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Chandigarh- नेचुरल गैस का उपयोग करने वाली औद्योगिक इकाईयों को वैट में 50 प्रतिशत मिलेगी छूट


𝐇𝐚𝐫𝐲𝐚𝐧𝐚 𝐆𝐨𝐯𝐞𝐫𝐧𝐦𝐞𝐧𝐭 𝐡𝐚𝐬 𝐝𝐞𝐜𝐢𝐝𝐞𝐝 𝐭𝐨 𝐠𝐢𝐯𝐞 𝐚 𝟓𝟎 𝐩𝐞𝐫𝐜𝐞𝐧𝐭 𝐫𝐞𝐛𝐚𝐭𝐞 𝐢𝐧 𝐕𝐚𝐥𝐮𝐞 𝐀𝐝𝐝𝐢𝐭𝐢𝐨𝐧 𝐓𝐚𝐱 (𝐕𝐀𝐓) 𝐭𝐨 𝐢𝐧𝐝𝐮𝐬𝐭𝐫𝐢𝐚𝐥 𝐮𝐧𝐢𝐭𝐬 𝐢𝐧 𝐭𝐡𝐞 𝐬𝐭𝐚𝐭𝐞 𝐭𝐡𝐚𝐭 𝐰𝐢𝐥𝐥 𝐫𝐞𝐩𝐥𝐚𝐜𝐞 𝐝𝐢𝐞𝐬𝐞𝐥 𝐠𝐞𝐧𝐞𝐫𝐚𝐭𝐨𝐫 𝐬𝐞𝐭𝐬 𝐫𝐞𝐪𝐮𝐢𝐫𝐞𝐝 𝐭𝐨 𝐦𝐞𝐞𝐭 𝐭𝐡𝐞𝐢𝐫 𝐞𝐧𝐞𝐫𝐠𝐲 𝐫𝐞𝐪𝐮𝐢𝐫𝐞𝐦𝐞𝐧𝐭 𝐰𝐢𝐭𝐡 𝐧𝐚𝐭𝐮𝐫𝐚𝐥 𝐠𝐚𝐬. 𝐓𝐡𝐢𝐬 𝐬𝐜𝐡𝐞𝐦𝐞 𝐰𝐢𝐥𝐥 𝐛𝐞 𝐚𝐩𝐩𝐥𝐢𝐜𝐚𝐛𝐥𝐞 𝐭𝐨 𝐞𝐧𝐭𝐢𝐫𝐞 𝐢𝐧𝐝𝐮𝐬𝐭𝐫𝐢𝐞𝐬 𝐢𝐧𝐜𝐥𝐮𝐝𝐢𝐧𝐠 𝐌𝐒𝐌𝐄𝐬 𝐚𝐧𝐝 𝐰𝐢𝐥𝐥 𝐛𝐞 𝐞𝐟𝐟𝐞𝐜𝐭𝐢𝐯𝐞 𝐟𝐨𝐫 𝟐 𝐲𝐞𝐚𝐫𝐬 𝐟𝐫𝐨𝐦 𝐭𝐡𝐞 𝐝𝐚𝐭𝐞 𝐨𝐟 𝐢𝐭𝐬 𝐧𝐨𝐭𝐢𝐟𝐢𝐜𝐚𝐭𝐢𝐨𝐧.



चंडीगढ़, डिजिटल डेक्स।। हरियाणा सरकार ने प्रदेश में उन औद्योगिक इकाईयों को मूल्य संवर्धन कर (वैट) में 50 प्रतिशत छूट देने का निर्णय लिया है, जो अपनी ऊर्जा की आवश्यकता डीजल से चलने वाले जनरेटर सेट की बजाय नेचुरल गैस से पूरा करेंगी। यह योजना एमएसएमई सहित पूरे उद्योगों पर लागू होगी तथा इसकी अधिसूचना तिथि से 2 वर्ष तक प्रभावी रहेगी।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई स्टैंडिंग फाइनेंस कमेटी की बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक में उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला भी उपस्थित थे।

उल्लेखनीय है राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में डीजल से चलने वाले जनरेटर सेट के उपयोग को प्रतिबंधित किया हुआ है। अब जो उद्योग अपनी ऊर्जा की आवश्यकता सीएनजी, पीएनजी से पूरा करेंगे उनको वैट में 50 प्रतिशत छूट मिलेगी।

इसी प्रकार, हरियाणा इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) नीति 2022 के तहत इलेक्ट्रिक वाहन विनिमार्ता कंपनियों को प्रति वर्ष विभिन्न मदों में 164.66 करोड़ रुपये की सब्सिडी देने को भी कमेटी ने स्वीकृति प्रदान की।

𝐍𝐨𝐭𝐚𝐛𝐥𝐲, 𝐭𝐡𝐞 𝐮𝐬𝐞 𝐨𝐟 𝐝𝐢𝐞𝐬𝐞𝐥-𝐩𝐨𝐰𝐞𝐫𝐞𝐝 𝐠𝐞𝐧𝐞𝐫𝐚𝐭𝐨𝐫 𝐬𝐞𝐭𝐬 𝐢𝐬 𝐛𝐚𝐧𝐧𝐞𝐝 𝐢𝐧 𝐭𝐡𝐞 𝐍𝐚𝐭𝐢𝐨𝐧𝐚𝐥 𝐂𝐚𝐩𝐢𝐭𝐚𝐥 𝐑𝐞𝐠𝐢𝐨𝐧. 𝐍𝐨𝐰 𝐭𝐡𝐞 𝐢𝐧𝐝𝐮𝐬𝐭𝐫𝐢𝐞𝐬 𝐭𝐡𝐚𝐭 𝐰𝐢𝐥𝐥 𝐦𝐞𝐞𝐭 𝐭𝐡𝐞𝐢𝐫 𝐞𝐧𝐞𝐫𝐠𝐲 𝐫𝐞𝐪𝐮𝐢𝐫𝐞𝐦𝐞𝐧𝐭 𝐟𝐫𝐨𝐦 𝐂𝐍𝐆, 𝐏𝐍𝐆 𝐰𝐢𝐥𝐥 𝐠𝐞𝐭 𝐚 𝟓𝟎 𝐩𝐞𝐫𝐜𝐞𝐧𝐭 𝐞𝐱𝐞𝐦𝐩𝐭𝐢𝐨𝐧 𝐢𝐧 𝐕𝐀𝐓.

𝐒𝐢𝐦𝐢𝐥𝐚𝐫𝐥𝐲, 𝐭𝐡𝐞 𝐂𝐨𝐦𝐦𝐢𝐭𝐭𝐞𝐞 𝐚𝐥𝐬𝐨 𝐚𝐩𝐩𝐫𝐨𝐯𝐞𝐝 𝐠𝐢𝐯𝐢𝐧𝐠 𝐚 𝐬𝐮𝐛𝐬𝐢𝐝𝐲 𝐨𝐟 𝐑𝐬.𝟏𝟔𝟒.𝟔𝟔 𝐜𝐫𝐨𝐫𝐞 𝐩𝐞𝐫 𝐲𝐞𝐚𝐫 𝐭𝐨 𝐞𝐥𝐞𝐜𝐭𝐫𝐢𝐜 𝐯𝐞𝐡𝐢𝐜𝐥𝐞 𝐦𝐚𝐧𝐮𝐟𝐚𝐜𝐭𝐮𝐫𝐢𝐧𝐠 𝐜𝐨𝐦𝐩𝐚𝐧𝐢𝐞𝐬 𝐮𝐧𝐝𝐞𝐫 𝐯𝐚𝐫𝐢𝐨𝐮𝐬 𝐡𝐞𝐚𝐝𝐬, 𝐮𝐧𝐝𝐞𝐫 𝐇𝐚𝐫𝐲𝐚𝐧𝐚 𝐄𝐥𝐞𝐜𝐭𝐫𝐢𝐜 𝐕𝐞𝐡𝐢𝐜𝐥𝐞 (𝐄𝐕) 𝐏𝐨𝐥𝐢𝐜𝐲 𝟐𝟎𝟐𝟐.

𝐓𝐡𝐞 𝐂𝐡𝐢𝐞𝐟 𝐌𝐢𝐧𝐢𝐬𝐭𝐞𝐫 𝐰𝐚𝐬 𝐚𝐩𝐩𝐫𝐢𝐬𝐞𝐝 𝐭𝐡𝐚𝐭 𝐭𝐡𝐞 𝐄𝐕 𝐏𝐨𝐥𝐢𝐜𝐲 𝐚𝐢𝐦𝐬 𝐭𝐨 𝐩𝐫𝐨𝐭𝐞𝐜𝐭 𝐭𝐡𝐞 𝐞𝐧𝐯𝐢𝐫𝐨𝐧𝐦𝐞𝐧𝐭, 𝐫𝐞𝐝𝐮𝐜𝐞 𝐜𝐚𝐫𝐛𝐨𝐧 𝐟𝐨𝐨𝐭𝐩𝐫𝐢𝐧𝐭, 𝐦𝐚𝐤𝐞 𝐇𝐚𝐫𝐲𝐚𝐧𝐚 𝐚𝐧 𝐄𝐕 𝐦𝐚𝐧𝐮𝐟𝐚𝐜𝐭𝐮𝐫𝐢𝐧𝐠 𝐡𝐮𝐛, 𝐞𝐧𝐬𝐮𝐫𝐞 𝐬𝐤𝐢𝐥𝐥 𝐝𝐞𝐯𝐞𝐥𝐨𝐩𝐦𝐞𝐧𝐭 𝐢𝐧 𝐄𝐕 𝐟𝐢𝐞𝐥𝐝, 𝐞𝐧𝐜𝐨𝐮𝐫𝐚𝐠𝐞 𝐮𝐩𝐭𝐚𝐤𝐞 𝐨𝐟 𝐄𝐕 𝐯𝐞𝐡𝐢𝐜𝐥𝐞𝐬, 𝐩𝐫𝐨𝐯𝐢𝐝𝐞 𝐄𝐕 𝐜𝐡𝐚𝐫𝐠𝐢𝐧𝐠 𝐢𝐧𝐟𝐫𝐚𝐬𝐭𝐫𝐮𝐜𝐭𝐮𝐫𝐞 𝐚𝐧𝐝 𝐞𝐧𝐜𝐨𝐮𝐫𝐚𝐠𝐞 𝐑&𝐃 𝐢𝐧 𝐄𝐕 𝐭𝐞𝐜𝐡𝐧𝐨𝐥𝐨𝐠𝐲.

बैठक में बताया गया कि ईवी नीति का उद्देश्य पर्यावरण को संरक्षित करना, कार्बन फुटप्रिंट को कम करना, हरियाणा को ईवी मैन्युफैक्चरिंग हब बनाना, ईवी क्षेत्र में कौशल विकास सुनिश्चित करना, ईवी वाहनों को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करना, ईवी चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर प्रदान करना और ईवी तकनीक में अनुसंधान एवं विकास को प्रोत्साहित करना है।

यह नीति ईवी प्रौद्योगिकी में नए विनिर्माण को प्रोत्साहित करती है और मौजूदा ऑटोमोबाइल निर्माताओं को ईवी विनिर्माण क्षेत्र में विविधता लाने के लिए प्रोत्साहित भी करती है। नीति में ईवी निर्माताओं को फिक्स्ड पूंजी निवेश (एफसीआई), कुल एसजीएसटी, स्टाम्प शुल्क पर प्रोत्साहन देकर विभिन्न वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करना, रोजगार सृजन इत्यादि शामिल हैं।

𝐓𝐡𝐞 𝐩𝐨𝐥𝐢𝐜𝐲 𝐞𝐧𝐜𝐨𝐮𝐫𝐚𝐠𝐞𝐬 𝐑&𝐃 𝐢𝐧 𝐄𝐝𝐮𝐜𝐚𝐭𝐢𝐨𝐧𝐚𝐥 𝐨𝐫 𝐫𝐞𝐬𝐞𝐚𝐫𝐜𝐡 𝐢𝐧𝐬𝐭𝐢𝐭𝐮𝐭𝐞𝐬. 𝐄𝐟𝐟𝐨𝐫𝐭𝐬 𝐬𝐡𝐚𝐥𝐥 𝐛𝐞 𝐦𝐚𝐝𝐞 𝐭𝐨 𝐜𝐨𝐧𝐯𝐞𝐫𝐭 𝟏𝟎𝟎 𝐩𝐞𝐫𝐜𝐞𝐧𝐭 𝐨𝐟 𝐛𝐮𝐬 𝐟𝐥𝐞𝐞𝐭 𝐨𝐰𝐧𝐞𝐝 𝐛𝐲 𝐇𝐚𝐫𝐲𝐚𝐧𝐚 𝐒𝐭𝐚𝐭𝐞 𝐓𝐫𝐚𝐧𝐬𝐩𝐨𝐫𝐭 𝐔𝐧𝐝𝐞𝐫𝐭𝐚𝐤𝐢𝐧𝐠𝐬 𝐢𝐧𝐭𝐨 𝐞𝐥𝐞𝐜𝐭𝐫𝐢𝐜 𝐛𝐮𝐬𝐞𝐬 𝐨𝐫 𝐅𝐮𝐞𝐥 𝐂𝐞𝐥𝐥 𝐕𝐞𝐡𝐢𝐜𝐥𝐞𝐬 𝐨𝐫 𝐨𝐭𝐡𝐞𝐫 𝐧𝐨𝐧- 𝐟𝐨𝐬𝐬𝐢𝐥-𝐟𝐮𝐞𝐥-𝐛𝐚𝐬𝐞𝐝 𝐭𝐞𝐜𝐡𝐧𝐨𝐥𝐨𝐠𝐢𝐞𝐬 𝐛𝐲 𝟐𝟎𝟑𝟎. 

𝐓𝐡𝐞 𝐜𝐢𝐭𝐢𝐞𝐬 𝐨𝐟 𝐆𝐮𝐫𝐮𝐠𝐫𝐚𝐦 𝐚𝐧𝐝 𝐅𝐚𝐫𝐢𝐝𝐚𝐛𝐚𝐝 𝐰𝐢𝐥𝐥 𝐛𝐞 𝐝𝐞𝐜𝐥𝐚𝐫𝐞𝐝 𝐚𝐬 𝐦𝐨𝐝𝐞𝐥 𝐄𝐥𝐞𝐜𝐭𝐫𝐢𝐜 𝐌𝐨𝐛𝐢𝐥𝐢𝐭𝐲 (𝐄𝐌) 𝐜𝐢𝐭𝐢𝐞𝐬 𝐰𝐢𝐭𝐡 𝐩𝐡𝐚𝐬𝐞-𝐰𝐢𝐬𝐞 𝐠𝐨𝐚𝐥𝐬 𝐭𝐨 𝐚𝐝𝐨𝐩𝐭 𝐄𝐥𝐞𝐜𝐭𝐫𝐢𝐜 𝐕𝐞𝐡𝐢𝐜𝐥𝐞𝐬 (𝐄𝐕𝐬), 𝐜𝐡𝐚𝐫𝐠𝐢𝐧𝐠 𝐢𝐧𝐟𝐫𝐚𝐬𝐭𝐫𝐮𝐜𝐭𝐮𝐫𝐞 𝐭𝐨 𝐚𝐜𝐡𝐢𝐞𝐯𝐞 𝟏𝟎𝟎 𝐩𝐞𝐫𝐜𝐞𝐧𝐭 𝐞-𝐦𝐨𝐛𝐢𝐥𝐢𝐭𝐲.

यह नीति शैक्षिक या अनुसंधान संस्थानों में अनुसंधान एवं विकास को प्रोत्साहित करती है। वर्ष 2030 तक हरियाणा राज्य परिवहन उपक्रमों के स्वामित्व वाले बस बेड़े को शत-प्रतिशत इलेक्ट्रिक बसों या ईंधन सैल वाहनों या अन्य गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित प्रौद्योगिकियों में बदलने का प्रयास किया जाएगा।

इसके अलावा, सरकार ने गुरुग्राम और फरीदाबाद शहरों को मॉडल इलेक्ट्रिक मोबिलिटी (ईएम) शहरों में शत-प्रतिशत इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी), ई-मोबिलिटी हासिल करने के लिए चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को अपनाने के लिए चरणबद्ध लक्ष्य निर्धारित किए हैं।

बैठक में मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव डी एस ढेसी, वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आनंद मोहन शरण, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वी उमाशंकर, परिहवन विभाग के प्रधान सचिव नवदीप विर्क, हरियाणा राज्य ओद्यौगिक एवं अवसंरचना विकास निगम कें प्रबंध निदेशक विकास गुप्ता और उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के महानिदेशक शेखर विद्यार्थी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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