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Chandigarh- बिजली संकट के लिए भाजपा सरकार जिम्मेदार: सुरजेवाला

𝐒𝐞𝐧𝐢𝐨𝐫 𝐂𝐨𝐧𝐠𝐫𝐞𝐬𝐬 𝐥𝐞𝐚𝐝𝐞𝐫 & 𝐩𝐚𝐫𝐭𝐲’𝐬 𝐧𝐚𝐭𝐢𝐨𝐧𝐚𝐥 𝐆𝐞𝐧𝐞𝐫𝐚𝐥 𝐒𝐞𝐜𝐫𝐞𝐭𝐚𝐫𝐲 𝐑𝐚𝐧𝐝𝐞𝐞𝐩 𝐒𝐢𝐧𝐠𝐡 𝐒𝐮𝐫𝐣𝐞𝐰𝐚𝐥𝐚 𝐡𝐚𝐬 𝐚𝐜𝐜𝐮𝐬𝐞𝐝 𝐭𝐡𝐞 𝐁𝐉𝐏 𝐠𝐨𝐯𝐞𝐫𝐧𝐦𝐞𝐧𝐭 𝐢𝐧 𝐇𝐚𝐫𝐲𝐚𝐧𝐚 𝐨𝐟 𝐛𝐞𝐢𝐧𝐠 𝐬𝐨𝐥𝐞𝐥𝐲 𝐫𝐞𝐬𝐩𝐨𝐧𝐬𝐢𝐛𝐥𝐞 𝐟𝐨𝐫 𝐭𝐡𝐞 𝐝𝐞𝐞𝐩𝐞𝐧𝐞𝐝 𝐩𝐨𝐰𝐞𝐫 𝐜𝐫𝐢𝐬𝐢𝐬 𝐢𝐧 𝐭𝐡𝐞 𝐬𝐭𝐚𝐭𝐞 𝐚𝐬 𝐭𝐡𝐢𝐬 𝐠𝐨𝐯𝐞𝐫𝐧𝐦𝐞𝐧𝐭 𝐝𝐢𝐝 𝐧𝐨𝐭 𝐬𝐞𝐭𝐮𝐩 𝐚 𝐬𝐢𝐧𝐠𝐥𝐞 𝐩𝐨𝐰𝐞𝐫 𝐩𝐥𝐚𝐧𝐭 𝐢𝐧 𝐥𝐚𝐬𝐭 𝐞𝐢𝐠𝐡𝐭 𝐲𝐞𝐚𝐫𝐬, 𝐛𝐮𝐭 𝐝𝐞𝐦𝐨𝐥𝐢𝐬𝐡𝐞𝐝 𝐟𝐨𝐮𝐫 𝐟𝐮𝐧𝐜𝐭𝐢𝐨𝐧𝐚𝐥 𝐩𝐨𝐰𝐞𝐫 𝐩𝐥𝐚𝐧𝐭𝐬 𝐨𝐟 𝐏𝐚𝐧𝐢𝐩𝐚𝐭. 



चंडीगढ़।। हरियाणा में चल रहे बिजली संकट के लिए भाजपा-जजपा सरकार की गलत नीतियों को जिम्मेदार बताते हुए कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि हरियाणा की भाजपा सरकार ने आठ साल में एक भी बिजली संयंत्र नहीं लगाया, उल्टा पानीपत में चार चलते हुए बिजली के कारखानों को बंद कर तोड़ दिया गया। अब जब प्रदेश में बिजली के लिए हाहाकार मची है तो भाजपा आग लगने पर कुआँ खोदनेकी कहावत के अनुसार मुख्यमंत्री यमुनानगर में बिजली का नया कारख़ाना लगाने की बात कर रहे हैं।

सुरजेवाला ने कहा कि प्रदेश सरकार हमारे बार-बार जगाने के बावजूद नहीं जागी और अहंकार में सब ठीक होने के दावा करती रही पर आज मुख्यमंत्री स्वयं यह मानने पर मजबूर हुए हैं की यह बिजली संकट की भयावह स्थिति अगले दो सप्ताह से पहले ठीक नहीं हो पाएगी। कितनी चिंताजनक बात है की मुख्यमंत्री 15 मई से पहले हरियाणा में बिजली की दिक्कत ठीक होने की केवल उम्मीद ही जता रहे हैं और उनके पास कोई ठोस कार्य योजना नहीं है।

𝐒𝐮𝐫𝐣𝐞𝐰𝐚𝐥𝐚 𝐬𝐚𝐢𝐝, “𝐎𝐧𝐞 𝐮𝐧𝐢𝐭 𝐨𝐟 𝟔𝟎𝟎 𝐌𝐖 𝐢𝐧 𝐊𝐡𝐞𝐝𝐚𝐫 𝐰𝐚𝐬 𝐧𝐨𝐭 𝐟𝐮𝐧𝐜𝐭𝐢𝐨𝐧𝐢𝐧𝐠 𝐟𝐨𝐫 𝐥𝐚𝐬𝐭 𝟏𝟗 𝐦𝐨𝐧𝐭𝐡𝐬, 𝐰𝐡𝐢𝐥𝐞 𝐚𝐧𝐨𝐭𝐡𝐞𝐫 𝐮𝐧𝐢𝐭 𝐨𝐟 𝟔𝟔𝟎 𝐌𝐖 𝐢𝐧 𝐉𝐡𝐚𝐣𝐣𝐚𝐫 𝐫𝐞𝐦𝐚𝐢𝐧𝐞𝐝 𝐜𝐥𝐨𝐬𝐞𝐝 𝐟𝐨𝐫 𝐚𝐥𝐦𝐨𝐬𝐭 𝟕-𝟖 𝐦𝐨𝐧𝐭𝐡𝐬, 𝐛𝐮𝐭 𝐭𝐡𝐞 𝐞𝐧𝐭𝐢𝐫𝐞 𝐠𝐨𝐯𝐞𝐫𝐧𝐦𝐞𝐧𝐭 𝐚𝐧𝐝 𝐢𝐭𝐬 𝐫𝐞𝐩𝐫𝐞𝐬𝐞𝐧𝐭𝐚𝐭𝐢𝐯𝐞𝐬 𝐤𝐞𝐩𝐭 𝐨𝐧 𝐬𝐥𝐞𝐞𝐩𝐢𝐧𝐠 𝐢𝐧 𝐭𝐡𝐞 𝐢𝐧𝐭𝐨𝐱𝐢𝐜𝐚𝐭𝐢𝐨𝐧 𝐨𝐟 𝐩𝐨𝐰𝐞𝐫.𝐖𝐡𝐢𝐥𝐞 𝐚𝐝𝐝𝐫𝐞𝐬𝐬𝐢𝐧𝐠 𝐭𝐡𝐞 𝐂𝐡𝐢𝐞𝐟 𝐌𝐢𝐧𝐢𝐬𝐭𝐞𝐫 𝐌𝐋 𝐊𝐡𝐚𝐭𝐭𝐚𝐫, 𝐒𝐮𝐫𝐣𝐞𝐰𝐚𝐥𝐚 𝐬𝐚𝐢𝐝 𝐭𝐡𝐚𝐭 𝐭𝐡𝐞 𝐘𝐚𝐦𝐮𝐧𝐚𝐧𝐚𝐠𝐚𝐫 𝐩𝐨𝐰𝐞𝐫 𝐩𝐥𝐚𝐧𝐭 𝐬𝐡𝐨𝐮𝐥𝐝 𝐡𝐚𝐯𝐞 𝐛𝐞𝐞𝐧 𝐜𝐨𝐦𝐦𝐢𝐬𝐬𝐢𝐨𝐧𝐞𝐝 𝐟𝐢𝐯𝐞 𝐲𝐞𝐚𝐫𝐬 𝐛𝐚𝐜𝐤 𝐚𝐬 𝐭𝐡𝐞 𝐂𝐨𝐧𝐠𝐫𝐞𝐬𝐬 𝐠𝐨𝐯𝐞𝐫𝐧𝐦𝐞𝐧𝐭 𝐡𝐚𝐝 𝐜𝐨𝐦𝐩𝐥𝐞𝐭𝐞𝐝 𝐚𝐥𝐥 𝐭𝐡𝐞 𝐩𝐫𝐨𝐜𝐞𝐬𝐬𝐞𝐬 𝐟𝐨𝐫 𝐬𝐞𝐭𝐭𝐢𝐧𝐠 𝐮𝐩 𝐭𝐰𝐨 𝐧𝐞𝐰 𝐩𝐨𝐰𝐞𝐫 𝐩𝐥𝐚𝐧𝐭𝐬 𝐢𝐧 𝐘𝐚𝐦𝐮𝐧𝐚𝐧𝐚𝐠𝐚𝐫 𝐚𝐧𝐝 𝐏𝐚𝐧𝐢𝐩𝐚𝐭, 𝐰𝐞𝐥𝐥 𝐛𝐞𝐟𝐨𝐫𝐞 𝟐𝟎𝟏𝟒.

प्रदेश के बंद पड़े बिजली कारखानों को तुरंत चालू करने की मांग करते हुए सुरजेवाला ने कहा कि खेदड़ में एक 600 मेगावाट की एक यूनिट पिछले 19 महीने से और झज्जर में 660 मेगावाट एक अन्य यूनिट पिछले 7-8 महीने बंद पड़ी रही, लेकिन पूरी सरकार और उसके नुमाइंदे सत्ता के नशे में बेखबर सोए पड़े रहे, जिसकी सज़ा आज प्रदेश की जनता भुगत रही है।

मुख्यमंत्री खट्टर से मुखातिब हो सुरजेवाला ने कहा कि आप यमुनानगर में जिस बिजली संयंत्र को लगाने की आज बात कर रहे हैं, 2014 से पहले उसी यमुनानगर और पानीपत में दो नए प्लांट लगाने के लिए कांग्रेस की हमारी सरकार ने सारी प्रक्रियाएँ पूरी करके छोड़ गए थे, जहाँ पांच साल पहले ही बिजली संयंत्र चालू हो जाने चाहिए थे।

सुरजेवाला ने कहा की हरियाणा में सरकार की ओर से फिलहाल 1.62 करोड़ यूनिट से ज्यादा बिजली की कमी बताई जा रही है, जो लगता है केवल आधी सच्चाई है। पूरा हरियाणा प्रदेश इस समय अभूतपूर्व बिजली संकट से जूझ रहा है, जिसके लिए केवल और केवल भाजपा सरकार ही जिम्मेदार है। उन्होंने कहा की उद्योगों से लेकर सभी शहरों-कस्बों और गावों में लंबे-लंबे कट का रोस्‍टर जारी कर दिया गया है। आज प्रदेश के थर्मल प्‍लांटों में कोयला का स्‍टाक भी काफी कम बचा हुआ है। इससे आने वाले समय में और ज्‍यादा बड़ा बिजली संकट खड़ा होने का खतरा है। उन्होंने पुछा कि बिजली के मामले में सरकार ने पहले हमारी बात पर ध्यान क्यों नहीं दिया?

𝐒𝐮𝐫𝐣𝐞𝐰𝐚𝐥𝐚 𝐬𝐚𝐢𝐝, “𝐓𝐨𝐝𝐚𝐲, 𝐭𝐡𝐞 𝐬𝐭𝐨𝐜𝐤 𝐨𝐟 𝐜𝐨𝐚𝐥 𝐢𝐧 𝐭𝐡𝐞 𝐭𝐡𝐞𝐫𝐦𝐚𝐥 𝐩𝐥𝐚𝐧𝐭𝐬 𝐨𝐟 𝐭𝐡𝐞 𝐬𝐭𝐚𝐭𝐞 𝐢𝐬 𝐯𝐞𝐫𝐲-𝐯𝐞𝐫𝐲 𝐥𝐞𝐬𝐬, 𝐰𝐡𝐢𝐜𝐡 𝐦𝐚𝐲 𝐜𝐫𝐞𝐚𝐭𝐞 𝐚 𝐛𝐢𝐠𝐠𝐞𝐫 𝐩𝐨𝐰𝐞𝐫 𝐜𝐫𝐢𝐬𝐢𝐬 𝐢𝐧 𝐭𝐡𝐞 𝐬𝐭𝐚𝐭𝐞”. 𝐓𝐡𝐞 𝐊𝐡𝐚𝐭𝐭𝐚𝐫 𝐠𝐨𝐯𝐞𝐫𝐧𝐦𝐞𝐧𝐭 𝐬𝐡𝐨𝐮𝐥𝐝 𝐞𝐱𝐩𝐥𝐚𝐢𝐧 𝐰𝐡𝐲 𝐜𝐨𝐚𝐥 𝐬𝐭𝐨𝐜𝐤 𝐟𝐨𝐫 𝐨𝐧𝐥𝐲 𝟖 𝐚𝐧𝐝 𝟕 𝐝𝐚𝐲𝐬 𝐢𝐬 𝐥𝐞𝐟𝐭 𝐢𝐧 𝐘𝐚𝐦𝐮𝐧𝐚𝐧𝐚𝐠𝐚𝐫 𝐚𝐧𝐝 𝐏𝐚𝐧𝐢𝐩𝐚𝐭 𝐭𝐡𝐞𝐫𝐦𝐚𝐥 𝐩𝐥𝐚𝐧𝐭𝐬 𝐚𝐧𝐝 𝐰𝐡𝐚𝐭 𝐢𝐬 𝐭𝐡𝐞 𝐠𝐨𝐯𝐞𝐫𝐧𝐦𝐞𝐧𝐭 𝐝𝐨𝐢𝐧𝐠 𝐭𝐨 𝐫𝐞𝐬𝐭𝐨𝐫𝐞 𝐭𝐡𝐞 𝐬𝐮𝐩𝐩𝐥𝐲. 𝐖𝐡𝐲 𝐝𝐢𝐝 𝐭𝐡𝐞 𝐠𝐨𝐯𝐞𝐫𝐧𝐦𝐞𝐧𝐭 𝐧𝐨𝐭 𝐩𝐚𝐲 𝐚𝐭𝐭𝐞𝐧𝐭𝐢𝐨𝐧 𝐭𝐨 𝐨𝐮𝐫 𝐫𝐞𝐩𝐞𝐚𝐭𝐞𝐝 𝐚𝐩𝐩𝐞𝐚𝐥𝐬 𝐰𝐢𝐭𝐡 𝐫𝐞𝐠𝐚𝐫𝐝 𝐭𝐨 𝐞𝐥𝐞𝐜𝐭𝐫𝐢𝐜𝐢𝐭𝐲?
𝐓𝐡𝐞 𝐊𝐡𝐚𝐭𝐭𝐚𝐫-𝐂𝐡𝐚𝐮𝐭𝐚𝐥𝐚 𝐠𝐨𝐯𝐞𝐫𝐧𝐦𝐞𝐧𝐭 𝐬𝐡𝐨𝐮𝐥𝐝 𝐞𝐱𝐩𝐥𝐚𝐢𝐧 𝐰𝐡𝐲 𝐢𝐭 𝐰𝐚𝐬 𝐧𝐨𝐭 𝐭𝐚𝐤𝐢𝐧𝐠 𝐭𝐡𝐞 𝟏,𝟒𝟐𝟒 𝐌𝐖 𝐨𝐟 𝐞𝐥𝐞𝐜𝐭𝐫𝐢𝐜𝐢𝐭𝐲 𝐟𝐫𝐨𝐦 𝐀𝐝𝐚𝐧𝐢 𝐆𝐫𝐨𝐮𝐩 𝐚𝐭 𝐭𝐡𝐞 𝐝𝐮𝐞 𝐫𝐚𝐭𝐞 𝐨𝐟 𝐑𝐬 𝟐.𝟗𝟒 𝐩𝐞𝐫 𝐮𝐧𝐢𝐭 𝐟𝐨𝐫 𝐭𝐡𝐞 𝐥𝐚𝐬𝐭 𝐨𝐧𝐞 𝐲𝐞𝐚𝐫 𝐚𝐬 𝐩𝐞𝐫 𝐭𝐡𝐞 𝟐𝟎𝟎𝟖’𝐬 𝐏𝐨𝐰𝐞𝐫 𝐏𝐮𝐫𝐜𝐡𝐚𝐬𝐞 𝐀𝐠𝐫𝐞𝐞𝐦𝐞𝐧𝐭(𝐏𝐏𝐀) 𝐛𝐞𝐭𝐰𝐞𝐞𝐧 𝐭𝐡𝐞 𝐀𝐝𝐚𝐧𝐢 𝐆𝐫𝐨𝐮𝐩 𝐚𝐧𝐝 𝐇𝐚𝐫𝐲𝐚𝐧𝐚 𝐆𝐨𝐯𝐞𝐫𝐧𝐦𝐞𝐧𝐭. 𝐃𝐞𝐬𝐩𝐢𝐭𝐞 𝐭𝐡𝐞 𝐥𝐨𝐧𝐠 𝐭𝐞𝐫𝐦 𝐏𝐏𝐀 𝐨𝐧 𝐜𝐡𝐞𝐚𝐩𝐞𝐫 𝐞𝐥𝐞𝐜𝐭𝐫𝐢𝐜𝐢𝐭𝐲, 𝐰𝐡𝐲 𝐢𝐬 𝐭𝐡𝐞 𝐇𝐚𝐫𝐲𝐚𝐧𝐚 𝐠𝐨𝐯𝐞𝐫𝐧𝐦𝐞𝐧𝐭 𝐛𝐮𝐫𝐝𝐞𝐧𝐢𝐧𝐠 𝐭𝐡𝐞 𝐩𝐞𝐨𝐩𝐥𝐞 𝐨𝐟 𝐭𝐡𝐞 𝐬𝐭𝐚𝐭𝐞 𝐛𝐲 𝐛𝐮𝐲𝐢𝐧𝐠 𝐞𝐥𝐞𝐜𝐭𝐫𝐢𝐜𝐢𝐭𝐲 𝐚𝐭 𝐟𝐢𝐯𝐞 𝐭𝐨 𝐬𝐢𝐱 𝐭𝐢𝐦𝐞𝐬 𝐦𝐨𝐫𝐞 𝐞𝐱𝐩𝐞𝐧𝐬𝐢𝐯𝐞 𝐫𝐚𝐭𝐞𝐬 𝐟𝐫𝐨𝐦 𝐨𝐭𝐡𝐞𝐫 𝐨𝐩𝐭𝐢𝐨𝐧𝐬? 𝐖𝐡𝐚𝐭 𝐢𝐬 𝐭𝐡𝐞 𝐫𝐞𝐚𝐬𝐨𝐧 𝐟𝐨𝐫 𝐭𝐡𝐢𝐬 𝐤𝐢𝐧𝐝𝐧𝐞𝐬𝐬 𝐭𝐨 𝐭𝐡𝐞 𝐀𝐝𝐚𝐧𝐢 𝐠𝐫𝐨𝐮𝐩?”, 𝐒𝐮𝐫𝐣𝐞𝐰𝐚𝐥𝐚 𝐚𝐬𝐤𝐞𝐝.

वरिष्ठ कांग्रेस नेता सुरजेवाला ने पुछा कि प्रदेश सरकार अदाणी ग्रुप पर मेहरबानी दिखाते हुए पिछले एक साल से 2.94 रुपये प्रति यूनिट की दर से 1,421 मेगावाट बिजली क्यों नहीं ले रही, जबकि कांग्रेस सरकार ने वर्ष 2008 में अदाणी ग्रुप से 25 वर्ष तक सस्ती बिजली खरीदने का अनुबंध किया हुआ था। उन्होंने पूछा की सस्ती बिजली के उस समझौते के बावजूद हरियाणा सरकार अन्य विकल्पों से पांच-छह गुणी महंगी बिजली खरीद कर प्रदेश की जनता पर बोझ क्यों डाल रही है ?










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