Type Here to Get Search Results !

ad

ADD


 

Gurugram- लायंस ब्लड सेंटर पर छापा, अनियमितताओं को देखते हुए ब्लड सेंटर सील

रक्त केंद्रों के खिलाफ चलाई जा रही मुहिम



गुरुग्राम।। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री अनिल विज, जिनके पास खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग का प्रभार भी है, ने कहा कि खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा अवैध कार्यों में संलिप्त रक्त केंद्रों के खिलाफ चलाई जा रही मुहिम के अंतर्गत गुरुग्राम के सेक्टर- 56 के सुशांत लोक भाग-2 में लायंस ब्लड सेंटर पर गुप्त सूचना के आधार पर छापेमारी की गई और विभिन्न अनियमितताओं को देखते हुए ब्लड सेंटर को तुरंत सील कर दिया गया है तथा गुरुग्राम के सेक्टर 56 स्थित पुलिस थाना में एफआईआर दर्ज करवा दी गई है।

इस छापामारी के दौरान खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के अधिकारियों में परविंदर मलिक, एसडीसीओ, गुरुग्राम और अमनदीप चौहान, डीसीओ ने काफी सनसनीखेज खुलासे किए हैं।

गौरतलब है कि ब्लड सेंटर पर मेडिकल अधिकारी की पूर्णकालिक तैनाती होनी चाहिए और उसकी मौजूदगी में ही डोनर सिलेक्शन और रक्तदाता के शरीर से रक्त लिया जाना चाहिए परंतु यहां पर दर्शाया गया मेडिकल ऑफिसर डॉ विपिन कथुरिया पालम विहार, गुरुग्राम स्थित विजया डायग्नोस्टिक सेंटर पर पैथोलॉजिस्ट के रूप में कार्य करता हुआ पाया गया।

उन्होंने बताया कि रक्तदाता रजिस्टर स्क्रीनिंग फॉर्म्स पर फर्जी हस्ताक्षर होना या थोड़े समय के लिए ब्लड सेंटर पर आकर एक साथ औपचारिकता पूर्ण करने हेतु भी कार्य पाया गया। प्राप्त दस्तावेजों में मेडिकल ऑफिसर का वेतन 60 हज़ार रुपये प्रतिमाह दिखाया गया जबकि बैंक खाता स्टेटमेंट की जांच पर 25 हज़ार रुपये प्रति माह वेतन के तौर पर भुगतान किया गया है।

विज ने बताया कि जांच के दौरान पता चला है कि उपरोक्त ब्लड सेंटर द्वारा पिछले 2 वर्षों में 176 आउटडोर ब्लड डोनेशन कैंप बिना अनुमति के आयोजित किए गए जिनमें 6015 रक्त यूनिट्स एकत्रित किए गए जिनकी कोई सूचना विभाग को नहीं दी गई और ना ही इन कैंपों में तकनीकी स्टाफ कानूनी योग्यता रखता था।

उन्होंने बताया कि हरियाणा के निवासियों का रक्त शिविरों के माध्यम से दान में लेकर उत्तर प्रदेश के दूरदराज शहरों जैसे कि झांसी, कानपुर और पंजाब के शहरों में बेचना भी पाया गया है जिसके एवज में 500 रुपये से लेकर 2000 तक रक्त और रक्त कॉम्पोनेंट्स के वसूले गए हैं। ऐसे ही, दिल्ली स्थित एक रक्त भंडारण केंद्र जिसको उपरोक्त दोषी ब्लड सेंटर देने हेतु ऑथराइज नहीं था वहां पिछले 2 हफ्ते के दौरान 164 ब्लड कॉम्पोनेंट्स सप्लाई किए गए।

यहां यह बताना आवश्यक है कि खून और रक्त कॉन्पोनेंट्स यदि सड़क के माध्यम से सैकड़ों किलोमीटर दूर ट्रांसपोर्ट शिफ्ट किए जाएं तो कोशिकाएं टूट जाती हैं यानी कि रक्त और कॉम्पोनेंट्स असरहीन हो जाते हैं। लाखों रुपए का अवैध लेनदेन भी इस सेंटर पर पाया गया है जो कि पुलिस जांच में सामने आने की संभावना है।

उन्होंने बताया कि ब्लड सेंटर को मौके पर ही सील कर दिया गया है और इस सारे खेल के पीछे इस ब्लड सेंटर की कार्यकारी निदेशक स्वाति पत्नी दृश्यटम का हाथ है और सेक्टर-56 पुलिस थाना, गुरुग्राम में एफआईआर दर्ज करवा दी गई है।

अनिल विज ने बताया कि हरियाणा सरकार ने नशे में दुरुपयोग होने वाली दवाइयों, अवैध रूप से एमटीपी किट बेचने वालों, नर्सिंग होम्स में अवैध दुकानों और अवैध कार्यों में लिप्त रक्त केंद्रों के खिलाफ अभियान चलाया हुआ है। उन्होंने बताया कि हरियाणा की जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। 













Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Below Post Ad


ADD


 

ads