आज आवश्यकता है कि उपलब्ध जल की मात्रा का इष्टतम उपयोग किया जाए ताकि जल संबंधी विभिन्न आवश्यकताओं की पूर्ति की जा सके, अधिकांश हिस्सों में पानी अपेक्षाकृत काफी नीचे चला गया है, नदियां प्रदूषित हो रही है, जल संचयन तंत्र बिगड़ रहे हैं
रादौर, डिजिटल डेक्स।। वाटर मैनेजमेंट विषय पर मुकंदलाल नेशनल कालेज में एक शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें पब्लिक हेल्थ वासो की जिला सलाहकार रजनी गोयल ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता एनएसएस अधिकारी प्रोफेसर रिचा ने की।
कार्यक्रम में कालेज प्रिंसिपल डा. दीपक कौशिक भी विशेष रूप से मौजूद रहे। कार्यक्रम में पहुंचने पर डा. कौशिक ने जिला सलाहकार रजनी गोयल को स्मृति चिंह् देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम में जल संरक्षण पर आधारित लघु फिल्में भी दिखाई गई और छात्रों को पानी जांचने के लिए फील्ड टेस्टिंग किट भी वितरित की गई।
रजनी गोयल ने बताया कि जल मानव अस्तित्व को बनाए रखने के लिए एक प्रमुख प्राकृतिक मूल्यवान संसाधन है। हमें न केवल अपने लिए इसकी रक्षा करनी है बल्कि भविष्य की पीढिय़ों के लिए भी इसे बचा कर रखना है। वर्तमान समय में जब भारत के साथ-साथ संपूर्ण विश्व जल संकट का सामना कर रहा है तो आवश्यक है कि इस ओर गंभीरता से ध्यान दिया जाए।
आज आवश्यकता है कि उपलब्ध जल की मात्रा का इष्टतम उपयोग किया जाए ताकि जल संबंधी विभिन्न आवश्यकताओं की पूर्ति की जा सके। अधिकांश हिस्सों में पानी अपेक्षाकृत काफी नीचे चला गया है। नदियां प्रदूषित हो रही है। जल संचयन तंत्र बिगड़ रहे हैं और भूजल स्तर लगातार घट रहा है।
जिला यमुनानगर में 251 ग्राम पंचायतों में भूजल स्तर काफी नीचे जा चुका है और यह डार्क जोन में आ गया है, यह चिंतनीय है। उन्होनें कहा कि जल प्रबंधन के प्रमुख तरीके अपनाने चाहिए जिनमें अपशिष्ट जल प्रबंधन प्रणाली के द्वारा गंदे पानी को रिसाइकल किया जाता है और उसे प्रयोग करने योग्य बनाया जाता है।
वाटर हार्वेस्टिंग द्वारा जल का संचयन कर सकते हैं। वर्षा जल का पुनच्रकण पानी बचाने का एक अच्छा तरीका है। पानी को संरक्षण करने और बर्बाद होने से बचाने के लिए भूमिगत टैंक का इस्तेमाल करें। अनावश्यक नलों को चालू ना रखें जरूरत होने पर ही नल खोलें।
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