𝐖𝐡𝐢𝐥𝐞 𝐜𝐞𝐥𝐞𝐛𝐫𝐚𝐭𝐢𝐧𝐠 𝐀𝐳𝐚𝐝𝐢 𝐊𝐚 𝐀𝐦𝐫𝐢𝐭 𝐌𝐚𝐡𝐨𝐭𝐬𝐚𝐯 𝐰𝐢𝐭𝐡 𝐠𝐫𝐞𝐚𝐭 𝐩𝐚𝐭𝐫𝐢𝐨𝐭𝐢𝐜 𝐳𝐞𝐚𝐥 𝐚𝐧𝐝 𝐞𝐧𝐭𝐡𝐮𝐬𝐢𝐚𝐬𝐦, 𝐇𝐚𝐫𝐲𝐚𝐧𝐚 𝐂𝐡𝐢𝐞𝐟 𝐌𝐢𝐧𝐢𝐬𝐭𝐞𝐫, 𝐌𝐚𝐧𝐨𝐡𝐚𝐫 𝐋𝐚𝐥 𝐚𝐧𝐝 𝐡𝐢𝐬 𝐂𝐚𝐛𝐢𝐧𝐞𝐭 𝐰𝐢𝐥𝐥 𝐬𝐞𝐞 𝐚 𝐬𝐩𝐞𝐜𝐢𝐚𝐥 𝐬𝐜𝐫𝐞𝐞𝐧𝐢𝐧𝐠 𝐨𝐟 𝐒𝐰𝐚𝐫𝐚𝐣: 𝐁𝐡𝐚𝐫𝐚𝐭 𝐊𝐞 𝐒𝐰𝐚𝐭𝐚𝐧𝐭𝐫𝐚𝐭𝐚 𝐒𝐚𝐧𝐠𝐫𝐚𝐦 𝐊𝐢 𝐒𝐚𝐦𝐚𝐠𝐫𝐚 𝐆𝐚𝐭𝐡𝐚 𝐨𝐧 𝐒𝐞𝐩𝐭𝐞𝐦𝐛𝐞𝐫 𝟐𝟕 𝐚𝐭 𝐈𝐧𝐝𝐫𝐚𝐝𝐡𝐚𝐧𝐮𝐬𝐡 𝐀𝐮𝐝𝐢𝐭𝐨𝐫𝐢𝐮𝐦, 𝐏𝐚𝐧𝐜𝐡𝐤𝐮𝐥𝐚.
चंडीगढ़, डिजिटल डेक्स।। आजादी के 75वें अमृत महोत्सव को हरियाणा एक अनूठे अंदाज में मनाने जा रहा है, जिसमें न केवल आजादी के आंदोलन की झलक देखने को मिलेगी बल्कि आजादी के दिवानों द्वारा दिए गए बलिदान की अमरगाथा भी देखने व सुनने को मिलेगी।
प्रदेश सरकार आजादी के अमृत महोत्सव को विशेष तवज्जो दे रही है, ताकि आज की युवा पीढ़ी को आजादी से पहले अंग्रेजी हुकूमत द्वारा भारतीयों पर ढहाई गई बर्बरता से अवगत करवाया जा सके।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा अहमदाबाद के साबरमती आश्रम से आजादी के अमृत महोत्सव का शुभारंभ किया गया था, जो 15 अगस्त, 2023 तक चलेगा। अमृत महोत्सव की इसी श्रृंखला के तहत पूरे देश में कार्यक्रम किए जा रहे हैं। हरियाणा में भी आजादी का अमृत महोत्सव से जुड़े साल भर के कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार की गई और इस दौरान सैकड़ों कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
हरियाणा में आजादी के आंदोलन के दौरान हरियाणावासियों द्वारा दिए गए बलिदान से जुड़ी अनेक घटनाएं हैं, जिनमें रोहनात गांव का उल्लेख सर्वोपरी है। अंग्रेजी हुकूमत की बर्बरता का गवाह रहा भिवानी जिला के गांव रोहनात की कहानी पर आधारित नाटक ‘दास्तान-ए-रोहनात’ का मंचन स्वयं मुख्यमंत्री ने देखा।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा अहमदाबाद के साबरमती आश्रम से आजादी के अमृत महोत्सव का शुभारंभ किया गया था, जो 15 अगस्त, 2023 तक चलेगा। अमृत महोत्सव की इसी श्रृंखला के तहत पूरे देश में कार्यक्रम किए जा रहे हैं। हरियाणा में भी आजादी का अमृत महोत्सव से जुड़े साल भर के कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार की गई और इस दौरान सैकड़ों कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
हरियाणा में आजादी के आंदोलन के दौरान हरियाणावासियों द्वारा दिए गए बलिदान से जुड़ी अनेक घटनाएं हैं, जिनमें रोहनात गांव का उल्लेख सर्वोपरी है। अंग्रेजी हुकूमत की बर्बरता का गवाह रहा भिवानी जिला के गांव रोहनात की कहानी पर आधारित नाटक ‘दास्तान-ए-रोहनात’ का मंचन स्वयं मुख्यमंत्री ने देखा।
इस कार्यक्रम की खास बात यह रही कि इस दिन रोहनात व उसके आसपास के गांवों के लगभग 500 निवासियों को नाटक देखने के लिए विशेष रूप से हिसार में आमंत्रित किया गया। इसके बाद पंचकूला में विभाजन विभीषिका पर बनाई गई फिल्म को भी हरियाणा के मुख्यमंत्री ने देखा।
हरियाणा के शहीदों के बलिदान से जुड़े नाटक व विभाजन विभीषिका से जुड़ी फिल्म-शो जैसे अनूठे कार्यक्रमों का आयोजन कर राज्य सरकार ने आजादी का अमृत महोत्सव के लक्ष्य को सार्थक किया है।
इसी कड़ी में दूरदर्शन द्वारा देश की आजादी के 75वें महोत्सव पर तैयार किए गये 75 एपिसोड के सीरियल ‘स्वराज-भारत के स्वतंत्रता संग्राम की समग्र गाथा’ की 27 सितम्बर को पंचकूला के इंद्रधनुष सभागार में विशेष स्क्रीनिंग की जाएगी, जिसमें मुख्यमंत्री मनोहर लाल समस्त मंत्रिमण्डल के सदस्यों के साथ इस विशेष स्क्रीनिंग को देखेंगें।
इसी कड़ी में दूरदर्शन द्वारा देश की आजादी के 75वें महोत्सव पर तैयार किए गये 75 एपिसोड के सीरियल ‘स्वराज-भारत के स्वतंत्रता संग्राम की समग्र गाथा’ की 27 सितम्बर को पंचकूला के इंद्रधनुष सभागार में विशेष स्क्रीनिंग की जाएगी, जिसमें मुख्यमंत्री मनोहर लाल समस्त मंत्रिमण्डल के सदस्यों के साथ इस विशेष स्क्रीनिंग को देखेंगें।
𝐓𝐡𝐞 ‘𝐒𝐰𝐚𝐫𝐚𝐣’ 𝐛𝐞𝐢𝐧𝐠 𝐩𝐫𝐞𝐬𝐞𝐧𝐭𝐞𝐝 𝐢𝐧 𝐚 𝐝𝐨𝐜𝐮-𝐝𝐫𝐚𝐦𝐚, 𝐢𝐬 𝐞𝐧𝐯𝐢𝐬𝐢𝐨𝐧𝐞𝐝 𝐚𝐬 𝐭𝐡𝐞 𝐢𝐜𝐨𝐧𝐢𝐜 𝐬𝐞𝐫𝐢𝐚𝐥 𝐨𝐟 𝐃𝐨𝐨𝐫𝐝𝐚𝐫𝐬𝐡𝐚𝐧 𝐰𝐡𝐢𝐜𝐡 𝐰𝐢𝐥𝐥 𝐭𝐮𝐫𝐧 𝐢𝐧𝐭𝐨 𝐚 𝐧𝐚𝐭𝐢𝐨𝐧𝐚𝐥 𝐦𝐨𝐯𝐞𝐦𝐞𝐧𝐭 𝐢𝐧𝐬𝐩𝐢𝐫𝐢𝐧𝐠 𝐭𝐡𝐞 𝐩𝐮𝐛𝐥𝐢𝐜, 𝐞𝐬𝐩𝐞𝐜𝐢𝐚𝐥𝐥𝐲 𝐭𝐡𝐞 𝐲𝐨𝐮𝐭𝐡 𝐚𝐛𝐨𝐮𝐭 𝐈𝐧𝐝𝐢𝐚'𝐬 𝐫𝐢𝐜𝐡 𝐡𝐢𝐬𝐭𝐨𝐫𝐲 𝐚𝐧𝐝 𝐟𝐢𝐥𝐥𝐢𝐧𝐠 𝐞𝐯𝐞𝐫𝐲 𝐈𝐧𝐝𝐢𝐚𝐧'𝐬 𝐡𝐞𝐚𝐫𝐭 𝐰𝐢𝐭𝐡 𝐩𝐫𝐢𝐝𝐞.
‘स्वराज-भारत के स्वतंत्रता संग्राम की समग्र गाथा’ सीरियल का आरंभ उस दौर से होता है जब 1498 में वास्को-डी-गामा ने भारत की धरती पर कदम रखा था। फिर पुर्तगालियों, फ्रांसीसियों, डच और अंग्रेजों ने भारत में उपनिवेश स्थापित करने के प्रयत्न किए। उस दौर से प्रारंभ होकर भारत के आजाद होने तक के संघर्ष और हमारे स्वाधीनता के नायकों की गौरव गाथा को इस सीरियल में संजोया गया है।
𝐓𝐡𝐞 𝐮𝐧𝐢𝐪𝐮𝐞 𝐭𝐡𝐢𝐧𝐠 𝐚𝐛𝐨𝐮𝐭 𝐭𝐡𝐢𝐬 𝐬𝐞𝐫𝐢𝐞𝐬 𝐢𝐬 𝐭𝐡𝐚𝐭 𝐭𝐡𝐢𝐬 𝐧𝐨𝐭 𝐨𝐧𝐥𝐲 𝐢𝐧𝐜𝐥𝐮𝐝𝐞𝐬 𝐭𝐡𝐞 𝐬𝐭𝐨𝐫𝐢𝐞𝐬 𝐨𝐟 𝐰𝐞𝐥𝐥-𝐤𝐧𝐨𝐰𝐧 𝐡𝐞𝐫𝐨𝐞𝐬 𝐥𝐢𝐤𝐞 𝐌𝐚𝐧𝐠𝐚𝐥 𝐏𝐚𝐧𝐝𝐞𝐲, 𝐑𝐚𝐧𝐢 𝐋𝐚𝐱𝐦𝐢𝐛𝐚𝐢 𝐚𝐧𝐝 𝐁𝐡𝐚𝐠𝐚𝐭 𝐒𝐢𝐧𝐠𝐡, 𝐛𝐮𝐭 𝐮𝐧𝐤𝐧𝐨𝐰𝐧, 𝐮𝐧𝐡𝐞𝐚𝐫𝐝 𝐚𝐧𝐝 𝐟𝐨𝐫𝐠𝐨𝐭𝐭𝐞𝐧 𝐡𝐞𝐫𝐨𝐞𝐬 𝐚𝐧𝐝 𝐡𝐞𝐫𝐨𝐢𝐧𝐞𝐬 𝐥𝐢𝐤𝐞 𝐑𝐚𝐧𝐢 𝐀𝐛𝐚𝐤𝐤𝐚, 𝐁𝐚𝐤𝐬𝐡𝐢 𝐉𝐚𝐠𝐚𝐛𝐚𝐧𝐝𝐡𝐮, 𝐓𝐢𝐫𝐨𝐭 𝐒𝐢𝐧𝐠𝐡, 𝐒𝐢𝐝𝐡𝐨 𝐊𝐚𝐧𝐡𝐨 𝐌𝐮𝐫𝐦𝐮, 𝐒𝐡𝐢𝐯𝐚𝐩𝐩𝐚 𝐍𝐚𝐲𝐚𝐤 𝐊𝐚𝐧𝐡𝐨𝐣𝐢 𝐀𝐧𝐠𝐫𝐞, 𝐑𝐚𝐧𝐢 𝐆𝐚𝐢𝐝𝐢𝐧𝐥𝐢𝐮 𝐚𝐧𝐝 𝐓𝐢𝐥𝐤𝐚 𝐌𝐚𝐧𝐣𝐡𝐢 𝐚𝐫𝐞 𝐚𝐥𝐬𝐨 𝐢𝐧𝐜𝐥𝐮𝐝𝐞𝐝, 𝐰𝐡𝐨𝐬𝐞 𝐬𝐚𝐜𝐫𝐢𝐟𝐢𝐜𝐞𝐬 𝐰𝐞𝐧𝐭 𝐮𝐧𝐡𝐞𝐚𝐫𝐝-𝐭𝐨𝐥𝐝.
ख़ास बात यह है कि इस सीरियल में न केवल मंगल पांडे, रानी लक्ष्मीबाई और भगतसिंह जैसे जाने-माने नायकों के किस्सों को शामिल किया है बल्कि इस सीरियल में अज्ञात, अनसुने और भूले-बिसरे नायकों व वीरांगनाओं जैसे रानी अबक्का, बक्शी जगबंधु, तिरोत सिंह, सिद्धो कान्हो मुर्मु, शिवप्पा नायक कान्होजी आंग्रे, रानी गाइदिन्ल्यू और तिलका मांझी जैसे वीर योद्धाओं के बलिदान से जुड़ी कहानियां भी शामिल की गई हैं, जिनका बलिदान अनसुना-अनकहा रह गया था।
यह सीरियल केवल आजादी की गौरव गाथा के महानायकों के जीवनवृतांत को ही बयां नहीं करता बल्कि उपनिवेशिक ताकतों के अन्यायपूर्ण व्यवहार को दर्शकों तक पहुंचाने का अनूठा व बेहतरीन प्रयास है। सही मायने में यह आजादी के अमृत महोत्सव की सार्थकता सिद्ध करेगा।
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