हरियाणावासी कभी माफ़ नहीं करेंगे। अरविंद केजरीवाल जी हरियाणा आकर हरियाणा के लोगों के साथ खड़े होने की बात करते हैं, मगर हर मुद्दे पर वह हरियाणा के खिलाफ खड़े हो जाते हैं। इससे पहले भी अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि हरियाणा में पराली जलने के कारण प्रदूषण फैल रहा है। केजरीवाल शुरु से ही नहरी पानी, चंडीगढ़ व अन्य अन्तर्राजीय विषयों पर हरियाणा के खिलाफ खड़े रहे हैं और आगे भी ऐसा ही होना तय है।

वर्ष 1966 में पास पंजाब पुर्नगठन एक्ट से पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ अस्तित्व में आये थे। एक्ट में प्रावधान है कि चंडीगढ़ के 60 प्रतिशत कर्मचारी पंजाब और 40 प्रतिशत हरियाणा से होंगे। चंडीगढ़ पर हरियाणा का बराबर का हक है।

बैठक में चंडीगढ़ और एसवाईएल को लेकर हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने तीन  प्रस्ताव रखे जिनका उपस्थित कार्यकर्ताओं ने दोनों हाथ उठाकर समर्थन किया। इन प्रस्तावों कि एक प्रतिलिपि हरियाणा सीएलपी के नेता भूपेंदर सिंह हुड्डा को भी भेजी गई है ताकि 5 अप्रैल को होने वाले विधानसभा के विशेष सत्र में इन्हें जोरशोर से उठाया जा सके।

आम आदमी पार्टी हो या भाजपा दोनों ही लगातार हरियाणा प्रदेश के अधिकारों पर कुठाराघात करती रही हैं... बीते आठ वर्षों से केंद्र और प्रदेश दोनों में भाजपा सरकार होने के बावजूद भी हरियाणा को एसवाईएल का पानी अभी तक नहीं मिल पाया है। जबकि सुप्रीम कोर्ट का फैसला भी हरियाणा प्रदेश के हक में आ चुका है। 

हरियाणा प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल... प्रदेशवासियों को बताएं कि केंद्र और हरियाणा प्रदेश में भाजपा सरकार होने के बावजूद उनके द्वारा अभी तक भी एसवाईएल का पानी हरियाणा को क्यों नहीं दिलवाया जा सका है..?

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की जिम्मेदारी बनती थी की... वह हरियाणा को उसके हक का पानी दिलवाए, लेकिन केंद्र सरकार क्यों चुप्पी साधे रही..?

सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब-हरियाणा के बीच... सतलुज-यमुना लिंक नहर के पानी का बंटवारा करने के लिए केंद्र सरकार को कहा था, केंद्र सरकार ने उसके लिए कोई कदम क्यों नहीं उठाए..?

क्या यह सही नहीं है कि प्रधानमंत्री जी... ने हरियाणा के दलों को एसवाईएल के मुद्दे उनसे मुलाकात करने का समय नहीं दिया था..?

इतना समय बीतने के बाद भी प्रदेश सरकार... ने आखिर क्यों एसवाईएल का पानी दिलवाने के लिए केंद्र सरकार पर दबाव नहीं बनाया?

यहाँ यह भी गोरतलब है कि... हरियाणा प्रदेश को उसके हक़ का पानी नहीं मिला तो वर्ष 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक निर्णय लिया और एसवाईएल निर्माण की जिम्मेदारी का स्पष्ट आदेश केंद्र सरकार को दिया गया। वर्ष 2017 में सुप्रीम कोर्ट में एक और ऐतिहासिक निर्णय में पंजाब सरकार की याचिका को खारिज कर दिया। इस याचिका में एसवाईएल निर्माण के निर्णय को स्थगित करने की अपील की गई थी। 

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में स्पष्ट किया कि एसवाईएल नहर निर्माण के अदालत के निर्णय को हर हालत में लागू किया जाए... वर्ष 2019 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दोनों राज्यों को अपने अधिकारियों की कमेटी बनाकर मामला सुलझाने के निर्देश देने के साथ ही साफ कर दिया गया कि अगर दोनों राज्य आपसी सहमति से नहर का निर्माण नहीं करते हैं तो सुप्रीम कोर्ट खुद नहर का निर्माण कराएगा।

एक आकंड़े के मुताबिक हरियाणा में करीब 40 लाख हैक्टयेर कृषि योग्य जमीन है, इसमें 33 प्रतिशत भूमि की सिंचाई नहरी पानी से, 50 प्रतिशत की सिंचाई टयूबवलों के माध्यम से तथा 17 प्रतिशत कृषि योग्य भूमि की सिंचाई बरसात के पानी से होती है... जबकि हरियाणा प्रदेश में 30 लाख हैक्टयेर भूमि के नहरों का जाल बिछा हुआ है। लेकिन पानी नहीं होने से प्रदेश की नहरें सूखी पड़ी रहती हैं। आज हरियाणा बूंद बूंद पानी के लिए तरस रहा है। भाजपा सरकार की गलत नीतियों के कारण आज प्रदेश के किसान पर भारी संकट छाया हुआ है। तरह-तरह से किसान पर इस भाजपा सरकार ने मार मारी है।

यह साफ़ है कि जब से हरियाणा में केंद्र की कठपुतली भाजपा सरकार आई है, प्रदेश के हितों की निरंतर अनदेखी हो रही है... पहले हिसार से कार्गो हवाई अड्डा यूपी चला गया, सोनीपत से रेल कोच फैक्ट्री गई, बाढ़सा (झज्जर) से कैंसर के अलावा अन्य गंभीर बीमारियों के विभाग उठा लिए गए और अब केंद्र के नए आदेश से भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट से हरियाणा को बेदखल करने का षडयंत्र किया गया। दुर्भाग्य से हरियाणा में ऐसी गठबंधन सरकार है जिसने प्रदेश के किसी भी महत्वपूर्ण मामले में चूं तक नहीं की।  खेद की बात यह है कि चौधरी देवीलाल के नाम पर नव गठित जननायक जनता पार्टी जो हरियाणा में भाजपा के साथ गठबंधन सरकार चला रही है चंडीगढ़ और एसवाईएल के मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए है।

आम आदमी पार्टी हो या भाजपा यह दोनों पार्टियाँ सिर्फ अपनी राजनितिक रोटियां सेंकने का कार्य करती हैं... चुनाव के समय यह लोकलुभावन नारों के साथ प्रदेशवासियों के साथ खड़े होने का ढोंग करती हैं। मगर चुनाव बाद इन दोनों पार्टियों के हरियाणा विरोधी षड्यंत्र शुरू हो जाते हैं। हरियाणा की जनता के सामने आम आदमी पार्टी औअर भाजपा का असली चेहरा उजागर हो गया है।

हरियाणा कांग्रेस का हर नेता व कार्यकर्ता चंडीगढ़ और एसवाईएल के मुद्दे पर सड़क से लेकर सदन तक और सदन से लेकर महामहिम तक अपनी आवाज बुलंद करने को तैयार है... कांग्रेस पार्टी हर स्तर पर हरियाणा के अधिकारों की लड़ाई लड़ेगी। हरियाणा कांग्रेस मांग करती है कि चंडीगढ़ के मुद्दे पर आप  पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल पंजाब कि सरकार द्वारा चंडीगढ़ के संबंध में लाये गए प्रस्ताव तथा सतलुज यमुना सम्पर्क नहर और पंजाब के हिंदी भाषी क्षेत्रों को हरियाणा में शामिल कराने पर अपना स्टैंड स्पष्ट करें। 

इसके साथ हरियाणा प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर प्रदेशवासियों को एसवाईएल पर सुप्रीम कोर्ट के हरियाणा के पक्ष में... 2016 में निर्णय आने के बाद उठाए गए कदमों कि पूरी जानकारी हरियाणा के लोगों को दें। इसी मुददे को लेकर 11 से 13 अप्रैल के बीच प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर वरिष्ठ कांग्रेसजन प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। वहीं 7 अप्रैल को हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के चंडीगढ़ स्थित कार्यालय पर कांग्रेस कार्यकर्ता एकत्रित होकर बढती मंहगाई को लेकर प्रदर्शन करेंगे।

इस अवसर... पूर्व प्रदेश अध्यक्ष धर्मपाल मलिक, कैप्टन अजय यादव, विधायक प्रदीप चौधरी, शमशेर गोगी, शीशपाल केहरवाला, शैली चौधरी, रेणु बाला, बिशनलाल सैनी, वरुण मुलाना, अमित सिहाग, पूर्व उप मुख्यमंत्री चंद्रमोहन बिश्नोई, पूर्व सांसद चरणजीत रोड़ी, सुशील इंदौरा, पूर्व मंत्री महेन्द्र प्रताप, जगदीश नेहरा, अशोक अरोड़ा, सुभाष बत्रा, अत्तर सिंह सैनी, मुन्नी लाल रंगा, पूर्व मुख्य संसदीय सचिव रामकिशन गुज्जर, डॉ अजय चौधरी, पूर्व डिप्टी स्पीकर अकरम खान, एआईसीसी चेतन चौहान, प्रदेश महिला प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुधा भारद्वाज, पूर्व विधायक बलवान सिंह दौलतपुरिया, भीमसेन मेहताजसबीर मल्लोर, कृष्ण सातरोड़, लालबहादुर खोवाल, डॉ पूनम चौहान, रणधीर परिहार, राकेश तंवर, जोगीराम खेदड़, राजू मान, निलय सैनी, राजकुमार शर्मा, प्रियंका सिंह, अमर सिंह हालुवासिया, दिलबाग सिंह, मनवीर कौर, उपेंद्र  कौर वालिया समेत अनेक नेता और कार्यकर्ता मौजूद थे।













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