हथनीकुड से युपी का जलापूर्ति को रोक दिया गया है..
हथनीकुंड सिंचाई विभाग कंट्रोल रूम से मिली जानकारी के मुताबिक 14 जनवरी 1995 को नदी में पानी की उपलब्धता घटकर केवल 1502 क्यूसिक रही !
यमुनानगर।। अगर बात करते है हरियाणा के यमुनानगर की तो ध्यान आता है हथनीकुड बैराज.. जी हा, 42 डिग्री
तापमान ने हरियाणा की लाइफलाइन यमुना नदी को भी सुखा दिया है.. वहीं पहाड़ों पर बारिश नहीं होने व गर्मी से
पूरी तरह बर्फ नहीं पिघलने के कारण जीवन दायनी यमुना नदी भी लगातार सूखती जा रही
है.. जल स्तर मात्र 1502 क्यूसिक रह गया.. हथनीकुड से युपी का
जलापूर्ति को रोक दिया गया है.. जबकि दिल्ली को 352 क्यूसिक पानी देने के बाद हरियाणा को उनकी मांग की अपेक्षा अभी कम पानी
ही सप्लाई हो रहा है.. हरियाणा को अभी 1150 क्यूसिक
पानी ही मिल रहा है… जबकि हरियाणा की डिमाड 7 हजार क्यूसिक की है।
मार्च-अप्रैल के दिनों में जल बहाव कम होने की ऐसी नाजुक स्थिति पहले कभी नहीं
रही।
हथनी कुंड बैराज पर यमुना नदी का जल बहाव सिमट कर मात्र 1502 क्यूसिक रह गया है… नदी जल की उपलब्धता कम हो जाने के कारण कृषि सिंचाई व पेयजल के लिए संकट खड़ा हो गया है। जिन क्षेत्रों में कृषि केवल यमुना जल पर ही आधारित है उनके लिए सिंचाई की विकट स्थिति पैदा हो गई है। नदी में पानी की उपलब्धता कम हो जाने के कारण हाइडल प्रोजेक्ट की आठ में से चार यूनिट बंद हो गई हैं। जलवायु परिवर्तन के कारण यमुना नदी सूखने की कगार पर पहुंच गई है।
जल बहाव कम हो जाने के कारण हथनी कुंड बैराज पर यमुना नदी एक नाले का रूप ले चुकी है। सिंचाई विभाग के हथनीकड कंट्रोल रूम से मिली जानकारी के मुताबिक नदी जल की ऐसी विकट स्थिति कभी नहीं रही। सिंचाई विभाग के कंट्रोल रूम से मिली जानकारी के मुताबिक हथनी कुंड बैराज पर मंगलवार शाम नदी का जल बहाव केवल मात्र 1502 क्यूसिक रहा।
हरियाणा यूपी से पानी की डिमांड 9 हजार 600 क्यूसिक
भीषण गर्मी के चलते हरियाणा से कृषि
सिंचाई व पेयजल के लिए 7 हजार
क्यूसिक पानी
की डिमांड की जा रही है जबकि उसके हिस्से केवल 1150
क्यूसिक पानी ही मिल पा रहा है। बीते कई दिनों से पड़ रही भीषण गर्मी
के चलते हरियाणा के लिए कृषि सिंचाई व पेयजल के लिए पानी का बड़ा संकट खड़ा हो गया
है।
हाइडिल प्रोजेक्ट के लिए 5400 क्यूसिक पानी जरूरी
प्रदेश की सबसे बड़ी हाइडल परियोजना
भूडकलां में 64. 2 मेगावाट बिजली उत्पादन क्षमता की 8 यूनिट स्थापित की गई
हैं। सभी 8 यूनिट को चलाने के लिए 5400 क्यूसिक पानी की जरूरत पड़ती है। लेकिन
नदी में पानी की उपलब्धता कम हो जाने के कारण हाइडल लिंक चैनल को पानी की पुरी आपूर्ति
नही मिल पा रही है। जिस कारण से हाइडल प्रोजेक्ट की 8 यूनिट में से केवल 4 यूनिट कार्य कर रही
हैं। गर्मी के दिनों में पहली बार उत्पन्न हुई ऐसी नाजुक स्थिति।
डीसी पार्थ
गुप्ता ने खेतों में हो रही आगजनी की घटनाओं को रोकने के लिए किसानों से ऐतियात
बरतने की अपील की है और कहा है कि दिन प्रतिदिन बढ़ रही गर्मी के कारण खेतों में
बचे अवशेषों में अपने आप आग लग सकती है..
