प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की शिकायतों के निवारण हेतु पोर्टल का शुभारम्भ
चंडीगढ़ | NEWS - कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जे.पी. दलाल ने आज प्रदेश के किसानों की सुविधा के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की शिकायतों के निवारण हेतु पोर्टल का शुभारम्भ किया, जिसके तहत किसान पोर्टल के माध्यम से कहीं से भी अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं। उन्होंने बताया कि शिकायत दर्ज करने के उपरान्त उन्हें एक टिकट नम्बर दिया जाएगा, जिससे वो अपनी शिकायत की नवीनतम स्थिति भी जान सकेंगे।
दलाल ने कहा कि राज्य में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना वर्ष 2016 से लागू की जा रही है। इसमें खरीफ में मक्का, कपास, धान व बाजरा तथा रबी में गेहूं, जों, चना, सरसों व सूरजमुखी फसलों को बीमित किया जा रहा है। इस योजना के अधीन खरीफ 2016 से खरीफ 2021 तक लगभग 82.59 लाख किसानों ने अपनी फसलों का बीमा करवाया, जिसमें से खरीफ, 2021 तक 20.80 लाख किसानों को 5139 करोड़ रूपये की बीमा क्लेम राशि वितरित की गई। उन्होंने कहा कि जल्द ही बीमा क्लेम की ओर 100 करोड़ रूपए की राशि किसानों को वितरित की जाएगी। उन्होंने कहा कि लगभग 4800 करोड़ रूपए का प्रीमियम दिया गया जबकि 5139 करोड़ रूपए का क्लेम वितरित किया गया। इस प्रकार से 300 से 400 करोड़ रूपए का अतिरिक्त लाभ किसानों को मिला, वहीं किसानों द्वारा लगभग 1500 करोड़ रूपए का प्रीमियम दिया गया।
कृषि मंत्री ने कहा कि हरियाणा देश के उन चुनिन्दा राज्यों में शामिल हैं जिनमें बीमा कम्पनियों ने कुल प्रीमियम, (जिसमें किसान का हिस्सा, राज्य एवं केन्द्र सरकार की सब्सिडी शामिल है) से अधिक क्लेम का भुगतान किया है। उन्होंने कहा कि विभाग डाटा एकत्रित करने की दिशा में अग्रसर हैं और इसी कड़ी में आज किसानों की शिकायतों के निपटान के लिए मेरी फसल-मेरा ब्यौरा में ग्रीवेंश निपटान के मॉडूयल को शुरू किया गया है। उन्होंने बताया कि भविष्य में भी मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर किसानों की सुविधाओं के लिए अन्य मॉडयूल/कॉलम जोड़ने का काम होगा और अन्य मंचों के साथ जोड़ने का प्रयास किया जाएगा ताकि किसान को त्वरित लाभ मिल सकें।
उन्होंने कहा कि विभाग किसानों से संबंधित सभी प्रकार के डाटा को एक मंच पर एकत्रित करने के लिए प्रयासरत हैं जैसे कि बीमा के प्रीमियम भरने, किसान द्वारा बीमा से संबंधित शिकायत करने, बीमा रिलीज होने इत्यादि की जानकारी एक मंच पर उपलब्ध हो। उन्होंने कहा कि इससे न केवल कार्य में आसानी होगी बल्कि किसानों को समय पर बीमा लाभ भी मिल पाएगा। उन्होंने बताया कि इस ऑनलाईन सुविधा में पटवारी से संबंधित कार्य व खराबे से संबंधित अन्य कार्यों को भी जोड़ने का काम होगा।
इसके अतिरिक्त उन्होंने किसान भाईयों से अनुरोध करते हुए कहा कि जो किसान भाई अभी भी किसी कारणवश बीमा योजना के लाभ से वंचित रह गये हैं वो अपनी शिकायत इस पोर्टल के माध्यम से कर सकते है। उन्होंने किसानों से आह्वान करते हुए कहा कि किसान ज्यादा से ज्यादा अपनी फसलों का बीमा करवायें, ताकि जोखिम होने पर योजनाओं के तहत मुआवजा मिल सके।
उन्होंने कहा कि हरियाणा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों को बेहतर सेवाएं दे रहा है और यह बीमा योजना किसानों के लिए वैकल्पिक तौर पर है। इसी प्रकार, उन्होंने बताया कि किसानों को जोखिम से बचाने के लिए राज्य सरकार द्वारा हाल ही बागवानी बीमा योजना को शुरू किया गया हैं जिससे भी किसानों को लाभ होगा। उन्हाोंने कहा कि हम किसान की आमदनी बढ़ाने के लिए हर कदम उठाने के लिए कटिबद्ध हैं और इस दिशा में बीज से लेकर बाजार तक किसानों को विभिन्न प्रकार की सब्सिडी का लाभ देने का काम किया जा रहा है तथा फसल खराब होने पर भावांतर भरपाई जैसी योजना को भी राज्य में लागू किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने किसानों से आह्वान किया है कि वे फसलों के विविधिकरण पर आएं और कम पानी की लागत के तहत अधिक मुनाफा वाली फसलों को उगाएं। इसके अतिरिक्त पशुपालन, मछली पालन, विभिन्न प्रकार की सब्जियों व फलों के उत्पादन के अलावा अन्य विकल्पों को अपनाएं ताकि किसानों की आमदनी बढ सकें।
इस अवसर पर पत्रकारों द्वारा पूछे गए प्रश्न का उत्तर देते हुए उन्होंने कहा कि आज किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य से अधिक दाम बाजार में मिल रहे हैं जैसे कि सरसों 6200 से लेकर 7000 तक, कपास भी 10 से 12 हजार तक और तूड़ा (भूस) भी अधिक दामों पर बाजार में बिक रहा है, इससे किसानों को काफी लाभ हो रहा है। इस मौके पर कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के महानिदेशक डॉ. हरदीप सिंह व अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।