𝐅𝐨𝐫𝐦𝐞𝐫 𝐂𝐡𝐢𝐞𝐟 𝐌𝐢𝐧𝐢𝐬𝐭𝐞𝐫 𝐚𝐧𝐝 𝐋𝐞𝐚𝐝𝐞𝐫 𝐨𝐟 𝐎𝐩𝐩𝐨𝐬𝐢𝐭𝐢𝐨𝐧 𝐁𝐡𝐮𝐩𝐢𝐧𝐝𝐞𝐫 𝐒𝐢𝐧𝐠𝐡 𝐇𝐨𝐨𝐝𝐚 𝐡𝐚𝐬 𝐝𝐞𝐦𝐚𝐧𝐝𝐞𝐝 𝐜𝐨𝐦𝐩𝐞𝐧𝐬𝐚𝐭𝐢𝐨𝐧 𝐟𝐨𝐫 𝐭𝐡𝐞 𝐟𝐚𝐫𝐦𝐞𝐫𝐬 𝐚𝐬 𝐭𝐡𝐨𝐮𝐬𝐚𝐧𝐝𝐬 𝐨𝐟 𝐚𝐜𝐫𝐞𝐬 𝐨𝐟 𝐜𝐫𝐨𝐩𝐬 𝐨𝐟 𝐟𝐚𝐫𝐦𝐞𝐫𝐬 𝐚𝐜𝐫𝐨𝐬𝐬 𝐭𝐡𝐞 𝐬𝐭𝐚𝐭𝐞 𝐡𝐚𝐯𝐞 𝐛𝐞𝐞𝐧 𝐬𝐮𝐛𝐦𝐞𝐫𝐠𝐞𝐝 𝐝𝐮𝐞 𝐭𝐨 𝐭𝐡𝐞 𝐫𝐚𝐢𝐧𝐬 𝐬𝐢𝐧𝐜𝐞 𝐭𝐡𝐞 𝐥𝐚𝐬𝐭 𝐭𝐰𝐨 𝐝𝐚𝐲𝐬. “𝐄𝐯𝐞𝐫𝐲 𝐟𝐚𝐫𝐦𝐞𝐫 𝐡𝐚𝐬 𝐬𝐮𝐟𝐟𝐞𝐫𝐞𝐝 𝐚 𝐥𝐨𝐬𝐬 𝐨𝐟 𝐭𝐡𝐨𝐮𝐬𝐚𝐧𝐝𝐬 𝐨𝐟 𝐑𝐮𝐩𝐞𝐞𝐬 𝐝𝐮𝐞 𝐭𝐨 𝐭𝐡𝐞 𝐝𝐞𝐬𝐭𝐫𝐮𝐜𝐭𝐢𝐨𝐧 𝐨𝐟 𝐭𝐡𝐞 𝐬𝐭𝐚𝐧𝐝𝐢𝐧𝐠 𝐩𝐚𝐝𝐝𝐲 𝐜𝐫𝐨𝐩. 𝐃𝐮𝐞 𝐭𝐨 𝐭𝐡𝐞 𝐰𝐚𝐭𝐞𝐫𝐥𝐨𝐠𝐠𝐢𝐧𝐠, 𝐚𝐥𝐥 𝐭𝐡𝐞 𝐜𝐫𝐨𝐩𝐬 𝐬𝐭𝐚𝐧𝐝𝐢𝐧𝐠 𝐢𝐧 𝐭𝐡𝐞 𝐟𝐢𝐞𝐥𝐝, 𝐢𝐧𝐜𝐥𝐮𝐝𝐢𝐧𝐠 𝐩𝐚𝐝𝐝𝐲, 𝐡𝐚𝐯𝐞 𝐛𝐞𝐞𝐧 𝐚𝐟𝐟𝐞𝐜𝐭𝐞𝐝. 𝐈𝐧 𝐬𝐮𝐜𝐡 𝐚 𝐬𝐢𝐭𝐮𝐚𝐭𝐢𝐨𝐧, 𝐭𝐡𝐞 𝐠𝐨𝐯𝐞𝐫𝐧𝐦𝐞𝐧𝐭 𝐬𝐡𝐨𝐮𝐥𝐝 𝐢𝐦𝐦𝐞𝐝𝐢𝐚𝐭𝐞𝐥𝐲 𝐠𝐞𝐭 𝐭𝐡𝐞 𝐆𝐢𝐫𝐝𝐚𝐰𝐚𝐫𝐢 𝐝𝐨𝐧𝐞 𝐚𝐧𝐝 𝐠𝐢𝐯𝐞 𝐜𝐨𝐦𝐩𝐞𝐧𝐬𝐚𝐭𝐢𝐨𝐧 𝐭𝐨 𝐭𝐡𝐞 𝐟𝐚𝐫𝐦𝐞𝐫𝐬,” 𝐡𝐞 𝐬𝐚𝐢𝐝.
- किसानों को बारिश से हुए नुकसान का मुआवजा दे सरकार
- धान और बाजरा किसानों को नहीं मिल रही एमएसपी, मूकदर्शक बनी सरकार
- किसानों पर एकसाथ पड़ रही है मौसम, बीमा कंपनी और सरकारी नीतियों की तिहरी मार
- खेत से लेकर गुरुग्राम तक सब जलमग्न, निकासी की व्यस्था करे सरकार
चंडीगढ़, डिजिटल डेक्स।। पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने किसानों के लिए मुआवजे की मांग की है। हुड्डा का कहना है कि पिछले 2 दिनों से हो रही बारिश के चलते प्रदेशभर में किसानों की हजारों एकड़ फसल जलमग्न हो गई है।
धान की तैयार फसल बर्बाद होने से प्रत्येक किसान को हजारों रुपए का नुकसान हुआ है। जलभराव की वजह से धान समेत खेत में खड़ी तमाम फसलों पर असर पड़ा है। ऐसे में सरकार को फौरन गिरदावरी करवाकर किसानों को मुआवजा देना चाहिए।
हुड्डा का कहना है कि इससे पहले भी लगातार कई सीजन से किसान मौसम की मार झेल रहे हैं। लेकिन अबतक किसानों को भारी बारिश, ओलावृष्टि और जलभराव की वजह से हुए नुकसान का मुआवजा नहीं दिया गया। मुसीबत के वक्त किसानों की मदद के लिए ना सरकार आगे आती है और ना ही बीमा कंपनियां।
𝐇𝐞 𝐬𝐚𝐢𝐝 𝐚𝐧 𝐞𝐱𝐚𝐦𝐩𝐥𝐞 𝐨𝐟 𝐡𝐨𝐰 𝐜𝐨𝐦𝐩𝐚𝐧𝐢𝐞𝐬 𝐚𝐫𝐞 𝐜𝐡𝐞𝐚𝐭𝐢𝐧𝐠 𝐟𝐚𝐫𝐦𝐞𝐫𝐬 𝐢𝐧 𝐭𝐡𝐞 𝐧𝐚𝐦𝐞 𝐨𝐟 𝐜𝐫𝐨𝐩 𝐢𝐧𝐬𝐮𝐫𝐚𝐧𝐜𝐞 𝐬𝐜𝐡𝐞𝐦𝐞 𝐰𝐚𝐬 𝐬𝐞𝐞𝐧 𝐢𝐧 𝐇𝐢𝐬𝐚𝐫. “𝐖𝐡𝐞𝐧 𝐟𝐚𝐫𝐦𝐞𝐫𝐬, 𝐫𝐞𝐠𝐢𝐬𝐭𝐞𝐫𝐞𝐝 𝐮𝐧𝐝𝐞𝐫 𝐭𝐡𝐞 𝐏𝐫𝐚𝐝𝐡𝐚𝐧 𝐌𝐚𝐧𝐭𝐫𝐢 𝐁𝐢𝐦𝐚 𝐘𝐨𝐣𝐚𝐧𝐚, 𝐚𝐩𝐩𝐥𝐢𝐞𝐝 𝐟𝐨𝐫 𝐜𝐨𝐦𝐩𝐞𝐧𝐬𝐚𝐭𝐢𝐨𝐧 𝐝𝐮𝐞 𝐭𝐨 𝐜𝐫𝐨𝐩 𝐥𝐨𝐬𝐬𝐞𝐬 𝐢𝐧 𝐊𝐡𝐚𝐫𝐢𝐟 𝐬𝐞𝐚𝐬𝐨𝐧, 𝐭𝐡𝐞 𝐜𝐨𝐦𝐩𝐚𝐧𝐲 𝐝𝐢𝐝 𝐧𝐨𝐭 𝐫𝐞𝐬𝐩𝐨𝐧𝐝. 𝐍𝐨𝐰 𝐬𝐞𝐯𝐞𝐫𝐚𝐥 𝐦𝐨𝐧𝐭𝐡𝐬 𝐥𝐚𝐭𝐞𝐫 𝐡𝐢𝐬 𝐚𝐩𝐩𝐥𝐢𝐜𝐚𝐭𝐢𝐨𝐧 𝐰𝐚𝐬 𝐫𝐞𝐣𝐞𝐜𝐭𝐞𝐝. 𝐓𝐡𝐞 𝐟𝐚𝐫𝐦𝐞𝐫𝐬 𝐡𝐚𝐯𝐞 𝐛𝐞𝐞𝐧 𝐚𝐛𝐚𝐧𝐝𝐨𝐧𝐞𝐝 𝐚𝐧𝐝 𝐡𝐚𝐯𝐞 𝐛𝐞𝐞𝐧 𝐟𝐨𝐫𝐜𝐞𝐝 𝐭𝐨 𝐟𝐞𝐧𝐝 𝐟𝐨𝐫 𝐭𝐡𝐞𝐦𝐬𝐞𝐥𝐯𝐞𝐬. 𝐈𝐧𝐬𝐮𝐫𝐚𝐧𝐜𝐞 𝐜𝐨𝐦𝐩𝐚𝐧𝐢𝐞𝐬 𝐡𝐚𝐯𝐞 𝐬𝐨 𝐟𝐚𝐫 𝐞𝐚𝐫𝐧𝐞𝐝 𝐚 𝐡𝐞𝐟𝐭𝐲 𝐩𝐫𝐨𝐟𝐢𝐭 𝐨𝐟 𝐑𝐬 𝟒𝟎,𝟎𝟎𝟎 𝐜𝐫𝐨𝐫𝐞 𝐝𝐮𝐞 𝐭𝐨 𝐠𝐨𝐯𝐞𝐫𝐧𝐦𝐞𝐧𝐭 𝐩𝐫𝐨𝐭𝐞𝐜𝐭𝐢𝐨𝐧 𝐛𝐲 𝐭𝐚𝐤𝐢𝐧𝐠 𝐩𝐫𝐞𝐦𝐢𝐮𝐦 𝐟𝐫𝐨𝐦 𝐟𝐚𝐫𝐦𝐞𝐫𝐬. 𝐈𝐧 𝐭𝐡𝐢𝐬 𝐰𝐚𝐲, 𝐭𝐨𝐝𝐚𝐲 𝐟𝐚𝐫𝐦𝐞𝐫𝐬 𝐚𝐫𝐞 𝐠𝐞𝐭𝐭𝐢𝐧𝐠 𝐡𝐢𝐭 𝐛𝐲 𝐰𝐞𝐚𝐭𝐡𝐞𝐫, 𝐢𝐧𝐬𝐮𝐫𝐚𝐧𝐜𝐞 𝐜𝐨𝐦𝐩𝐚𝐧𝐲 𝐚𝐧𝐝 𝐠𝐨𝐯𝐞𝐫𝐧𝐦𝐞𝐧𝐭 𝐩𝐨𝐥𝐢𝐜𝐢𝐞𝐬,” 𝐡𝐞 𝐬𝐚𝐢𝐝.
फसल बीमा योजना के नाम पर कंपनियां किस तरह किसानों के साथ धोखा कर रही हैं इसका एक उदाहरण हिसार में देखने को मिला। खरीफ सीजन में हुए फसली नुकसान के चलते प्रधानमंत्री बीमा योजना के तहत रजिस्टर्ड किसानों ने जब मुआवजे के लिए अप्लाई किया तो कंपनी ने कोई जवाब नहीं दिया।
अब कई महीने बाद उनके आवेदन को अस्वीकार कर दिया गया। अब किसान ना इधर के रहे और ना ही उधर के। इसी तरह किसानों से प्रीमियम लेकर सरकारी संरक्षण के चलते बीमा कंपनियां अब तक 𝟒𝟎,𝟎𝟎𝟎 करोड़ रुपए का मोटा मुनाफा कूट चुकी हैं। इस तरह आज किसानों पर मौसम, बीमा कंपनी और सरकारी नीतियों की तिहरी मार एकसाथ पड़ रही है।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने आगे कहा कि बार-बार मांग करने के बावजूद सरकार ने अब तक मंडियों में धान की खरीद शुरू नहीं की। इसकी वजह से 𝟐𝟎𝟔𝟎 रुपये के रेट वाली धान 𝟏𝟕𝟎𝟎 से 𝟏𝟖𝟎𝟎 रुपए प्रति क्विंटल में पिट रही है। यही हाल बाजरा के किसानों का है। सरकार द्वारा ना तो बाजरा की एमएसपी दी जा रही और ना ही अपनी घोषणा के मुताबिक भावांतर भरपाई योजना से किसानों को हुए नुकसान की भरपाई की जा रही है।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने आगे कहा कि बार-बार मांग करने के बावजूद सरकार ने अब तक मंडियों में धान की खरीद शुरू नहीं की। इसकी वजह से 𝟐𝟎𝟔𝟎 रुपये के रेट वाली धान 𝟏𝟕𝟎𝟎 से 𝟏𝟖𝟎𝟎 रुपए प्रति क्विंटल में पिट रही है। यही हाल बाजरा के किसानों का है। सरकार द्वारा ना तो बाजरा की एमएसपी दी जा रही और ना ही अपनी घोषणा के मुताबिक भावांतर भरपाई योजना से किसानों को हुए नुकसान की भरपाई की जा रही है।
इसी तरह मंडियों में आढ़तियों की हड़ताल का भी अबतक कोई समाधान नहीं निकाला गया। कांग्रेस द्वारा लगातार मांग की जा रही है कि सरकार आढ़तियों से बातचीत कर उनकी मांगों का समाधान निकाले । ताकि किसानों को मंडियों में कोई परेशानी पेश ना आए। लेकिन सरकार किसानों की बर्बादी के हर मंजर को मूकदर्शक बनी देख रही है।
हुड्डा ने कहा कि हर बार की तरह इसबार भी बारिश ने सरकार के दावों की पोल खोलकर रख दी है। आज किसान के खेत से लेकर आधुनिक माने जाने वाले शहर गुरुग्राम तक सब जलमग्न हैं। किसान व आमजन खुद को असहाय महसूस कर रहा है। सरकार को जल्द से जल्द जल निकासी की व्यवस्था करनी चाहिए।
हुड्डा ने कहा कि हर बार की तरह इसबार भी बारिश ने सरकार के दावों की पोल खोलकर रख दी है। आज किसान के खेत से लेकर आधुनिक माने जाने वाले शहर गुरुग्राम तक सब जलमग्न हैं। किसान व आमजन खुद को असहाय महसूस कर रहा है। सरकार को जल्द से जल्द जल निकासी की व्यवस्था करनी चाहिए।
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