कुछ समय पहले प्रशासन के हाथ इन व्हाट्अप ग्रूपों के संचालकों को पकड़ा था और उनके खिलाफ मामला भी दर्ज हुआ था. लेकिन कुछ ही दिनों बाद वह जमानत पर छूट गए और एक बार फिर से व्हाट्सअप ग्रूपों में तेजी आ गई, जो अब तक निरंतर जारी है.
लेकिन इसके बाद भी प्रशासन की नाक तले व्हाट्सअप ग्रुप चल रहे है, जिससे ओवरलोड़ वाहन चालको को मदद मिल रही है, जो न केवल प्रशासन के लिए सिरदर्द बने हुए बल्कि क्षेत्र के लोगों के भी समय समय पर आफत का कारण बन रहते है।
ज्ञात हो कि कुछ समय पहले प्रशासन के हाथ इन व्हाट्अप ग्रूपों के संचालकों को पकड़ा था और उनके खिलाफ मामला भी दर्ज हुआ था। लेकिन कुछ ही दिनों बाद वह जमानत पर छूट गए और एक बार फिर से व्हाट्सअप ग्रूपों में तेजी आ गई, जो अब तक निरंतर जारी है।
प्रशासन की ढील से फल फूल रहे रैकी ग्रुप
ओवरलोड़ के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका लगाने वाले अधिवक्ता वरयाम सिंह का कहना है कि क्षेत्र में यह रैकी ग्रूप प्रशासन के ढीले रवैये से फल फूल रहे है। क्योंकि अभी तक प्रशासन की ओर से इन पर कोई ऐसी सख्त कार्रवाई नहीं की गई जिससे इन पर लगाम लगाई जा सके।
कुछ दिनों पहले जब रैकी ग्रूप के संचालक प्रशासन के हाथ लगे थे तो उनके खिलाफ दायर मामले में पुलिस ने सही तरीके से पैरवी नहीं की। जिस कारण उन्हें जल्द ही जमानत मिल गई। रैकी ग्रूपों में अधिकारियों की सूचना वायरल होती है और ओवरलोड़ धडल्ले से चलता है। जिससे न केवल नियमों की धज्जियां उड रही है वहीं सार्वजनिक संपति को भी नुकसान पहुंच रहा है।
वहीं, रैकी ग्रूप का प्रशासन पर हावी होना अधिकारियों की सुरक्षा को लेकर भी खतरा पैदा कर सकता है। क्योंकि अधिकारियो की पल पल की रिर्पोट उनके पास होती है। जिस पर प्रशासन को सख्त एक्शन लेना चाहिए और उच्च स्तरीय जांच करवानी चाहिए।
पुलिस पर लगे चुके है कई बार गंभीर आरोप
वरयामसिंह का कहना है कि ओवरलोड़ वाहनों पर कार्रवाई करने के लिए जब पुलिस से अपील की जाती है तो वह इन पर कार्रवाई करने का अधिकार क्षेत्र उनके पास न होने की बात कहकर अपनी जिमेंवारी से पल्ला झाड़ लेते है। लेकिन क्षेत्र से कई बार पुलिस कर्मचारियो की ओवरलोड़ वाहन चालकों से सांठ गांठ के वीडिय़ों सोशल मीडिया पर वायरल हो चुके है।
जिससे उनकी कार्रप्रणाली पर भी बड़ा सवाल उठता है। उनका कहना है कि जब पुलिस अधिकारी उन पर कोई कार्रवाई नहीं कर सकते तो सांठगांठ कर उन्हें नियम तोडऩे की इजाजत आखिर क्यों दे रहे है। जबकि कानून के नियमों की पालना करवाना पुलिस प्रशासन का कार्य है।

