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Chandigarh- हरियाणा में हर महीने NDPS एक्ट के 200 से अधिक मुकदमे दर्ज होते हैं: मनोहर लाल

𝐌𝐚𝐧𝐨𝐡𝐚𝐫 𝐋𝐚𝐥 𝐬𝐚𝐢𝐝 𝐭𝐡𝐚𝐭 𝐢𝐧 𝐭𝐡𝐞 𝐟𝐢𝐠𝐡𝐭 𝐚𝐠𝐚𝐢𝐧𝐬𝐭 𝐝𝐫𝐮𝐠𝐬 𝐭𝐡𝐞 𝐬𝐮𝐩𝐩𝐨𝐫𝐭 𝐨𝐟 𝐈𝐓 𝐢𝐬 𝐜𝐨𝐦𝐩𝐥𝐞𝐭𝐞𝐥𝐲 𝐮𝐭𝐢𝐥𝐢𝐬𝐞𝐝 𝐰𝐡𝐢𝐜𝐡 𝐢𝐬 𝐟𝐮𝐫𝐭𝐡𝐞𝐫 𝐬𝐮𝐩𝐩𝐨𝐫𝐭𝐢𝐧𝐠 𝐢𝐧 𝐭𝐫𝐚𝐜𝐢𝐧𝐠 𝐭𝐡𝐞 𝐯𝐢𝐨𝐥𝐚𝐭𝐨𝐫𝐬. 𝐓𝐡𝐫𝐨𝐮𝐠𝐡 𝐚 𝐦𝐨𝐛𝐢𝐥𝐞 𝐚𝐩𝐩 𝐧𝐚𝐦𝐞𝐝 '𝐏𝐫𝐚𝐲𝐚𝐬', 𝐰𝐞 𝐚𝐫𝐞 𝐜𝐨𝐥𝐥𝐞𝐜𝐭𝐢𝐧𝐠 𝐝𝐚𝐭𝐚 𝐚𝐛𝐨𝐮𝐭 𝐝𝐫𝐮𝐠 𝐚𝐝𝐝𝐢𝐜𝐭𝐬 𝐚𝐧𝐝 𝐭𝐚𝐤𝐢𝐧𝐠 𝐞𝐟𝐟𝐞𝐜𝐭𝐢𝐯𝐞 𝐬𝐭𝐞𝐩𝐬 𝐟𝐨𝐫 𝐭𝐡𝐞𝐢𝐫 𝐝𝐞-𝐚𝐝𝐝𝐢𝐜𝐭𝐢𝐨𝐧. 𝐀𝐬 𝐚 𝐩𝐢𝐥𝐨𝐭 𝐩𝐫𝐨𝐣𝐞𝐜𝐭, 𝐒𝐭𝐚𝐭𝐞 𝐀𝐜𝐭𝐢𝐨𝐧 𝐏𝐥𝐚𝐧 𝐡𝐚𝐬 𝐛𝐞𝐞𝐧 𝐢𝐦𝐩𝐥𝐞𝐦𝐞𝐧𝐭𝐞𝐝 𝐢𝐧 𝐊𝐮𝐫𝐮𝐤𝐬𝐡𝐞𝐭𝐫𝐚, 𝐀𝐦𝐛𝐚𝐥𝐚, 𝐘𝐚𝐦𝐮𝐧𝐚𝐧𝐚𝐠𝐚𝐫, 𝐏𝐚𝐧𝐜𝐡𝐤𝐮𝐥𝐚, 𝐉𝐢𝐧𝐝, 𝐇𝐢𝐬𝐚𝐫, 𝐅𝐚𝐭𝐞𝐡𝐚𝐛𝐚𝐝 𝐚𝐧𝐝 𝐒𝐢𝐫𝐬𝐚 𝐝𝐢𝐬𝐭𝐫𝐢𝐜𝐭𝐬, 𝐮𝐧𝐝𝐞𝐫 𝐰𝐡𝐢𝐜𝐡 𝐰𝐨𝐫𝐤 𝐢𝐬 𝐛𝐞𝐢𝐧𝐠 𝐝𝐨𝐧𝐞 𝐭𝐨 𝐮𝐩𝐥𝐨𝐚𝐝 𝐭𝐡𝐞 𝐫𝐞𝐥𝐞𝐯𝐚𝐧𝐭 𝐝𝐚𝐭𝐚 𝐢𝐧 𝐏𝐫𝐚𝐲𝐚𝐬 𝐀𝐩𝐩. 𝐓𝐡𝐫𝐨𝐮𝐠𝐡 𝐚 𝐦𝐨𝐛𝐢𝐥𝐞 𝐚𝐩𝐩 𝐧𝐚𝐦𝐞𝐝 '𝐒𝐚𝐚𝐭𝐡𝐢', 𝐰𝐞 𝐚𝐫𝐞 𝐭𝐫𝐚𝐜𝐤𝐢𝐧𝐠 𝐭𝐡𝐞 𝐬𝐚𝐥𝐞 𝐨𝐟 𝐦𝐞𝐝𝐢𝐜𝐢𝐧𝐞𝐬 𝐬𝐨 𝐭𝐡𝐚𝐭 𝐬𝐲𝐧𝐭𝐡𝐞𝐭𝐢𝐜 𝐝𝐫𝐮𝐠𝐬 𝐜𝐚𝐧 𝐛𝐞 𝐜𝐮𝐫𝐛𝐞𝐝.



चंडीगढ़, डिजिटल डेक्स।। उत्तरी राज्यों से नशे की बुराई को जड़मूल से उखाड़ने के लिए ठोस रणनीतियां बनाने के उद्देश्य से केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में आयोजित क्षेत्रीय सम्मेलन में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि नशाखोरी और मादक पदार्थों की तस्करी आज दुनियाभर के लोगों के लिए चिंता का विषय है। यह समस्या किसी एक राष्ट्र की नहीं है, बल्कि पूरी दुनिया ही इसकी चपेट में है। 

विभिन्न कारणों से हमारा युवा वर्ग ही नहीं, बल्कि बच्चे भी नशे की चपेट में आ रहे हैं। नशाखोरी की समस्या से देश के लगभग सभी राज्य जूझ रहे हैं। मनोहर लाल ने कहा कि हमे नशे के विरुद्ध एक सामूहिक लड़ाई लड़नी होगी। यदि किसी एक राज्य में नशाखोरी व मादक पदार्थों की अवैध तस्करी के विरुद्ध पुलिस द्वारा सख्ती की जाती है, तो नशे के सौदागर पड़ोसी राज्यों की ओर रूख करने लगते हैं। 

नशा बेचने वालों का नेटवर्क पूरे देश में फैला है। विभिन्न राज्यों की लॉ एनफोर्समेंट एजेंसियां तो इनसे लड़ ही रही हैं। लेकिन विभिन्न राज्यों की लॉ एनफोर्समेंट एजेंसी आपसी तालमेल से एकजुट होकर काम करें तो इस समस्या पर अंकुश लगाया जा सकता है।

हरियाणा पुलिस ने नशा तस्करों को पकड़ने में सफलता प्राप्त की

मुख्यमंत्री ने कहा कि  मादक पदार्थों की तस्करी व राष्ट्रीय सुरक्षा विषय पर आयोजित पूर्व के सम्मेलनों में हुए निर्णयों के अनुसार हमने न केवल कारगर कदम उठाए हैं, बल्कि उनके परिणाम भी आने लगे हैं। हरियाणा में हर महीने 𝐍𝐃𝐏𝐒 एक्ट के 𝟐𝟎𝟎 से अधिक मुकदमे दर्ज होते हैं। राज्य में 𝟑𝟎 जून तक 𝟏𝟗𝟏𝟑 मुकदमे दर्ज किए गए, जिनमें 𝟐𝟔𝟔𝟏 आरोपी गिरफ्तार किए गए। 

जून 𝟐𝟎𝟐𝟐 तक 𝟐𝟓𝟑 ड्रग्स तस्करों की करीब 𝟑𝟐 करोड़ रुपए की काली कमाई जब्त की है तथा 𝟏𝟑 करोड़ रुपए मूल्य की सम्पति को जब्त करने की प्रक्रिया चल रही है। मनोहर लाल ने कहा कि हमने पुलिस को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वे हर मुकदमे की तह में जाएँ और मादक पदार्थों के स्रोत तक पहुँचें। इसी का परिणाम है कि तेलंगाना, उड़ीसा, मध्यप्रदेश जैसे सुदूर राज्यों के दुर्गम इलाकों से भी हरियाणा पुलिस ने नशा तस्करों को पकड़ने में सफलता प्राप्त की है।

प्रदेश में 142 नशा मुक्ति केंद्र खोले गए


मनोहर लाल ने कहा कि 𝐍𝐃𝐏𝐒 एक्ट के तहत ही प्रदेश में 𝟏𝟒𝟐 नशा मुक्ति केंद्र खोले गए हैं। इनके अलावा सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों में मानसिक स्वास्थ्य एवं नशा मुक्ति वार्ड खोले गए हैं। प्रदेश के हर जिले के सिविल अस्पताल में भी नशा मुक्ति केंद्र खोले जा रहे हैं। 

अब तक 𝟏𝟑 जिलों में ये केंद्र खोले जा चुके हैं। जहां नशामुक्ति केंद्र स्थापित नहीं हैं उन सभी जिलों के सिविल अस्पतालों में मनोचिकित्सक नशामुक्ति सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। अब तक हिसार व रोहतक जेल में ये केंद्र खोले जा चुके हैं। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम  नशे के आदी व्यक्तियों की पहचान, उपचार और आर्थिक रूप से उनका पुनर्वास कर उन्हें समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए 'हरियाणा राज्य मादक पदार्थ रोकथाम समिति का गठन कर रहे हैं। यह समिति भी नशे के कारण होने वाली सामाजिक, आर्थिक, स्वास्थ्य व अन्य हानियों के बारे में अनुसंधान कर लोगों को जागरूक करने का काम करेगी।

ड्रग्स के हाट्स्पाट्स को चिन्हित कर सुनियोजित तरीके से ड्रग्स तस्करों की धर-पकड़

मुख्यमंत्री ने कहा कि अंतर-राज्य तस्कर  गिरोह से निपटने के लिए हरियाणा पुलिस केंद्रीय एजेन्सी नारकोटिक कंट्रोल ब्यूरो के साथ प्रभावी तालमेल बनाए हुए हैं। कुछ मुकदमों को हमने इसको अनुसंधान के लिए भी सौंपा है। इस तरह से मिलकर काम करने से ड्रग्स तस्करों के हौसले पस्त हुए हैं। पड़ोसी राज्यों के साथ हर स्तर पर सहयोग के लिए हमने हरियाणा में पंचकूला में अन्तर्राज्यीय एंटी ड्रग सचिवालय की स्थापना की है। 

यहाँ उत्तरी भारत के आठ राज्य  ड्रग तस्करी के बारे में सूचनाएँ एकत्रित और सांझा करते हैं। इसके माध्यम से सैकड़ों नशा तस्कर कानून की गिरफ्त में आए हैं और ड्रग्स के खिलाफ हमारे संघर्ष को मजबूती मिली है। प्रदेश सरकार ने हरियाणा राज्य नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की स्थापना की है। एक ए.डी.जी. रैंक अधिकारी के नेतृत्व में सैंकड़ों पुलिसकर्मी नशे के खिलाफ एक महत्वाकांक्षी स्टेट ऐक्शन प्लान लागू कर रहे हैं। 

ड्रग्स के तस्करों के खिलाफ सख्त  कार्रवाई के अतिरिक्त इस प्लान के तहत सरकार के 𝟏𝟖 विभाग नशे के दुष्प्रभाव के बारे में जागरूकता फैलाने में लगे हैं। नारकोटिक कंट्रोल ब्यूरो ने पिछले साल देश के 𝟐𝟕𝟐 जिलों में दर्ज मुकदमों की संख्या के आधार पर ड्रग्स के हाट्स्पाट्स को चिन्हित किया था। इनमें हरियाणा राज्य के 𝟏𝟎 जिले हैं। इन जिलों की पुलिस एक सुनियोजित तरीके से ड्रग्स तस्करों की धर-पकड़ में लगी है।

नशे के विरुद्ध लड़ाई में आई.टी. का भरपूर इस्तेमाल


मनोहर लाल ने कहा कि  हम इस लड़ाई में आई.टी. का भरपूर इस्तेमाल कर रहे हैं। 'प्रयास' नाम के मोबाइल एप के जरिए हम नशे के आदी लोगों के बारे में आँकड़े जुटा रहे हैं और उनकी नशामुक्ति के लिए कारगर कदम उठा रहे हैं। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर जिला कुरूक्षेत्र, अम्बाला, यमुनानगर, पंचकुला, जींद, हिसार, फतेहाबाद एवं सिरसा में स्टेट एक्शन प्लान को लागू किया जा चुका है, जिसके अन्तर्गत प्रयास ऐप में सम्बन्धित डाटा अपलोड करने के लिए कार्य किया जा रहा है। 

'साथी' नाम के मोबाइल एप के  जरिए हम दवा की बिक्री पर नज़र रख रहे हैं जिससे कि सिन्थेटिक ड्रग्स पर अंकुश लगे। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर जिला सोनीपत में स्टेट एक्शन प्लान के अन्तर्गत प्रतिबंधित दवाओं की निगरानी के लिए साथी ऐप में सम्बन्धित डाटा अपलोड करने के लिए कार्य किया जा रहा है। 

मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि ऐसी प्रतिबंधित  दवाओं, जिनका इस्तेमाल नशे के रूप में किया जाना सम्भव है, उन्हें ट्रैक करने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा उन पर युनीक सीरियल नम्बर डलवाया जाना अनिवार्य किया जाना चाहिए। अपराधों, अपराधियों, पीड़ितों आदि से संबंधित सभी गतिविधियों का केंद्रीकृत राज्य डेटाबेस बनाने के लिए एक सॉफ्टवेयर HAWK विकसित किया है। इससे नशे के कारोबारियों पर नकेल कसने में मदद मिली है।

बच्चों और युवाओं को नशे की लत से बचाने के लिए कई कार्यक्रम किए शुरू

बच्चों और युवाओं को नशे की लत से  बचाने के लिए एक कार्यक्रम 'धाकड़' स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय और अन्य शैक्षणिक संस्थानों के स्तर पर शुरू किया है। हरियाणा राज्य नारकोटिक्स नियंत्रण ब्यूरो द्वारा तैयार किए गए स्टेट एक्शन प्लान के तहत प्रस्तावित धाकड़ प्रोग्राम के माध्यम से हरियाणा राज्य के सभी शिक्षण संस्थानों के छात्रों को नशे के कुप्रभावों से अवगत करवाना व उसके विरूद्ध जागरूक करना है। 

स्टेट एक्शन प्लान के तहत ग्राम व वार्ड स्तर  से लेकर राज्य स्तर तक मिशन टीमों का गठन किया जाएगा। इनमें सरपंच, ग्राम सचिव, पटवारी, सेवानिवृत्त सैन्यकर्मी, स्कूल के प्राचार्य, बीट प्रभारी, नंबरदार, महिला सदस्य आदि को शामिल किया जाएगा। इस प्रकार आम जनता की भागीदारी से इसे जन आंदोलन के रूप में लागू किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हरियाणा खेलों में अग्रणी है, हम खेलों को बढ़ावा देने में लगे हैं जिससे कि युवा रेक्रीएशन के लिए खेलों के मैदान का रुख करें ना कि ड्रग्स की अंधेरी दुनियाँ का। 

आने वाले दिनों में हम इस दिशा में  और भी मजबूती से आगे बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि यदि हम मिलकर कदम बढ़ायेंगे तो उत्तरी राज्यों को नशा मुक्त बनाने में सफल रहेंगे। उम्मीद है यह सम्मेलन उत्तरी राज्यों में नशे के अवैध कारोबार पर नकेल कसने के लिए रणनीति बनाने में कारगर रहेगा। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय गृहमंत्री से आग्रह किया कि ठोस रणनीति के साथ नशा तस्करों के खिलाफ मजबूत कार्रवाई करने की आवश्यकता है।

उल्लेखनीय है कि सम्मेलन में  केंद्रीय मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार, पंजाब के राज्यपाल एवं चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, जम्मू एवं कश्मीर के उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा, हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री राजीव सैजल तथा संबंधित प्रदेशों के मुख्य सचिव समेत एनसीबी और पुलिस प्रशासन के अधिकारी सम्मेलन में मौजूद रहे।

 

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