𝐓𝐚𝐤𝐢𝐧𝐠 𝐩𝐫𝐨𝐦𝐩𝐭 𝐚𝐜𝐭𝐢𝐨𝐧 𝐨𝐧 𝐨𝐧𝐥𝐢𝐧𝐞 𝐟𝐫𝐚𝐮𝐝, 𝐭𝐡𝐞 𝐒𝐭𝐚𝐭𝐞 𝐂𝐫𝐢𝐦𝐞 𝐁𝐫𝐚𝐧𝐜𝐡 𝐨𝐟 𝐇𝐚𝐫𝐲𝐚𝐧𝐚 𝐏𝐨𝐥𝐢𝐜𝐞 𝐡𝐚𝐬 𝐦𝐚𝐧𝐚𝐠𝐞𝐝 𝐭𝐨 𝐟𝐫𝐞𝐞𝐳𝐞 𝐑𝐬 𝟑𝟎 𝐥𝐚𝐤𝐡 𝐭𝐫𝐚𝐧𝐬𝐚𝐜𝐭𝐢𝐨𝐧 𝐭𝐡𝐚𝐭 𝐡𝐚𝐝 𝐛𝐞𝐞𝐧 𝐬𝐢𝐩𝐡𝐨𝐧𝐞𝐝 𝐨𝐟𝐟 𝐛𝐲 𝐜𝐲𝐛𝐞𝐫 𝐟𝐫𝐚𝐮𝐝𝐬𝐭𝐞𝐫 𝐟𝐫𝐨𝐦 𝐚 𝐠𝐚𝐦𝐢𝐧𝐠 𝐜𝐨𝐦𝐩𝐚𝐧𝐲 𝐢𝐧 𝐏𝐚𝐧𝐜𝐡𝐤𝐮𝐥𝐚. 𝐈𝐧 𝐚𝐝𝐝𝐢𝐭𝐢𝐨𝐧, 𝐭𝐡𝐞 𝐜𝐲𝐛𝐞𝐫 𝐭𝐞𝐚𝐦 𝐡𝐚𝐬 𝐚𝐥𝐬𝐨 𝐚𝐬𝐬𝐢𝐬𝐭𝐞𝐝 𝐭𝐡𝐞 𝐜𝐲𝐛𝐞𝐫 𝐟𝐫𝐚𝐮𝐝 𝐯𝐢𝐜𝐭𝐢𝐦𝐬 𝐭𝐨 𝐠𝐞𝐭 𝐛𝐚𝐜𝐤 𝐑𝐬 𝟏𝟏 𝐜𝐫𝐨𝐫𝐞 𝐢𝐧𝐭𝐨 𝐭𝐡𝐞𝐢𝐫 𝐛𝐚𝐧𝐤 𝐚𝐜𝐜𝐨𝐮𝐧𝐭𝐬 𝐛𝐞𝐭𝐰𝐞𝐞𝐧 𝐉𝐚𝐧𝐮𝐚𝐫𝐲 𝐚𝐧𝐝 𝐉𝐮𝐥𝐲, 𝟐𝟎𝟐𝟐.
चंडीगढ़, डिजिटल डेक्स।। हरियाणा पुलिस की राज्य अपराध शाखा ने पंचकूला स्थित एक गेमिंग कंपनी के साथ साइबर जालसाज द्वारा की गई ठगी के मामले में तेजी से प्रभावी कार्रवाई करते हुए यूजर के खाते में जमा 30 लाख रुपये को फ्रिज करने में कामयाबी हासिल की है।
इसके अतिरिक्त, साइबर टीम ने जनवरी और जुलाई, 2022 के बीच साइबर अपराधियों की रफतार पर बे्रक लगाते हुए आम जनता के करीब 11 करोड़ रुपये उनके बैंक खातों में वापस लाने में भी मदद की है।
अपर पुलिस महानिदेशक, राज्य अपराध शाखा हरियाणा, ओपी सिंह ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि पंचकूला स्थित एक गेमिंग कंपनी के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर ने 1930 में शिकायत दर्ज कर जानकारी दी कि एक एप्लिकेशन यूजर ने उनके साथ 35 लाख रुपये की साइबर ठगी की है। 14 अगस्त को कंपनी की खाता रिपोर्ट तैयार करते समय पता चला कि 11 अगस्त को एक यूजर के
वॉलेट में 35 लाख रुपये अनधिकृत जमा हुए हैं जिसे यूजर द्वारा 12 और 13 अगस्त को अपने वॉलेट से अपने पर्सनल खाते में स्थानांतरित किया गया है।
जैसे ही इस ट्रांसक्शन का पता चला, शिकायतकर्ता ने यूजर से बात की, जिसने पैसे देने से इनकार कर दिया और फोन बंद कर दिया। धोखाधड़ी का पता चलने के बाद, इसकी शिकायत साइबर हेल्पलाइन 1930 पर की गई। पीड़ित द्वारा 1930 पर ‘गोल्डन ऑवर्स‘ में दी गई सूचना पर साइबर टीम ने एक्शन लेते हुए तुरंत यूजर के खाते में जमा 30 लाख रुपये फ्रीज कर दिए। इस संबंध में साइबर पुलिस स्टेशन, पंचकूला में एक शिकायत दर्ज की गई है और आगे की जांच जारी है।
नेशनल साइबर हेल्पलाइन प्रतिदिन बचा रही लाखों रूपये
नेशनल साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 की शुरुआत इसी साल जनवरी में हुई थी। इस पहल को आगे बढ़ाते हुए राज्य में कुल 29 साइबर पुलिस थाने स्थापित किए गए हैं, जिनमें साइबर अपराध के पीड़ित लोग अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। वर्तमान में राज्य में 1930 पर प्रतिदिन 600 से अधिक कॉल प्राप्त हो रही हैं।
हमारी साइबर टीम द्वारा 24 घंटे की इस हॉटलाइन पर रोजाना करीब 7 लाख रुपये बचाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि साइबर नोडल एजेंसी के रूप में कार्यरत राज्य अपराध शाखा ने 1930 पर मिली शिकायतों के बाद इस साल जुलाई तक आमजन के करीब 11 करोड़ रुपये बचाए है। इस संबंध में 459 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
राज्य अपराध शाखा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से कर रही जागरूक, करती है मजाकिया ट्वीट और पूछती है साइबर क्राइम पर सवाल
ओपी सिंह, जो स्वयं एक टेक-सैवी अधिकारी हैं और साइबर अपराधों की रोकथाम पर कड़े फैसले लेने के लिए जाने जाते हैं, ने बताया कि समय के साथ कंप्यूटर, स्मार्टफोन और इंटरनेट के उपयोग में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। हाल के दिनों में प्रौद्योगिकी के बढ़ते उपयोग ने साइबर धोखाधड़ी में भी तेजी से वृद्धि की है। साथ ही जागरूकता के अभाव में साइबर क्राइम पांव पसार रहा है।
इसे देखते हुए हमने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए जागरूकता फैलाने का निर्णय लिया है। जन जागरूकता बढ़ाने के लिए ट्विटर, फेसबुक, कू और इंस्टाग्राम पर मजेदार ट्वीट और पोस्ट किए जा रहे हैं। हम चाहते हैं कि जनता जागरूक हो और साथ ही बोरियत भी महसूस न करे।
राज्य अपराध शाखा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से कर रही जागरूक, करती है मजाकिया ट्वीट और पूछती है साइबर क्राइम पर सवाल
ओपी सिंह, जो स्वयं एक टेक-सैवी अधिकारी हैं और साइबर अपराधों की रोकथाम पर कड़े फैसले लेने के लिए जाने जाते हैं, ने बताया कि समय के साथ कंप्यूटर, स्मार्टफोन और इंटरनेट के उपयोग में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। हाल के दिनों में प्रौद्योगिकी के बढ़ते उपयोग ने साइबर धोखाधड़ी में भी तेजी से वृद्धि की है। साथ ही जागरूकता के अभाव में साइबर क्राइम पांव पसार रहा है।
इसे देखते हुए हमने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए जागरूकता फैलाने का निर्णय लिया है। जन जागरूकता बढ़ाने के लिए ट्विटर, फेसबुक, कू और इंस्टाग्राम पर मजेदार ट्वीट और पोस्ट किए जा रहे हैं। हम चाहते हैं कि जनता जागरूक हो और साथ ही बोरियत भी महसूस न करे।
एक छात्र सोशल मीडिया से जुड़ा है और एक गृहिणी भी, हम उन्हें घर बैठे जागरूक करना चाहते हैं ताकि साइबर जालसाजों को मुंहतोड़ जवाब दिया जा सके। इसके अलावा जागरूकता बढ़ाने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर साइबर क्राइम से जुड़े सवाल भी पूछे जा रहे हैं।
उन्होंने लोगों से सतर्क रहते हुए किसी भी प्रकार के ऑनलाइन प्रलोभन से दूर रहने का भी आग्रह किया। साइबर क्राइम के माध्यम से यदि कोई ठगा जाता है तो तुरंत साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 पर ऐसी धोखाधड़ी की सूचना दें।
उन्होंने लोगों से सतर्क रहते हुए किसी भी प्रकार के ऑनलाइन प्रलोभन से दूर रहने का भी आग्रह किया। साइबर क्राइम के माध्यम से यदि कोई ठगा जाता है तो तुरंत साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 पर ऐसी धोखाधड़ी की सूचना दें।
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