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Radaur- गांव बकाना: ओवरफ्लों हुआ तालाब व गलियों में जमा बरसात का पानी


अमृत सरोवर योजना के तहत चल रहा तालाब के सौंदर्यीकरण का कार्य




रादौर, डिजिटल डेक्स।। गांव बकाना में अमृत सरोवर योजना के तहत चल रहा तालाब के सौंदर्यीकरण का कार्य अब लोगों के लिए परेशानी बन चुका है। तालाब का कार्य पिछले करीब एक महीने से रूका हुआ है। जिस कारण् अब बरसात होने पर तालाब पूरी तरह से ओवरफ्लों हो चुका है। 

प्रशासन के ढीले रवैये से तालाब का कार्य भी रूका हुआ और वहीं पानी की निकासी की ओर प्रशासनिक अधिकारियों के ध्यान न दिए जाने से समस्या बढ़ रही है। बरसात व नालियों का गंदा पानी गलियों में जमा होना शुरू हो गया है। जिससे लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है। 

ग्रामीणों का कहना है कि तालाब के ओवरफ्लों के कारण लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो रहा है वहीं पानी जमा रहने से बिमारी फैलने का खतरा भी है। उन्होंने मांग की कि जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान करवाया जाए।

ग्रामीण सुशील कांबोज, विमल कांबोज, राजपाल धीमान, मनोज सैनी, अशोक कुमार, अरविंद, श्यामलाल राकी, सतीश व रमेशचंद ने बताया कि पिछले करीब 3 से 4 महीने से अमृत सरोवर योजना के तहत गांव में तालाब के सौंदर्यीकरण का कार्य चल रहा है। लेकिन धीमी गति से हो रहा यह कार्य लोगों के लिए परेशानी बन चुका है। 

जब भी सरोवर का कार्य शुरू होता है तो वह केवल तालाब से मिट्टी निकालने तक ही सिमट कर रह जाता है। पिछले करीब एक महीने से फिर से काम बंद है। जिस कारण अब वह तालाब ओवरफ्लों हो चुका है और नालियों का पानी गलियों में जमा होना शुरू हो गया है। प्रशासन की ओर से पहले से तालाब के पानी का विकल्प नहीं निकाला गया। जिससे परेशानी बढ़ गई है। 

गलियों में पानी जमा होने से लोगों को गंदे पानी से होकर गुजरना पड़ रहा है। जिससे कभी भी बिमारी फैल सकती है। कई बार अधिकारियों से मांग कर चुके है लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। स्थिति यही रही तो आने वाले दिनों में समस्या और अधिक गंभीर हो सकती है। उन्होंने मांग की कि इस समस्या का जल्द से जल्द समाधान करवाया जाए।



यह है योजना
योजना के तहत गांवो में बने तालाबों का सुधार किया जाना है। प्रथम चरण में ब्लाक रादौर से गांव बकाना को चुना गया है। जहां दो तालाब स्थित है। जिसमें पौंड सिस्टम लगाकर करीब 90 लाख रूपए की लागत से इसमें सुधार किया जाएगा। अमृत सरोवर योजना में पौंड सिस्टम से आगे बढ़कर वेटलैंड टैक्नालाजी का प्रयोग होगा। 

जिसके लिए पहले तालाब का पानी निकाला जाएगा, फिर गाद निकाल कर इसकी खुदाई करवाई जाएगी। तब आगे का कार्य शुरू होगा। इन तालाबों में पहुंचने वाले गांव के पानी को साफ किया जाएगा। यह पानी गांव के किसानों को खेतों की सिंचाई के लिए उपलब्ध होगा वही पशुओं को पानी पिलाने के लिए भी इसका उपयोग हो सकेगा। इसके अलावा लोगो के सैर के लिए इसके चारों ओर रास्ते भी बनाए जाएगें। जिनका सौंदर्यीकरण होगा। साथ ही तालाब में उतरने के लिए घाट भी बनाया जाएगा।

निशानदेही न होने से रूका है कार्य, पानी निकलवाने का जिम्मा प्रशासक के पास-जेई
जेई तरसेम पाल ने बताया कि तालाब की जगह की निशानदेही होनी है। जिस कारण करीब एक माह से कार्य रूका है। जिसके लिए बीडीपीओं को लिखा गया है। लेकिन अभी तक निशानदेही नहीं हो पाई है जिससे कार्य शुरू करने में देरी हो रही है। तालाब से पानी की निकासी की जिम्मा प्रशासक के पास है। ठेकेदार पानी निकालने के लिए बाध्य नहीं है। गांव में सरपंच न होने से यह कार्य बीडीपीओं को देखना है।


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