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Rohtak- शिक्षा मंत्री ने स्वयं माना दसवीं में आया था कंपार्टमेंट उसके बाद छोड़ दी थी शिक्षा: जयहिंद

लेकिन चुनाव लड़ने के दस्तावेजों में दिए गए हलफनामे में बताया गया है बीए सेकंड ईयर पास.

हमारे प्रदेश का दुर्भाग्य है कि सरपंच बनने के लिए तो दसवीं योग्यता जरूरी है. लेकिन मंत्री बनने के लिए 10वीं पास होना भी जरूरी नहीं है. 

आप पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नवीन जयहिंद ने शिक्षा मंत्री कवंरपाल गुर्जर पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज करने की मांग की



रोहतक।।
आप पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नवीन जयहिंद व हरियाणा के शिक्षा मंत्री कवंर पाल गुजर के बीच जुबानी जंग थमने का नाम नहीं ले रही। जहां कंवरपाल गुर्जर ने नवीन जयहिंद को नेता या मंत्री बनने लायक क्वालिफिकेशन ना होने की बात कही थी। वही नवीन जयहिंद ने भी शिक्षा मंत्री के दस्तावेजों की जांच करने की मांग कर डाली है। 

नवीन जयहिंद का कहना है कि खुद शिक्षा मंत्री ने माना है कि दसवीं में उनका कंपार्टमेंट आया था। लेकिन चुनावी नामांकन के दौरान दिए गए हलफनामे में शिक्षा मंत्री ने अपने आप को बीए सेकंड ईयर पास दिखाया है। और उनके खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज करने की भी मांग की है।



नवीन जयहिंद ने हरियाणा के शिक्षा मंत्री कवंरपाल गुर्जर को 10वीं फेल बताते हुए कहते हैं कि ऐसे व्यक्तियों को शिक्षा मंत्री बनने का अधिकार नहीं हे। वहीं शिक्षा मंत्री कवंरपाल गुर्जर भी नवीन जयहिंद के पास नेता या मंत्री बनने की क्वालिफिकेशन ना होने का दम भरते हुए कहते हैं कि पीटीआई बनने की क्वालिफिकेशन है वह हमने लगा दिया है। यह जुबानी जंग हर रोज तेज हो रही है।

आज यानी सोमवार को आप पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नवीन जयहिंद ने शिक्षा मंत्री कवरपाल गुर्जर के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज करने की मांग कर डाली है। और यही नहीं मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को कहा है की कंवरपाल गुर्जर के शिक्षा से संबंधित दस्तावेज की जांच होनी चाहिए। और जब तक यह जांच पूरी ना हो तब तक उन्हें पद से हटा दिया जाए। 


जयहिंद ने कहा शिक्षा मंत्री कवंरपाल गुर्जर ने खुद मान लिया है कि दसवीं में उनका कंपार्टमेंट आया था। जिसके बाद उन्होंने शिक्षा छोड़ दी थी। लेकिन उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव नामांकन के दौरान जो शपथ पत्र कंवरपाल गुर्जर ने दाखिल किया है उसमें उन्होंने अपने आप को बीए सेकंड ईयर पास दिखाया है। जो कि सरासर धोखाधड़ी है और इस मामले में शिक्षा मंत्री कवंरपाल गुर्जर के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज होना चाहिए। 

उन्‍होने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को भी शिक्षा मंत्री के दस्तावेजों की जांच करनी चाहिए और जब तक जांच चले तब तक उन्हें पद से हटा दिया जाना चाहिए। शिक्षा मंत्री के ऊपर प्रदेश के युवाओं की जिम्मेदारी होती है। और जब ऐसे लोगों को शिक्षा मंत्री बनाया जाएगा तो प्रदेश में युवाओं का क्या हाल होगा। 

उन्होंने कहा कि हमारे प्रदेश का दुर्भाग्य है कि सरपंच बनने के लिए तो दसवीं योग्यता जरूरी है। लेकिन मंत्री बनने के लिए 10वीं पास होना भी जरूरी नहीं है। जहां तक उनकी योग्यता का सवाल है तो वे शिक्षा मंत्री को कहना चाहते हैं की पीटीआई बनने के लिए तो पढ़ना पड़ता है। मंत्री और प्रधानमंत्री तो कोई भी बन जाते हैं।

शिक्षा मंत्री का  सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा वीडियो

  










 










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