विरासत में दिए गए जल संसाधनों के संरक्षण की परंपरा को सहजकर रखने की जरूरत: मुख्यमंत्री
इसी क्षेत्र में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए अब हरियाणा
सरकार 'अमृत सरोवर मिशन' का आगाज करने जा रही
है, जिसका शुभारंभ
मुख्यमंत्री मनोहर लाल 1 मई, 2022 को सोनीपत में राज्य स्तरीय समारोह में करेंगे। मुख्यमंत्री के
नेतृत्व में सभी लोकसभा एवं विधानसभा क्षेत्रों के प्रतिनिधियों द्वारा 111 स्थानों पर 'अमृत सरोवर मिशन' का शुभारंभ किया
जाएगा।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि वर्तमान
युग में जब पूरी दुनिया जल संकट का सामना कर रही है तो हमें प्रकृति और अपने
पूर्वजों द्वारा विरासत में दिए गए जल संसाधनों के संरक्षण की परंपरा को सहेजकर
रखना होगा, अन्यथा हमारी आने वाली पीढ़ियों का अस्तित्व खतरे में पड़
जाएगा। उन्होंने कहा कि इनका संरक्षण करना हम सभी की सामूहिक व नैतिक जिम्मेदारी
है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश सरकार ने
जल स्त्रोतों व वेटलैंड्स के महत्व को ध्यान में रखते हुए तालाब एवं अपशिष्ट जल
प्रबंधन प्राधिकरण का गठन किया है। प्राधिकरण, 'अप्सु अन्त: अमृतम्' अर्थात जल में अमृत
है ध्येय वाक्य के साथ, राज्य के सभी छोटे बड़े तालाबों के संरक्षण, भंडारण, भूजल पुनर्भरण तथा
अपशिष्ट जल प्रबंधन का कार्य विशेष तकनीकी रूप से करने में लगा है ताकि बरसाती व
गंदे पानी को तकनीक से साफ करके खेतों और जानवरों के प्रयोग में लाया जा सके।
उल्लेखनीय है कि हरियाणा पहला प्रदेश है जो तालाबों के संरक्षण, भंडारण, भूजल पुनर्भरण तथा अपशिष्ट जल प्रबंधन का सराहनीय काम कर रहा है। गांवों में अस्तित्व खो रहे तालाबों एवं जोहड़ों को बचाने के प्रयास अब सफल होने लगे हैं। प्राधिकरण के प्रयास से अब तक कई जोहड़ों का जीर्णोद्धार हो चुका है। किसी समय में जो जोहड़ गंदगी से अटे होते थे और बीमारियों को न्यौता देते थे, आज वे स्वच्छ और सुंदर नजर आ रहे हैं और पानी से लबालब भरे हैं।
प्राधिकरण द्वारा इनके चारों ओर सुरक्षा दीवार या कंटीली तारें लगाई गई हैं ताकि कोई फिर से इन पर अतिक्रमण ना कर ले। वहीं चारों ओर पेड़ भी लगाए जा रहे हैं जिससे वातावरण को हरा भरा बनाया जा सके।

