𝐇𝐚𝐫𝐲𝐚𝐧𝐚 𝐂𝐡𝐢𝐞𝐟 𝐌𝐢𝐧𝐢𝐬𝐭𝐞𝐫, 𝐌𝐚𝐧𝐨𝐡𝐚𝐫 𝐋𝐚𝐥 𝐡𝐚𝐬 𝐮𝐫𝐠𝐞𝐝 𝐭𝐡𝐞 𝐨𝐟𝐟𝐢𝐜𝐞 𝐛𝐞𝐚𝐫𝐞𝐫𝐬 𝐨𝐟 𝐀𝐤𝐡𝐢𝐥 𝐁𝐡𝐚𝐫𝐭𝐢𝐲𝐚 𝐑𝐚𝐬𝐡𝐭𝐫𝐢𝐲𝐚 𝐒𝐡𝐚𝐢𝐬𝐡𝐢𝐤 𝐌𝐚𝐡𝐚𝐬𝐚𝐧𝐠𝐡, 𝐇𝐚𝐫𝐲𝐚𝐧𝐚 (𝐇𝐢𝐠𝐡𝐞𝐫 𝐄𝐝𝐮𝐜𝐚𝐭𝐢𝐨𝐧 𝐂𝐚𝐝𝐫𝐞) 𝐭𝐨 𝐢𝐧𝐜𝐮𝐥𝐜𝐚𝐭𝐞 𝐚 𝐬𝐞𝐧𝐬𝐞 𝐨𝐟 𝐬𝐞𝐫𝐯𝐢𝐜𝐞 𝐚𝐦𝐨𝐧𝐠 𝐬𝐭𝐮𝐝𝐞𝐧𝐭𝐬 𝐛𝐲 𝐜𝐨𝐧𝐧𝐞𝐜𝐭𝐢𝐧𝐠 𝐭𝐡𝐞𝐦 𝐝𝐢𝐫𝐞𝐜𝐭𝐥𝐲 𝐰𝐢𝐭𝐡 𝐬𝐨𝐜𝐢𝐞𝐭𝐲. 𝐇𝐞 𝐬𝐚𝐢𝐝 𝐭𝐡𝐚𝐭 𝐬𝐭𝐮𝐝𝐞𝐧𝐭𝐬 𝐦𝐮𝐬𝐭 𝐛𝐞 𝐢𝐧𝐯𝐨𝐥𝐯𝐞𝐝 𝐢𝐧 𝐯𝐞𝐫𝐢𝐟𝐢𝐜𝐚𝐭𝐢𝐨𝐧, 𝐬𝐮𝐫𝐯𝐞𝐲, 𝐨𝐫 𝐨𝐭𝐡𝐞𝐫 𝐬𝐮𝐜𝐡 𝐚𝐜𝐭𝐢𝐯𝐢𝐭𝐢𝐞𝐬 𝐮𝐧𝐝𝐞𝐫 𝐭𝐡𝐞 𝐰𝐞𝐥𝐟𝐚𝐫𝐞 𝐬𝐜𝐡𝐞𝐦𝐞𝐬 𝐛𝐞𝐢𝐧𝐠 𝐫𝐮𝐧 𝐛𝐲 𝐭𝐡𝐞 𝐬𝐭𝐚𝐭𝐞 𝐠𝐨𝐯𝐞𝐫𝐧𝐦𝐞𝐧𝐭. 𝐖𝐡𝐞𝐧 𝐬𝐭𝐮𝐝𝐞𝐧𝐭𝐬 𝐭𝐡𝐞𝐦𝐬𝐞𝐥𝐯𝐞𝐬 𝐛𝐞𝐜𝐨𝐦𝐞 𝐩𝐚𝐫𝐭𝐢𝐜𝐢𝐩𝐚𝐧𝐭𝐬 𝐢𝐧 𝐰𝐞𝐥𝐟𝐚𝐫𝐞 𝐬𝐜𝐡𝐞𝐦𝐞𝐬, 𝐭𝐡𝐞𝐧 𝐭𝐡𝐞𝐲 𝐰𝐢𝐥𝐥 𝐝𝐞𝐯𝐞𝐥𝐨𝐩 𝐚 𝐬𝐞𝐧𝐬𝐞 𝐨𝐟 𝐬𝐞𝐫𝐯𝐢𝐜𝐞 𝐰𝐢𝐭𝐡𝐢𝐧 𝐭𝐡𝐞𝐦.
चंडीगढ़, डिजिटल डेक्स।। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ, हरियाणा (उच्च शिक्षा संवर्ग) के पदाधिकारियों से आह्वान किया कि वे विद्यार्थियों को समाज के साथ जोड़कर उनमे सेवा का भाव पैदा करें।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही जनकल्याणकारी योजनाओं के तहत सत्यापन, सर्वे या ऐसी अन्य गतिविधियों में विद्यार्थियों को अवश्य शामिल किया जाए। जब विद्यार्थी स्वयं कल्याणकारी योजनाओं में सहभागी बनेंगे तो उनमें निश्चित तौर पर सेवा की भावना पैदा होगी।
मुख्यमंत्री आज पंचकूला में अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ, हरियाणा (उच्च शिक्षा संवर्ग) के प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक कर रहे थे। बैठक में प्रतिनिधिमंडल द्वारा अपनी मांगों को रखा गया, जिस पर मुख्यमंत्री ने कुछ मांगों को मान लिया और कुछ मांगों पर विभाग के अधिकारियों को विचार-विमर्श करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने उच्चतर शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि शिक्षकों की नई स्थानांतरण नीति तैयार करने के संबंध में सर्वे किया जाए, जिसके तहत शिक्षकों से उनके स्थानों का विकल्प लिया जाए। तदानुसार विषय वार तथा मांग के अनुरूप नीति तैयार की जाएगी। इस नीति से विद्यार्थियों के साथ -साथ शिक्षकों को तो लाभ होगा ही और शिक्षा के स्तर में भी सुधार होगा।
बैठक में पदाधिकारियों द्वारा पीएचडी और एमफिल के लिए वेतनवृद्धि को मर्ज करने की मांग पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार इस पर विचार करेगी और विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर अंतिम फैसला लिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में कॉलेजों में 1535 शिक्षकों की भर्ती जल्द की जाएगी। उच्चतर शिक्षा विभाग की ओर से हरियाणा लोक सेवा आयोग को पत्र लिखा जा चुका है। इसके अतिरिक्त, 1500 शिक्षकों की और भर्ती के लिए भी इसी माह आयोग को पत्र भेजा जाएगा।
बैठक में पदाधिकारियों ने विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में टीचिंग व नॉन टीचिंग स्टाफ की नियुक्ति के लिए यूजीसी नियमों के अनुसार न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता को लागू करने और उच्च शिक्षा में शिक्षा के स्तर में सुधार तथा यूजीसी नियमों के अनुसार सातवें वेतन आयोग को लागू करने की मांग रखी। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इन विषयों पर अधिकारियों के साथ बैठक कर विचार किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने पदाधिकारियों की शिक्षकों से संबंधित पदोन्नति के मामले, चाइल्ड केयर लीव, स्टडी लीव या अन्य मामलों को एक तय सीमा के अंदर निपटाने की मांग पर अधिकारियों को निर्देश दिए कि ऐसे सभी मामलों को निर्धारित समयावधि में निपटाएं। इसके अलावा, पहले से लंबित मामलों का निपटान शीघ्रता से किया जाए।
उन्होंने कहा कि जो शिक्षक उच्च शिक्षा विभाग, मुख्यालय में संयुक्त निदेशक, उपनिदेशक और असिस्टेंट डायरेक्टर पदों पर प्रतिनियुक्ति पर आएंगे, वे 3 साल तक अपनी सेवाएं देंगे और 3 साल के बाद उनका तबादला किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों तथा पदाधिकारियों से कहा कि प्रदेश के विश्वविद्यालयों में चल रहे सेल्फ फाइनेंस के कोर्स में बच्चों का अधिक रुझान बढ़े, इसके लिए प्रयास किए जाएं। इसके अलावा, विश्वविद्यालय और महाविद्यालयों को एल्युमनाई से संपर्क कर इन शिक्षण संस्थानों को वित्तीय रूप से सहयोग करने की भी अपील की जानी चाहिए, ताकि शोध के क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा कार्य किये जा सके।
बैठक में उच्चतर शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव विजेंद्र सिंह, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ अमित अग्रवाल, उच्चतर शिक्षा विभाग के निदेशक राजीव रत्तन, हरियाणा राज्य उच्च शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रो. बृज किशोर कुठियाला, उपाध्यक्ष प्रो. कैलाश चंद शर्मा सहित अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ, हरियाणा (उच्च शिक्षा संवर्ग) के पदाधिकारी मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री आज पंचकूला में अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ, हरियाणा (उच्च शिक्षा संवर्ग) के प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक कर रहे थे। बैठक में प्रतिनिधिमंडल द्वारा अपनी मांगों को रखा गया, जिस पर मुख्यमंत्री ने कुछ मांगों को मान लिया और कुछ मांगों पर विभाग के अधिकारियों को विचार-विमर्श करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने उच्चतर शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि शिक्षकों की नई स्थानांतरण नीति तैयार करने के संबंध में सर्वे किया जाए, जिसके तहत शिक्षकों से उनके स्थानों का विकल्प लिया जाए। तदानुसार विषय वार तथा मांग के अनुरूप नीति तैयार की जाएगी। इस नीति से विद्यार्थियों के साथ -साथ शिक्षकों को तो लाभ होगा ही और शिक्षा के स्तर में भी सुधार होगा।
बैठक में पदाधिकारियों द्वारा पीएचडी और एमफिल के लिए वेतनवृद्धि को मर्ज करने की मांग पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार इस पर विचार करेगी और विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर अंतिम फैसला लिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में कॉलेजों में 1535 शिक्षकों की भर्ती जल्द की जाएगी। उच्चतर शिक्षा विभाग की ओर से हरियाणा लोक सेवा आयोग को पत्र लिखा जा चुका है। इसके अतिरिक्त, 1500 शिक्षकों की और भर्ती के लिए भी इसी माह आयोग को पत्र भेजा जाएगा।
बैठक में पदाधिकारियों ने विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में टीचिंग व नॉन टीचिंग स्टाफ की नियुक्ति के लिए यूजीसी नियमों के अनुसार न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता को लागू करने और उच्च शिक्षा में शिक्षा के स्तर में सुधार तथा यूजीसी नियमों के अनुसार सातवें वेतन आयोग को लागू करने की मांग रखी। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इन विषयों पर अधिकारियों के साथ बैठक कर विचार किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने पदाधिकारियों की शिक्षकों से संबंधित पदोन्नति के मामले, चाइल्ड केयर लीव, स्टडी लीव या अन्य मामलों को एक तय सीमा के अंदर निपटाने की मांग पर अधिकारियों को निर्देश दिए कि ऐसे सभी मामलों को निर्धारित समयावधि में निपटाएं। इसके अलावा, पहले से लंबित मामलों का निपटान शीघ्रता से किया जाए।
उन्होंने कहा कि जो शिक्षक उच्च शिक्षा विभाग, मुख्यालय में संयुक्त निदेशक, उपनिदेशक और असिस्टेंट डायरेक्टर पदों पर प्रतिनियुक्ति पर आएंगे, वे 3 साल तक अपनी सेवाएं देंगे और 3 साल के बाद उनका तबादला किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों तथा पदाधिकारियों से कहा कि प्रदेश के विश्वविद्यालयों में चल रहे सेल्फ फाइनेंस के कोर्स में बच्चों का अधिक रुझान बढ़े, इसके लिए प्रयास किए जाएं। इसके अलावा, विश्वविद्यालय और महाविद्यालयों को एल्युमनाई से संपर्क कर इन शिक्षण संस्थानों को वित्तीय रूप से सहयोग करने की भी अपील की जानी चाहिए, ताकि शोध के क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा कार्य किये जा सके।
बैठक में उच्चतर शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव विजेंद्र सिंह, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ अमित अग्रवाल, उच्चतर शिक्षा विभाग के निदेशक राजीव रत्तन, हरियाणा राज्य उच्च शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रो. बृज किशोर कुठियाला, उपाध्यक्ष प्रो. कैलाश चंद शर्मा सहित अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ, हरियाणा (उच्च शिक्षा संवर्ग) के पदाधिकारी मौजूद रहे।
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