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Chandigarh- पहले मौसम और अब सरकारी अनदेखी की मार झेल रहे हैं लोग: हुड्डा

𝐅𝐨𝐫𝐦𝐞𝐫 𝐂𝐡𝐢𝐞𝐟 𝐌𝐢𝐧𝐢𝐬𝐭𝐞𝐫 𝐚𝐧𝐝 𝐋𝐞𝐚𝐝𝐞𝐫 𝐨𝐟 𝐎𝐩𝐩𝐨𝐬𝐢𝐭𝐢𝐨𝐧 𝐁𝐡𝐮𝐩𝐢𝐧𝐝𝐞𝐫 𝐒𝐢𝐧𝐠𝐡 𝐇𝐨𝐨𝐝𝐚 𝐡𝐚𝐬 𝐬𝐚𝐢𝐝 𝐭𝐡𝐚𝐭 𝐚𝐟𝐭𝐞𝐫 𝐭𝐡𝐞 𝐰𝐞𝐚𝐭𝐡𝐞𝐫, 𝐭𝐡𝐞 𝐩𝐞𝐨𝐩𝐥𝐞 𝐨𝐟 𝐇𝐚𝐫𝐲𝐚𝐧𝐚 𝐚𝐫𝐞 𝐧𝐨𝐰 𝐟𝐚𝐜𝐢𝐧𝐠 𝐭𝐡𝐞 𝐛𝐫𝐮𝐧𝐭 𝐨𝐟 𝐠𝐨𝐯𝐞𝐫𝐧𝐦𝐞𝐧𝐭 𝐧𝐞𝐠𝐥𝐞𝐜𝐭. 𝐄𝐯𝐞𝐧 𝐟𝐢𝐯𝐞 𝐝𝐚𝐲𝐬 𝐚𝐟𝐭𝐞𝐫 𝐭𝐡𝐞 𝐫𝐚𝐢𝐧 𝐬𝐭𝐨𝐩𝐩𝐞𝐝, 𝐧𝐨 𝐚𝐫𝐫𝐚𝐧𝐠𝐞𝐦𝐞𝐧𝐭 𝐰𝐚𝐬 𝐦𝐚𝐝𝐞 𝐟𝐨𝐫 𝐝𝐫𝐚𝐢𝐧𝐚𝐠𝐞 𝐟𝐫𝐨𝐦 𝐭𝐡𝐞 𝐟𝐢𝐞𝐥𝐝𝐬, 𝐫𝐨𝐚𝐝𝐬 𝐚𝐧𝐝 𝐫𝐞𝐬𝐢𝐝𝐞𝐧𝐭𝐢𝐚𝐥 𝐚𝐫𝐞𝐚𝐬. 𝐓𝐢𝐥𝐥 𝐧𝐨𝐰 𝐭𝐡𝐞 𝐟𝐚𝐫𝐦𝐞𝐫𝐬 𝐰𝐞𝐫𝐞 𝐧𝐨𝐭 𝐞𝐯𝐞𝐧 𝐜𝐨𝐦𝐩𝐞𝐧𝐬𝐚𝐭𝐞𝐝 𝐟𝐨𝐫 𝐭𝐡𝐞 𝐝𝐚𝐦𝐚𝐠𝐞 𝐜𝐚𝐮𝐬𝐞𝐝 𝐭𝐨 𝐭𝐡𝐞 𝐜𝐫𝐨𝐩𝐬.


Leader of Opposition Bhupinder Singh Hooda

हाइलाइट्स

  • पहले मौसम और अब सरकारी अनदेखी की मार झेल रहे हैं लोग
  • किसान के खेत से लेकर शहर की सड़कें तक सब जलमग्न
  • 5 दिन बाद भी ना किसानों की गिरदावरी हुई
  • ना जल निकासी की व्यवस्था हुई
  • जरूरत पड़ने पर ना बीमा कंपनी और ना सरकार देती किसानों को मुआवजा
  • धान और बाजरा किसानों को नहीं मिल रही एमएसपी
  • खेत व मंडी दोनों जगह किसान पर मार


चंडीगढ़, डिजिटल डेक्स।। पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा का कहना है कि मौसम के बाद हरियाणा की जनता अब सरकारी अनदेखी की मार झेल रही है। बारिश बंद होने के 5 दिन बाद भी खेतों, सड़कों और रिहायशी इलाकों से जल निकासी की कोई व्यवस्था नहीं की गई। अबतक किसानों को फसलों में हुए नुकसान का मुआवजा भी नहीं दिया गया।

हुड्डा ने कहा है कि खेत में पककर तैयार खड़ी धान, बाजरा, नरमा और सब्जियों की फसल पर बारिश कहर बनकर बरसी। 2 दिनों की बारिश के चलते प्रदेशभर में किसानों की हजारों एकड़ फसल बर्बाद हो गई। इसके चलते प्रत्येक किसान को हजारों रुपए का नुकसान हुआ। सरकार ने हमेशा की तरह मुआवजा देने का ऐलान तो किया लेकिन किसानों के हाथ हमेशा की तरह इंतजार ही लगा।

इससे पहले भी कई सीजन से किसान लगातार बेमौसमी बारिश, ओलावृष्टि और जलभराव का सामना कर रहे हैं। उसकी वजह से हुए नुकसान का मुआवजा आजतक किसानों को नहीं दिया गया। जरूरत के वक्त किसानों की मदद के लिए ना सरकार आगे आती है और ना ही बीमा कंपनियां। 

जबकि कंपनियां प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के नाम पर किसानों के प्रीमियम से करोड़ों की चांदी कूट रही हैं। अबतक इस योजना से बीमा कंपनियां 40,000 करोड़ रुपए का तगड़ा मुनाफा कमा चुकी हैं। लेकिन किसान के हाथ हमेशा घाटा ही लगता है।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि किसान को खेत में मौसम और मंडी में सरकारी नीतियों की मार पड़ रही है। 𝟐𝟎𝟔𝟎 रुपये के रेट वाली धान 𝟏𝟕𝟎𝟎 से 𝟏𝟖𝟎𝟎 रुपए प्रति क्विंटल में पिट रही है। यहीं हाल बाजरा के किसानों का है। सरकार ना तो किसानों को एमएसपी दिलवा रही है और ना ही अपनी घोषणा के मुताबिक बाजरा किसानों को भावांतर भरपाई योजना का लाभ दे रही है।

हुड्डा ने आगे कहा कि हर बार की तरह इसबार भी बारिश के बाद गुरुग्राम, फतेहाबाद,,भुना, रोहतक, हिसार, कैथल, कुरुक्षेत्र, फरीदाबाद, जींद, झज्जर, सिरसा, अंबाला, यमुनानगर, सोनीपत, पानीपत, महेंद्रगढ़, भिवानी समेत पूरे हरियाणा से जलभराव की भयावह तस्वीरें सामने आईं। सड़कें और गलियां दरिया में बदल गईं और कई शहरों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए। लोगों के घरों से लेकर सरकारी कार्यालयों तक में पानी घुस गया। लेकिन सरकार तमाशबीन बनी सब देखती रही।

बार-बार मांग के बावजूद सरकार ने वक्त रहते ना ड्रेन्स की सफाई करवाई, ना सीवरेज सिस्टम को ठीक किया और ना ही जल निकासी के लिए पंप सेट लगाए। सरकार की इसी कारगुजारी का खामियाजा किसान व आम जनता को भुगतना पड़ा। इसलिए कांग्रेस की मांग है कि अपनी जिम्मेदारी को निभाते हुए सरकार जल्द निकासी की व्यवस्था करे और स्पेशल गिरदावरी करवा किसानों को उचित मुआवजा दे।


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