मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने समाज कल्याण अधिकारी श्रीमती सुशीला व उसके ड्राइवर को तुरंत प्रभाव से निलंबित करने के आदेश दिए हैं और साथ ही उन पर आपराधिक मामला दर्ज कर नियम 7 के तहत कार्यवाही की जाएगी.. !
चंडीगढ़।। मुख्यमंत्री कार्यालय भ्रष्टाचार के मामलों में त्वरित कार्रवाई
कर रहा है। भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जा रही है। कार्यालय ने सीएम विंडो पर आई शिकायत पर कड़ा रूख लेते हुए
फरीदाबाद व पलवल की समाज कल्याण अधिकारी के विरूद्ध निलम्बन आदेश जारी किए
हैं। इन पर आपराधिक मामला दर्ज करने व नियम 7 के तहत कार्यवाही करने के आदेश भी जारी
किये गए हैं।
चंडीगढ़ मुख्यालय से
सीएम विंडो की निगरानी कर रहे मुख्यमंत्री के ओएसडी भूपेश्वर दयाल के अनुसार जिला
पलवल से सीएम विंडो पर शिकायत आई थी कि नागरिक सेवा केंद्रों के संचालकों के साथ
मिलीभगत समाज कल्याण अधिकारी ने अपने ड्राइवर के माध्यम से फर्जी पेंशन बनाकर
सरकार को करोड़ों रुपये का नुकसान पहुंचा रहे हैं।
मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा इस पर कड़ा संज्ञान
लिया गया व फरीदाबाद व पलवल की जिला समाज कल्याण अधिकारियों से पूरी रिपोर्ट
मांगी गई। उन्होंने बताया कि समाज कल्याण विभाग, निदेशालय चंडीगढ़ के अधिकारियों
को भी गुमराह किया गया। यहां तक कि शिकायतकर्ता ने यह भी आरोप लगाया है कि निदेशक, समाज कल्याण के निजी
सचिव समाज कल्याण अधिकारी श्रीमती सुशीला को बचा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा सीएम कार्यालय में
भेजी गई अपनी अंतिम रिपोर्ट में सीएम विंडो के प्रबुद्ध नागरिक सुनील कुमार
द्वारा भी अपनी टिप्पणी में कहा था कि शिकायत निराधार है एवं तथ्यहीन है और इस
शिकायत को बंद किया जाए। एक्शन टेकन रिपोर्ट पर शिकायतकर्ता की संतुष्टि के बिना
ही उसके हस्ताक्षर करवाए सीएम विंडो के प्रबुद्ध नागरिक सुनील कुमार द्वारा
टिप्पणी सीएम कार्यालय को रिपोर्ट भेजी गई जो, एक बड़ी लापरवाही को दर्शाता है।
इस पर
कड़ा संज्ञान लेते हुए 20 अप्रैल, 2022 को वार्ड नम्बर 20, निकट भारत गैस एजेंसी, होडल, जिला पलवल के सीएम
विंडो के प्रबुद्ध नागरिक सुनील कुमार को प्रबुद्ध नागरिक की सूची से हटा दिया गया
था। अब इस पर आगे की कार्यवाही करते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने समाज कल्याण
अधिकारी श्रीमती सुशीला व उसके ड्राइवर को तुरंत प्रभाव से निलंबित करने के आदेश
दिए हैं और साथ ही उन पर आपराधिक मामला दर्ज कर नियम 7 के तहत कार्यवाही की
जाएगी।
मुख्यमंत्री के ओएसडी भूपेश्वर दयाल के अनुसार सीएम
विंडो का मकसद ही शिकायतकर्ता की संतुष्टि है और किसी भी मामले को शिकायतकर्ता के
हस्ताक्षर के बाद ही फाइल किया जाता है।


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