Type Here to Get Search Results !

ad

ADD


 

Yamunanagar - अक्षय तृतीया पर बाल विवाह को रोकने के लिए बाल विवाह निषेध विभाग हुआ सतर्क

बाल विवाह एक दण्डनीय अपराध है


यमुनानगर | NEWS - बाल विवाह करना या कराना दण्डनीय अपराध है - किसी भी बालिका, जिसने अपनी आयु 18 वर्ष पूर्ण न की हो एवं किसी भी बालक व युवा जिसने अपनी आयु 21 वर्ष पूर्ण न की हो, का विवाह कराया जाना प्रतिबन्धित है। बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, 2006 के अन्तर्गत बाल विवाह एक दण्डनीय अपराध है तथा बाल विवाह में प्रतिभाग करने वाले व्यक्तियों पर भी कानूनी कार्यवाही का प्रावधान किया गया है।

जिला संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी भानु गौड़ ने बताया कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, 2006 के प्राविधानों के अन्तर्गत बाल विवाह करने वाले व्यस्क पुरूष के लिए एवं बाल विवाह का अनुष्ठान करने वाले व्यक्तियों के लिए 02 वर्ष के कठोर कारावास एवं 01 लाख रूपये तक के जुमाने का प्रावधान है। बाल विवाह एक सामाजिक कुरीति है जिसके शारीरिक एवं मानसिक रूप से गम्भीर दुष्प्रभाव होते हैं। अक्षय तृतीया (आखा तीज) के अवसर पर बाल विवाह करने की रूढ़िवादी परम्परा समाज में प्रचलित रही है। वर्ष 2022 में अक्षय तृतीया 03 मई को पड़ रही है। बाल विवाह की रोकथाम हेतु जिले में विभन्न प्रकार के जन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये जाने के निर्देश दिये गये हैं। बाल विवाह कराने में सम्मिलित व्यक्तियों के विरूद्ध नियमानुसार कानूनी कार्यवाही की जायेगी। 

उन्होंने बताया कि वैवाहिक आयोजन कराने वाले प्रिंटिंग प्रेस, टेन्ट व्यवसायी, मैरिज हॉल, बैण्ड बाजा, कैटरर्स, फोटो ग्राफर, पुरोहित, मौलवी इत्यादि व्यक्तियों एवं संस्थाओं से भी यह अपेक्षा की जाती है कि वैवाहिक आयोजन कराने से पूर्व यह सुनश्चित कर लें कि वधु की आयु 18 वर्ष एवं वर की आयु 21 वर्ष से कम न हो। साथ ही जिले के सभी नागरिकों से भी यह अनुरोध किया जाता है कि यदि बाल विवाह से सम्बन्धित कोई प्रकरण उनके संज्ञान में आता है तो प्रकरण के सम्बन्ध में तत्काल हेल्पलाईन नम्बर 112, महिला एवं बाल विकास हेल्पलाइन नंबर 181, चाइल्ड हेल्पलाईन नम्बर 1098 या स्थानीय पुलिस स्टेशन व चौकी पर सूचित कर दें, जिससे बाल विवाह को रोका जा सकें।


Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Below Post Ad


ADD


 

ads