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Panipat - भव्य तरीके से मनाया जाएगा श्री गुरु तेग बहादुर जी का 400वां प्रकाश पर्व

पानीपत में 25 एकड़ भूमि पर लाखों की संगत के लिए बनाया जा रहा अद्वितीय पंडाल 

जर्मन स्ट्रक्चर टैंट का किया गया है इस्तेमाल 




पानीपत | NEWS -  हिंद की चादर “श्री गुरु तेग बहादुर जी” के 400वें प्रकाश उत्सव पर पानीपत की ऐतिहासिक धरा पर 24 अप्रैल को आयोजित राज्य स्तरीय महोत्सव भव्य तरीके से मनाया जाएगा। इसको लेकर तैयारियां युद्धस्तर पर जारी हैं। 25 एकड़ में डेढ़ से 2 लाख संगत के बैठने के लिए अद्वितीय पंडाल बनाया जा रहा है।

आयोजन समिति के संयोजक व करनाल के सांसद संजय भाटिया ने बताया कि इस समागम में देश व प्रदेश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी संगत पहुंचेगी। इसके लिए लगातार न्यौता दिया जा रहा है। गर्मी व बारिश से बचाने के लिए जर्मन तकनीक के टैंट से पंडाल बनाया जा रहा है। मुख्य हाल में श्री गुरु ग्रंथ साहिब का प्रकाश किया जाएगा। उसी हाल में संत-महात्माओं व महापुरुषों के बैठने की व्यवस्था की गई है। आयोजन स्थल पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में दिन-रात कार्य चल रहा है।


अलौकिक छटा बिखेरेगा समागम स्थल का प्रवेश द्वार

सांसद संजय भाटिया ने बताया कि समागम स्थल का प्रवेश द्वार को इस तरीके से भव्य रूप दिया जा रहा है कि वह अलौकिक छटा बिखेरेगा। इस द्वार को सफेद और सुनहरे रंग से बनाया जा रहे द्वार के चारों तरफ रंग-बिरंगी लाइटें लगाई जा रही हैं। अभी से ही शाम के समय बड़ी संख्या में संगत इस द्वार को देखने पहुंच रही है।

समागम शुरू होने से पहले ही सेवा करने के लिए पहुंच रही संगत

संजय भाटिया ने बताया कि पानीपत ही नहीं बल्कि दूसरे जिलों में जहां-जहां श्रद्धालुओं को इस कार्यक्रम के संबंध में जानकारी मिल रही है, उनमें बड़ा उत्साह देखने को मिल रहा है। कार्यक्रम 24 अप्रैल को प्रातः 9 बजे शुरू होगा लेकिन संगत अभी से ही सेवा के लिए पानीपत में कार्यक्रम स्थल पर पहुंचनी शुरू हो गई है।

कार्यक्रम में पहुंचेंगे विश्वविख्यात रागी और ढाडी

सांसद ने बताया कि श्री गुरु तेग बहादुर जी के 400वें प्रकाश पर्व के अवसर पर विश्वविख्यात रागी और ढाडी पहुंचेंगे। पंथ के सिरमौर रागी भाई चमनजीत सिंह जी लाल, भाई बलविंदर सिंह रंगीला जी, भाई दविंदर सिंह सोढ़ी जी, भाई गगनदीप सिंह श्रीगंगानगर वाले इस अवसर पर शिकरत करेंगे। वहीं ढाडी भाई निर्मल सिंह नूर जी भी पहुंचकर अमृतमयी कीर्तन, गुरूमत प्रवचन और गुरु इतिहास से संगत को निहाल करेंगे।

पगड़ी बांधने की भी की गई है व्यवस्था

भाटिया ने बताया कि आयोजन स्थल पर पगड़ी बांधने की भी व्यवस्था की गई है। इसके अतिरिक्त द्वार से प्रवेश करते ही दो जौड़ा घर बनाए जाएंगे। पंडाल के दोनों ओर लंगर की व्यवस्था रहेगी। यहां एक साथ-साथ दोनों तरफ 10-10 हजार श्रद्धालु गुरु का लंगर छक सकेंगे।

गुरुओं के बलिदान को दर्शाती प्रदर्शनी भी करेगी आकर्षित

संजय भाटिया ने कहा कि हमारी आने वाली पीढियां गुरुओं के त्याग और बलिदान का अनुसरण करें, इसको ध्यान में रखते हुए कार्यक्रम स्थल पर एक प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी। इसमें सभी सिख गुरुओं के त्याग और बलिदान को दिखाया जाएगा। इससे युवा व समाज का हर वर्ग प्रेरणा लेगा।

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